मोदी सरकार लगातार बेनामी संपति के खिलाफ अपने अभियान को धार देने में जुटी हुई है. इसके तहत ही आयकर विभाग ने आम लोगों को बेनामी संपति से दूर रहने की हिदायत दी है. उसने कहा है कि बेनामी लेनदेन से दूर रहें, वरना नये कानून के तहत 7 साल की जेल और जुर्माना लग सकता है. आयकर विभाग ने देश के प्रमुख अखबारों में यह अलर्ट जारी किया है.
अखबारों में छपे इस अलर्ट को ‘बेनामी लेनदेन से दूर रहें’ शीर्षक के साथ प्रकाशित किया गया है. इसमें कालेधन को इंसानियत के खिलाफ अपराध करार दिया गया है. विभाग ने विज्ञापन में आम लोगों को कालेधन से निपटने में सरकार की मदद करने का आह्ववान किया है.
इनकम टैक्स विभाग के विज्ञापन में कहा गया है, ”बेनामीदार (जिसके नाम पर बेनामी संपति रजिस्टर है), लाभकारी (जिसने इसके लिए कीमत चुकाई है) व ऐसे लोग जो बेनामी लेनदेन करते हैं, उन्हें 7 साल तक की जेल की कड़ी सजा हो सकती है. इसके अलावा उन पर बेनामी संपति की मार्केट वैल्यू के हिसाब से 25 फीसदी जुर्माना भी लगाया जा सकता है.”
टैक्स विभाग ने 1 नवंबर, 2016 से अक्टूबर, 2017 तक 1833 करोड़ रुपये की बेनामी संपति जब्त की. इस दौरान उसने 517 नोटिस भेजे. 541 जब्ती की कार्रवाई की. बता दें कि विभाग ने नये बेनामी लेनदेन (प्रतिबंध) संशोधन एक्ट, 2016 के तहत 1 नवंबर, 2016 से कार्रवाई शुरू कर दी थी.
विज्ञापन में आगे कहा गया है कि जो लोग इस एक्ट के तहत गलत जानकारी मुहैया कराएंगे, उन्हें 5 साल तक जेल की सजा हो सकती है. इसके अलावा उन पर बेनामी संपति की मार्केट वैल्यू के हिसाब से 10 फीसदी जुर्माना भी लगेगा.
आयकर विभाग ने कहा है कि बेनामी सपंति को सरकार जब्त कर सकती है और वह सीज करने का अधिकार भी रखती है. आयकर विभाग ही बेनामी एक्ट को लागू करने वाला नोडल विभाग है. (AAjtak)