नई दिल्ली: बिटक्वाइन या अन्य क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन करने वाले हजारों लोगों को केंद्र सरकार ने टैक्स नोटिस भेजा है। आयकर विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, एक सर्वेक्षण में देश भर में विभिन्न क्रिप्टोकरेंसी में बीते 17 महीनों में 3.5 अरब डॉलर (करीब 223 अरब रुपये) के लेनदेन की बात सामने आई है। इसके निवेशकों में तकनीकी रूप से उन्नत युवा, रियल एस्टेट से जुड़े लोग और आभूषण विक्रेता बड़े पैमाने पर शामिल हैं। पुणे, बेंगलुरु, मुंबई, दिल्ली समेत नौ एक्सचेंजों से जानकारी जुटाने के बाद ऐसे कई लोगों को नोटिस भेजा गया है।
दुनियाभर की सरकारें क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार पर लगाम लगाने के प्रयास कर रही हैं। सरकारों का मानना है कि इसके जरिये कालेधन को खपाने और टैक्स से बचने के उपाय तलाशे जा रहे हैं। मार्च में अर्जेटीना में होने वाली जी-20 सम्मेलन में भी इस मसले पर चर्चा हो सकती है। भारत सरकार की ओर से क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों को कई बार हिदायत दी जा चुकी है। सरकार ने इसे पोंजी स्कीमों जैसा बताया है।
इसमें पैसा लगाने पर किसी भी नुकसान के लिए सरकार जिम्मेदार नहीं होगी। हालांकि अब तक सीधे तौर पर इन पर लगाम लगाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है।
एक अनुमान के मुताबिक, भारत में हर महीने करीब दो लाख नए लोग क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन करते हैं। कर्नाटक के आयकर विभाग के महानिदेशक बी.आर.
बालाकृष्णन ने कहा कि इससे जुड़ने वालों के पैटर्न और संख्या का आकलन करने के बाद नोटिस भेजे गए हैं।
जागरण