देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पं0 दीनदयाल उपाध्याय कोरोनेशन हाॅस्पिटल देहरादून में ई-रक्तकोष, ई-औषधि तथा आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम का शुभारम्भ किया।
मरीजो व अस्पतालों के बीच की दूरी टेक्नोलाॅजी के माध्यम से कम होगी-मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र
स्वास्थ्य विभाग तथा एनआईसी को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि आज राज्य के सभी 35 रक्त बैंक ई-रक्तकोष सेवा, राज्य के 52 हाॅस्पिटल ई-औषधि तथा 45 हाॅस्पिटल आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन सिस्टम से जुड़ चुके है। तकनीकि के प्रयोग से राज्य का स्वास्थ्य क्षेत्र महत्वपूर्ण मुकाम तक पहुंचेगा। स्वास्थ्य विभाग की कार्य-प्रणाली सुविधाजनक होगी तथा रोगियों व तिमारदारों को सुविधा होगी।
उल्लेखनीय है कि आॅनलाईन रजिस्ट्रेशन सिस्टम(ORS.Gov.in) द्वारा सरकारी अस्पतालों में अप्वाइंटमण्ट लेना आसान हो गया है। आधार नंबर पर आधारित इस सिस्टम से मरीज/तीमारदार राज्य के किसी भी क्षेत्र से राज्य के 45 बड़े हाॅस्पिटलों में संबंधित विभाग एवं दिनांाक हेतु आॅनलाईन रजिस्ट्रेशन करवा सकते है। पंजीकरण होते ही मरीज के मोबाईल में एस0एम0एस भेजा जाएगा जिसमें डाॅक्टर से मिलने की तारीख व समय होगा। आॅनलाईन रजिस्ट्रेशन सिस्टम की शुरूआत से मरीजों या तीमारदारों को लम्बी कतारो में नहीं लगना पड़ेगा तथा समय की बचत होगी। देश के लगभग 150 अस्पताल आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन से जुडे हैं जिसमें 45 अस्पताल उत्तराखण्ड में है।
ई रक्तकोष के माध्यम से वर्तमान में रक्तकोषों में उपलब्ध रक्त यूनिटों की मात्रा, उनका गु्रप तथा रक्त कम्पोनेन्टांे की स्थिति वेबसाईट eraktkosh.in तथा eraktkosh application ऐप के माध्यम किसी भी स्थान से हर समय देखा जा सकता है। स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देना व रक्त अपव्यय को रोकना, रक्त की गुणवत्ता बनाये रखना, कुशलतापूर्वक व प्रभावशाली ढंग से जरूरतमंदो को रक्त उपलब्ध करवाना ई-रक्तकोष का उददेश्य है।
सी-डैक नोएडा के तकनीकी सहयोग से विकसित ई-औषधि द्वारा राज्य के 52 हाॅस्पिटलों में उपलब्ध दवाईयों के विवरण को कम्पयटरीकृत करते हुए दवाईयों की उपलब्धता, कमी, इक्सपायरी की सूचना व गुणवता आदि की निरन्तर माॅनिटरिंग की जा सकेगी।
डाॅक्टर जेनेरिक दवाईयाॅ लिखे–मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने डाॅक्टरों को निर्देश दिये कि वे जेनेरिक दवाईयाॅ लिखे ताकि आम जनता व निर्धन मरीजों को कम से कम खर्च पर अच्छा उपचार मिल सके।
मुख्यमंत्री को सीधे सुझाव दिये जा सकते है– मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार हेतु स्वयं मुख्यमंत्री को भी सीधे सुझाव दिये जा सकते है। इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री किसी भी प्रकार की औपचारिकता में विश्वास नहीं करते। स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े लोग या आम जनता भी मुख्यमंत्री को सीधे रचनात्मक सुझाव दे सकती है। अच्छे सुझावों पर गम्भीरता से विचार किया जायेगा। स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार सबकी चिन्ता का विषय व जिम्मेदारी होनी चाहिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक पहाड़ों में स्थानांरित 90 प्रतिशत डाॅक्टर्स ने अपने अस्पतालों में जाॅइनिंग कर ली है। यदि किसी भी स्वास्थ्य कर्मी को किसी भी तरह की कोई परेशानी हो तो, वह इस सम्बन्ध में चर्चा कर सकता है।
जल्द ही देहरादून का अपना जिला अस्पताल होगा–मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सरकार देहरादून के जिला अस्पताल के बारे में शीघ््रा ही निर्णय लेने जा रही है। जल्द ही देहरादून का अपना जिला अस्पताल होगा।
