नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज साइबर संबंधी जोखिमों को रक्तहीन युद्ध का वैश्विक खतरा बताया और देश के आईटी समुदाय का आह्वान किया कि वह विश्वसनीय साइबर सुरक्षा प्रणाली बनाकर पूरे विश्व की सेवा करे। श्री नरेन्द्र मोदी आज नई दिल्ली में डिजिटल इंडिया सप्ताह के शुभारंभ समारोह में बोल रहे थे। प्रधानमंत्री ने भारतीय आईटी उद्योग नेतृत्व से ‘ मेक इन इंडिया ’ कार्यक्रम के हिस्से के रूप में तथा आयात पर निर्भरता कम करने के लिए इलेक्ट्रोनिक उपकरणों तथा सामग्रियों का उत्पादन बढ़ाने को कहा।
श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज भारत के लिए यह कहना पर्याप्त नहीं है कि वह प्राचीन सभ्यता है और जनसांख्यिकी लाभ के साथ 125 करोड़ लोगों का देश है। उन्होंने कहा कि आधुनिक टेक्नोलॉजी को इन मजबूतियों से जोड़े जाने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने दोहराया कि उनकी सरकार लोगों के बीच डिजिटल-अंतर को बाधा बनने की अनुमति नहीं देने के लिए कृत संकल्प है। उन्होंने ई-गर्वनस तथा मोबाइल गर्वनस बारे में अपने विज़न को स्पष्ट किया। मोबाइल पर सभी महत्वपूर्ण सरकारी सेवाएं उपलब्ध हैं। प्रधानमंत्री ने कहा “ मैं एक डिजिटल भारत का सपना देखता हूं, जहां ऊंच गति के डिजिटल हाईवे देश को जोड़े, 1.2 बिलियन जुड़े भारतीय नवाचार को प्रेरित करें, टेक्नोलॉजी यह सुनिश्चित करे कि नागरिक- सरकार संवाद भ्रष्ट न हो पाए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले सेटेलाइट लांच करने के लिए भारत की आलोचना की जाती थी, लेकिन अब यह माना जाता है कि यह सेटेलाइट आम जन के मददगार है, उदाहरण के लिए मौसम का सटीक अनुमान व्यक्त करके किसानों की मदद की जा सकती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी तरह डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का उद्देश्य सामान्य-जन के जीवन को सुधारना है। उन्होंने कहा कि भारत भले ही औद्योगिक क्रांति चूक गया हो, लेकिन भारत आईटी क्रांति से नहीं चूकेगा।
प्रधानमंत्री ने स्टार्ट-अप लांच करने के इच्छुक युवा उद्यमियों को पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने युवाओं से नावचार में शामिल होने का अनुरोध किया और कहा कि ‘ डिजाइन इंडिया ‘ उतना ही महत्वपूर्ण है जितना ‘ मेक इन इंडिया ‘।
प्रधानमंत्री ने डिजिटल इंडिया के लोगो का अनावरण किया और डिजिटल भारत से संबंधित नीति दस्तावेजों को जारी किया। उन्होंने सीएससी ग्राम स्तरीय दो महिला उद्यमियों का अभिनंदन किया।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्री अरुण जेटली, श्री रविशंकर प्रसाद, श्री जे.पी. नड्डा, श्री थावर चंद गहलोत, श्री जुआल ओराम तथा श्रीमती निर्मला सीतारमण उपस्थित थीं।