नई दिल्लीः राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने नई दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग परिषद-भारत द्वारा पीआईओ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री तथा भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के सहयोग से आयोजित प्रवासी सांसदों के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय डायसपोरा सभी देशों में ऊंचाइयों पर पहुंचा है। डायसपोरा में बसने वाले देशों और वहां के समाज की खुशहाली में योगदान दिया है। अर्थव्यवस्था को समृद्ध बनाया है और बौद्धिक संपदा और स्थानीय संस्कृति में योगदान दिया है। भारत डायसपोरा के सदस्यों ने इटली, बोलिविया तथा तंजानिया जैसे देशों के खेतों में कड़ी मेहनत की है। डायसपोरा के सदस्यों ने सिलिकन वैली स्टार्ट-अप परिस्थितिकी प्रणाली में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। प्रवासी दुबई तथा खाड़ी क्षेत्र में अन्य प्रमुख व्यावसायिक शहरों की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। प्रवासी भारतीयों के बिना न्यूयॉर्क लंदन और सिंगापुर के वैश्विक केंद्र वैसे नहीं रहते जैसे अभी हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि एक देश के रूप में हमें प्रवासी भारतीय भाईयों और बहनों के कार्यों पर गर्व है। उन्होंने पूरे विश्व में भारत और भारतीय लोगों की पहचान कायम की है। प्रवासी भारतीय,भारतीय संस्कृति के प्रति सच्चे रहे हैं और हजारों मील दूर रहते हुए भी अपनी जड़ों से जुड़े रहे हैं। विश्व बाजार में आज भारतीय खान-पान और भारतीय फिल्में इसलिए हैं, क्योंकि प्रवासी भारतीय उन्हें दूर तक ले गए हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सरकार के लिए प्रवासियों सांसदों या व्यापक भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ सहयोग कारोबारी संबंध के रूप में नहीं है। हम प्रवासी समुदाय को सांसदों और निर्वाचित प्रतिनिधियों के जीवंत सेतु के रूप में देखते हैं। प्रवासी भारतीयों की प्रवास वाले देशों तथा पुरखों के देशों के बीच समझदारी बढ़ाने में उनकी भूमिका है। राष्ट्रपति ने कहा कि प्रवासी सांसदों के लिए अपने देश की प्राथमिकताओं को भारत के विकास से जोड़ना महत्वपूर्ण है।
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