नई दिल्ली: केंद्रीय सूश्र्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्य मंत्री श्री गिरिराज सिंह के मंत्री पद संभालने के बाद खादी और ग्रामोद्योग आयोग के केंद्रीय कार्यालय के दो दिवसीय दौरे का आज प्रथम दिन रहा जहां उन्होंने आयुक्त कार्यालय खादी और ग्रामोद्योग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व आयुक्त श्री अरुण कुमार झा तथा खादी और ग्रामोद्योग आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों, महाराष्ट्र राज्य के खादी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ अपनी बातचीत के दौरान कहा कि खादी क्षेत्र में सोलर चरखा एक क्रांतिकारी प्रौद्योगिकी है। केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्य मंत्री श्री गिरिराज सिंह ने कहा कि हमारा लक्ष्य प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में एक लाख महिलाओं को रोजगार प्रदान कर उन्हें सामाजिक सुरक्षा योजना से जोड़ने का है। साथ ही खादी की बिक्री को 26,000 करोड़ से बढ़ाकर 1.00 लाख करोड़ करने का है। पारिश्रमिक एवं उत्पादन में कमी के कारण खादी कार्य को छोड़ने वाले ऐसे कारीगरों की संख्या में कमी आएगी। माननीय राज्य मंत्री एमएसएमई ने कहा कि सोलर चरखा बुनकरों पर तनाव कम कर उत्पादकता बढ़ाने के लिए सौर चरखे की शुरुआत की योजना है जिससे प्रत्येक कारीगर की आय में प्रतिमाह 5,000 रु. से 8,000 रु. की वृद्धि होगी।
उन्होंने कहा कि कपड़ा मिल में एक व्यक्ति को रोजगार के लिए 25,000 स्पिंडल की आवश्यकता है, जबकि उसकी पूंजीगत लागत 60 रु. लाख के आसपास है वही सोलर चरखे उपयोग में लाने से यह लागत घटकर मात्र 60000 से 70000 होगी।
बैठक के दौरान मंत्री महोदय ने युवाओं में खादी व्यवहार्य और लोकप्रिय बनाने के लिए व्यावहारिक सुझाव के साथ आमंत्रित फैशन डिजानरों के साथ बातचीत भी की।
उन्होंने महाराष्ट्र राज्य में खादी और ग्रामोद्योग क्षेत्र में रोजगार की नयी संभावनाएं पैदा करने के लिए नाबार्ड के अध्यक्ष एवं प्रंबध निदेशक, डॉ हर्ष कुमार भनवाला और सिडबी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, डॉ क्षत्रपति शिवाजी, के साथ एक गहन चर्चा की।
उन्होंने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग से जुड़ी संस्थानों में कार्यरत महिला कारीगर भी इस योजना का लाभ पीएमईजीपी योजना के अंतर्गत ले सकती है।