जिला स्तर पर ऐसे सभी शस्त्रों का, जिनको फार्म 3 पर स्वीकृत किया गया है, डाटाबेस तैयार किये जाने के निर्देश शासन द्वारा पूर्व में दिये गये थे ताकि शस्त्र लाइसेंसों का राष्ट्रीय डाटाबेस (एन0डी0ए0एल0) पूर्ण हो सके। इस डाटाबेस में निषिद्ध बोर (पी0बी0) और गैर निषिद्ध बोर (एन0पी0बी0) सभी शस्त्रों का विवरण अंकित किया जा रहा है।
वीडियो कान्फ्रेन्सिंग में गृह सचिव ने एक से अधिक शस्त्र लाइसेंस धारकों का एक ही यू0आई0एन0 (यूनीक आईडेंटिफिकेशन नम्बर) जनरेट किये जाने के कार्य में अब तक हुई प्रगति की विस्तार से समीक्षा की गई। जिन 30 जिलों के कार्य अपेक्षा के अनुरूप नहीं पाये गये, उन सभी को आगामी 31 जुलाई, 2015 तक अवशेष कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिये गये है, साथ ही एटा व बागपत जिलों में पिछले 15 दिनों के दौरान बहुत अच्छा कार्य किया गया जिसके लिये उनकी प्रशंसा भी की गयी।
इस वर्ष अक्टूबर से पूर्व सभी लाइसेंसी के यू0आई0एन0 नम्बर प्रत्येक दशा में जनरेट करने के निर्देश दिये गये है। बैठक में बताया गया कि भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार जिन लाइसेंसी के यू0आई0एन0 निर्धारित तिथि तक जनरेट नहीं हो पाएंगे, उनके लाइसेंस एवं शस्त्र स्वतः अवैध हो जाएंगे। अतः इस दिशा में धीमी प्रगति वाले 30 जनपदों से कार्य में तेजी लाये जाने की अपेक्षा की गई। यह भी जानकारी दी गई कि आगामी 15 जूलाई को प्रमुख सचिव गृह द्वारा स्वयं वीडियो कान्फ्रेन्सिंग कर प्रत्येक जिले मे इस दिशा में हुई कार्यवाही की गहन समीक्षा की जायेगी।
गृह सचिव ने कहा कि लाइसेंस बनने के कई वर्ष व्यतीत होने के बाद भी लाइसेंसधारियों द्वारा शस्त्र का क्रय नहीं किया गया है जो कि अवैध है। उन्होंने बताया कि सूचना अपूर्ण होने के कारण डाटाबेस का कार्य पूर्ण नहीं हो पा रहा है और यू0आई0एन0 नम्बर भी जनरेट नहीं हो पा रहा है। उन्होंने ऐसे लाइसेंसधारियों के विरूद्ध नियमानुसार नोटिस निर्गत करके विधिक कार्यवाही के निर्देश दिये है। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि फील्ड स्तर पर कैम्प लगाकर अपूर्ण सूचनाएं एकत्र करने का प्रयास किया जाए ताकि निर्धारित समय सीमा के भीतर यूनीक आईडेंटिफिकेशन नम्बर जनरेट किया जा सके।
सभी लाइसेंसधारियों को यह स्पष्ट बताये जाने के निर्देश दिये गये हैं कि यदि पहली अक्टूबर, 2015 तक यू0आई0एन0 जनरेट नहीं होता है तो लाइसेंस व शस्त्र दोनों ही अवैध माने जाएंगे। लाइसेंसधारी से भी अपेक्षा की गई है कि वह स्वयं आकर आवश्यक सूचनाये जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय को उपलब्ध करा सकें और भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार पहली अक्टूबर, 2015 से पूर्व सभी लाइसेंसधारकों का यूनीक आईडेंटिफिकेशन नम्बर जनरेट हो सके।
गृह सचिव ने बताया कि इस योजना का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि लाइसेंस संबंधी सारी सूचनाएं एक क्लिक पर उपलब्ध हो सकेगी तथा इससे आन्तरिक सुरक्षा व्यवस्था को भी सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी और शस्त्र लाइसेंसियों का दुरूपयोग भी रूकेगा।