लखनऊ: प्रकृति को ध्यान में रखकर अवश्यकता के अनुसार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया जाय जिससे उसका लाभ आम जनता को मिले एवं प्रदेश का विकास हो सके।
यह विचार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री मनोज कुमार पाण्डेय ने आज यहां विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी उत्तर प्रदेश के सभागार में आयोजित ‘‘डिजाइन एवं डेवलपमेन्ट आफ साइंस एण्ड टेक्नोलाजी पालिसी आफ, उत्तर प्रदेश‘‘ के कार्यक्रम में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि प्रदेश की 69 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है, कृषि का व्यवसायीकरण होना चाहिए एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी का प्रयोग करके कृषि उपज को बढ़ाना चाहिए।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि बिना विज्ञान के देश आगे नहीं बढ़ पायेगा अनुसंधान का उपयोग प्रयोगशाला से निकलकर अधिक से अधिक धरातल पर आना चाहिए। उन्होंने कहां कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का उपयोग बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए, पीने के पानी की शुद्धता तथा सोलर लाइट पर किया जाय।
इस अवसर पर डा0 हर शरण दास, प्रमुख सचिव/महानिदेशक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी को समस्या आने से पहले उसका समाधान ढूढ़ना चाहिए। कार्यक्रम में प्रो0 ए0एस0 विद्यार्थी, निदेशक, आई0ई0टी0, प्रो0 आलोक धवन, निदेशक, आई0आई0टी0आर0, डा0 पी0के0सेठ, मुख्य कार्यपालक अधिकारी सहित अनेक वैज्ञानिक व वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।