देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पोलिटेक्निक एवं आईटीआई में ऐसे कोर्स संचालित कराने को कहा है जो वर्तमान दौर की दृष्टि से व्यवहारिक हो। युवाओं में तकनीकि दक्षता का विकास समय की जरूरत है। स्किल डेवलपमेंट पर विशेष ध्यान देने पर बल देते हुए उन्होंने निर्देश दिये कि आईटीआई एक्सिलेंस सेंटर के रूप में विकसित हो। इनमें ऐसा तंत्र विकसित किया जाए ताकि जिस भी विभाग को स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग की जरूरत हो, उसकी व्यवस्था इन संस्थानों में हो सके, इसके लिए सेवायोजन अधिकारियों को स्किल डेवलपमेंट अफसरों कीे भी जिम्मेदारी दी जाए।
शनिवार को बीजापुर अतिथि गृह में तकनीकि शिक्षा की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि दक्ष मानव संसाधन उपलब्ध कराने में उत्तराखण्ड का नाम हो, इसके प्रयास किये जाए। सभी विभागों में इंटरनल स्किल डेवलपमेंट से संबंधित प्रोग्राम के लिए रोड मेप तैयार किया जाए। इसके लिए अगले माह सभी विभागीय प्रमुखों की उनकी अध्यक्षता में बैठक आयोजित करने के भी उन्होंने निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पाॅलिटेक्निक व आईटीआई में पढने वाले छात्र पढाई के दौरान ही कमाने की स्थिति मंे आजाए। एसी व्यवस्था बनायी जाए। स्थानीय दक्षता के विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने एआईसीटी के मानकों को पूरा करने के लिए तीन पाॅलिटेक्निकों को आपस में जोडने तथा उनमें आवश्यकतानुसार विषयों की पढाई की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा ताकि ये संस्थान और अधिक प्रभावी हो सकें। तथा इन्हें केन्द्रीय मदद भी मिल सकें। राज्य की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए यह व्यवस्था जरूरी हैं।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने तकनीकि विश्वविद्यालय की व्यवस्थाओं आदि के संबंध में शीघ्र अलग से बैठक आयोजित करने तथा द्वाराहाट इंजीनियरिंग कालेज में तीन माह के भीतर निदेशक की नियुक्ति के भी निर्देश दिए। बैठक मे प्रदेश में संचालित शासकीय व निजी इंजीनियरिंग कालेजों की भी उन्होंने व्यापक समीक्षा की।
बैठक में मुख्य सचिव एन. रविशंकर, अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा, सचिव तकनीकी शिक्षा आर.के.सुधांशु, निदेशक तकनिकि शिक्षा अक्षत गुप्ता सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।