नई दिल्लीः सरकार देश में कारोबारी सुगमता को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री श्री अरुण जेटली ने आज संसद में आम बजट 2018-19 को प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन’ के दृष्टिकोण के साथ हमेशा सुशासन पर जोर दिया है। इस दृष्टि ने सरकारी एजेंसियों को नीतियों, नियमों और प्रक्रियाओं में सैकड़ों सुधार करने के लिए प्रेरित किया है। इस बदलाव की झलक विश्व बैंक की कारोबारी सुगमता रैंकिंग में पिछले तीन साल के दौरान भारत के 42 पायदान सुधार के साथ पहली बार शीर्ष 100 की जमात में शामिल होने में मिलती है।
वित्त मंत्री ने भारत के प्रत्येक राज्य में कारोबारी सुगमता सुनिश्चित करने और उसे बेहतर बनाने के लिए कारोबारी सुधार करने के लिए कहा है। भारत सरकार ने 372 विशिष्ट कारोबार सुधार कार्यों की पहचान की है। सभी राज्य एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा के साथ मिशन मोड में इन सुधारों को बढ़ावा दे रहे हैं। इस कार्यक्रम के तहत प्रदर्शन का मूल्यांकन अब उपयोगकर्ताओं की प्रतिपुष्टि पर आधारित होगा।
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि वाणिज्य विभाग सभी हितधारकों को जोड़ने के लिए एक एकल खिड़की ऑनलाइन मार्केटप्लेस के तौर पर नेशनल लॉजिस्टिक पोर्टल विकसित करेगा।
श्री जेटली ने कहा कि सरकार केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों में ई-ऑफिस और अन्य ई-शासन को लागू करते हुए अपनी कार्य प्रणाली में बदलाव कर रही है। लेखामहानियंत्रक की निगरानी में एक वेब आधारित सरकारी एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली (जीआईएफएमआईएस) शुरू की गई है ताकि बजट बनाने, लेखांकन, व्यय एवं नकदी प्रबंधन को बेहतर बनाया जा सके। केंद्रीय सार्वजनिक खरीद पोर्टल पर खरीद संबंधी सभी सूचनाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगी। इस प्लेटफॉर्म पर करीब 3.5 लाख ठेकेदार और वेंडर पंजीकृत हैं।
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