दूरस्थ क्षेत्रों मे तकनीकी के द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं में क्रान्ति– मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य के 35 अस्पतालों में टेली मेडिसिन व टेली रेडियोलाॅजी की शुरूआत से राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में भी चिकित्सा विशेषज्ञों सेवाऐं पहुचाई जा रही है। मरीजों की जांच एवं डायग्नोस्टिक सुविधाएं, एक्स रे, ईसीजी, सीटी स्केन, एमआरआई, मैमाग्राफी जैसी सुविधाएं विशेषज्ञ टेली रेडियोलाॅजी के माध्यम से तुरन्त प्रदान कर रहे हैं।
विजन 2020 द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार–मुख्य सचिव
मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि 2020 में राज्य निर्माण के 20 वर्ष पूरे होने तक सरकार द्वारा राज्य में स्वास्थ्य स्तर को सुधारने हेतु लक्ष्य निर्धारित किये गये है जिनमें 2020 तक मातृ-मृत्यु दर को 165 से घटाकर 100 के भीतर लाना, शिशु मृत्यु दर को 38 से घटाकर 30 प्रति हजार के भीतर लाना तथा प्रत्येक नागरिक को अपने आवास के 10 किलोमीटर के दायरे में स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध करवाना शामिल है।
स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों तक सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता– मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने बताया कि पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु 156 डेंटिस्टों की तैनाती की गई है। 712 चिकित्सकों/विशेषज्ञ चिकित्सकों की चयन प्रक्रिया गतिमान हैं 62 अन्य चिकित्सकों की नियुक्ति प्रक्रिया आरम्भ की जा चुकी है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत 16 विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति की जा चुकी है जिसमें बालरोग, स्त्रीरोग, मनोचिकित्सक आदि शामिल है। 58 अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों की चयन प्रक्रिया गतिमान है।
दूरस्थ हाॅस्पिटलों में पैरा मेडिकल स्टाफ की तैनाती हेतु राज्य सरकार प्रयासरत–मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि 440 एएनएम, 600 संविदा फार्मासिस्ट, 12 रेडियोग्राफर की नियुक्ति प्रक्रिया गतिमान है तथा 200 उपचारिकाओं एवं 20 नियमित फार्मासिस्टों की नियुक्ति प्रक्रिया जल्द शुरू कर दी जायेगी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 900 से अधिक संविदा कर्मियों की नियुक्ति की जायेगी जिनमें 339 उपचारिकाएं, 70 से अधिक लैब टैक्नीशियन, 112 आयुष फार्मासिस्ट व अन्य कर्मियों की नियुक्ति की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि खटीमा में 100 बैड वाले आधुनिक अस्पताल का आरम्भ किया गया है। विश्व बैंक की सहायता से टिहरी जिला अस्पताल पीपीपी मोड में संचालित करने की कार्यवाही शुरू कर दी गयी है। सभी जिला अस्पतालों में आई सी यू की स्थापना की जायेगी।
मीजिल्स रूबैला टीकाकरण अभियान को राज्य में एक सौ दो फीसदी कामयाबी– मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि मीजिल्स-रूबेला टीकाकरण को राज्य में 102 प्रतिशत सफलता मिली है। इसके अन्र्तगत 28 लाख बच्चों को लाभान्वित किया जा चुका है।
108 एम्बुलेस सेवा को मजबूत किया जायेगा– मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने बताया कि 108 एम्बुलेन्स सेवा का सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। 60 नई एम्बुलैन्स और उपलब्ध करायी जा रही है जिससे एम्बुलैन्स का रोगी तक पहुचने का समय कम हो सकेगा तथा छोटे अस्पतालों से अस्पतालों पर ले जाने की सुविधा भी उपलब्ध हो सकेगी।
इस अवसर पर सचिव स्वास्थ्य डा0 नितेश झा ने बताया कि शीघ््रा ही विभाग द्वारा डिजिटल पर्ची लाॅन्च की जायेगी। जिसमें मरीज को आॅनलाइन पर्ची उपलब्ध हो जायेगी।
इस अवसर पर विधायक श्री मुन्ना सिंह चैहान, श्री खजान दास, मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह, सचिव स्वास्थ्य डा0 नितेश झा, अपर सचिव अरूणेन्द्र सिंह चैहान, महानिदेशक स्वास्थ्य श्रीमती अर्चना जौहरी भी उपस्थित थी।