लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लोक निर्माण, राजस्व, सिंचाई एवं सहकारिता मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव ने बाढ़ प्रभावित जनपदों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि बाढ़ से सम्बन्धित सभी तैयारियों को समय से पूरा कर लिया जाये।
उन्होंने कहा की सभी अधिकारी अपने-अपने जिले में बाढ़ से निपटनें की तैयारियों को सभी विभागों से मिलकर गम्भीरतापूर्वक गहन विचार-विमर्श करके सही समय पर अपनी कार्ययोजना को लागू करें। श्री यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि संवेदनशील बन्धांे की लगातार मौके पर जाकर देख-रेख करते रहें। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में 30 अति संवेदनशील बन्धे हैं इन बन्धों के मरम्मत कार्य एवं बचाव हेतु सभी आवश्यक उपकरण/सामानों की व्यवस्था बाढ़ आने से पहले ही कर लें।
श्री यादव आज योजना भवन के सभा कक्ष में वर्ष 2015 की सम्भावित बाढ़ के दृष्टिगत बाढ़ सम्बन्धी तैयारियों की समीक्षा शासन के प्रमुख अधिकारियों एवं संवेदनशील तथा अति संवेनदनशील जनपदों के जिलाधिकारियों के साथ कर रहे थे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि बाढ़ एंव जल प्लावन की समस्या के निराकरण के लिए योजनाबद्ध तरीके से बाढ़ नियन्त्रण एवं जल निकास की योजनाएं कार्यान्वित करायी जायें । श्री यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बाढ़
की तैयारियों से निपटनें के लिए 300 करोड़ की धनराशि जारी कर दी है तथा यदि आवश्यकता पड़ी तो इसके लिए और भी धनराशि की व्यवस्था की जायेगी।
सिंचाई एवं राजस्व मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की जनता एवं पशुओं के लिए खाद्य सामग्री, दवा एवं डाक्टरों की व्यवस्था प्राथमिकता से की जाये क्योंकि बाढ़ के बाद खानें एवं कई प्रकार की संक्रामक बीमारियों के फैलने की प्रबल सम्भावना रहती है। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार से जन एवं पशु हानि नहीं होनी चाहिए। श्री यादव ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का लगातार निरीक्षण करते रहें तथा सम्बन्धित विभागों से समन्वय स्थापित करके आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराये। उन्होंने कहा कि बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का विस्तृत विवरण शासन को उपलब्ध करायें ताकि बाढ़ की विभीषिका से जन-धन तथा पशु हानि को रोका जा सके।
श्री यादव ने अधिकारियों को सुझाव दिये कि बाढ़ से प्रभावित स्थानों का चिन्हीकरण कर लिया जाये तथा बाढ़ केे बाद उस स्थान पर आवश्यकतानुसार निर्माण/मरम्मत कार्य कराके अगले साल बाढ़ के प्रभाव को कम किया जा सके। उन्हांेने कहा कि बाढ़ की विभीषिका कम करने के लिए नदियों की सिल्ट सफाई अत्यन्त आवश्यक है। सिल्ट सफाई के लिए डेªजर तथा अन्य आधुनिक मशीनों की खरीद की जा चुकी है। उन्हांेने कहा कि सिल्ट निकालने से नदियों की गहराई बढ़ जाती है तथा पानी को अधिक से अधिक स्टोर करके सिंचाई आदि कार्यों में प्रयोग किया जा सकता एवं सिल्ट को बेचकर राजस्व में भी वृद्धि हो सकती है।
बैठक में राज्य मंत्री श्री सुरेन्द्र सिंह पटेल, मुख्य सचिव श्री आलोेक रंजन, प्रमुख सचिव राजस्व श्री सुरेश चन्द्रा, प्रमुख सचिव गृह श्री देवाशीष पाण्डा, राहत आयुक्त लीना जौहरी तथा स्वास्थ्य विभाग, कृषि विभाग, पशुधन विभाग, खाद्य एवं रसद विभाग, निदेशक रिमोट सेंसिंग अप्लीकेसन सेन्टर, निदेशक मौसम विभाग एवं 23 अति संवेदनशील एवं 11 संवेदनशील जनपदों के जिलाधिकारी उपस्थित थे।
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