नई दिल्लीः बांग्लादेश, भारत और नेपाल ने जून, 2015 में हस्ताक्षरित बांग्लादेश-भूटान-भारत-नेपाल (बीबीआईएन) मोटर वाहन समझौते (एमवीए) के तहत उप-क्षेत्र में यात्री वाहन आवाजाही के लिए परिचालनगत प्रक्रियाओं के मूल विषय पर सहमति जताई है और जल्द ही यह यात्री प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर के लिए आंतरिक मंजूरी प्रक्रियाओं को पूरी कर लेगी। प्रतिभागी देशों ने इस समझौते के तहत कार्गो वाहनों के लिए और अधिक ट्रायल रन संचालित करने पर भी सहमति जताई है। तीनों देशों के उच्चस्तरीय अधिकारियों ने बेंगलुरु में 10-11 जनवरी को आयोजित एक बैठक में एमवीए के कार्यान्वयन पर चर्चा की, जिसका संयोजन एवं अध्यक्षता भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने की। पर्यवेक्षक के रूप में भूटान के आधिकारिक शिष्टमंडल ने भी इस बैठक में हिस्सा लिया।
इस ऐतिहासिक एमवीए पर 15 जून, 2015 को भूटान के थिम्पू में बीबीआईएन देशेां के परिवहन मंत्रियों द्वारा हस्ताक्षर किए गए। एमवीए के तहत कार्गो वाहनों के लिए ट्रायल रन का परिचालन पूर्व में कोलकाता-ढाका-अगरतला एवं दिल्ली-कोलकाता-ढाका रूट के साथ किया गया। ये परीक्षण समझौते के आर्थिक लाभों को रेखांकित करने में सफल रहे। बांग्लादेश-भारत-नेपाल ने पहले ही एमवीए की अभिपुष्टि कर दी है और तीनों हस्ताक्षरकर्ता देशों के बीच एमवीए के कार्यान्वन पर सहमति जताई है। भूटान इस समझौते पर पुष्टि करने के बाद इसमें शामिल हुआ।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की संयुक्त सचिव एवं बेंगलुरु में आयोजित बैठक की अध्यक्षा सुश्री दक्षिता दास ने कहा कि ‘मैं एमवीए पहल पर आगे बढ़ने की बीबीआईएन देशों की मजबूत प्रतिबद्धता से प्रोत्साहित हुई हूं।‘ उन्होंने कहा कि भारत एमवीए को सफल बनाने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयत्न करेगा और इसे उप क्षेत्र में सीमा पार व्यापार में तेजी लाने एवं आर्थिक समेकन का एक प्रमुख माध्यम बनाने की कोशिश करेगा।
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) दक्षिण एशिया उप क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग (एसएएसईसी) को अपनी सहायता के एक हिस्से के रूप में बीबीआईएन एमवीए को तकनीकी, परामर्शदात्री एवं वित्तीय सहयोग उपलब्ध कराता रहा है।