वॉशिंगटनः अमरीका की धमकियों और वैश्विक दबाव के आगे आखिर पाकिस्तान को झुकते हुए कड़ा फैसला लेने को मजबूर होना पड़ा। मंगलवार को पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने ‘एंटी टेरेरिज्म एक्ट’ से जुड़े अध्यादेश पर दस्तखत करते हुए हाफिज सईद को आतंकी घोषित कर दिया है। इसके तहत अब पाकिस्तान सरकार को उन आतंकी संगठनों और उनसे जुड़े लोगों के ऑफिस और अकाउंट बंद करने होंगे, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) बैन कर चुकी है।
इस अध्यादेश में लश्कर-ए-तैयबा, जमात-उद-दावा और हरकत-उल-मुजाहिद्दीन भी शामिल हैं, जिन्हें यूएन सियोरिटी काउंसिल ने प्रतिबंधित लिस्ट में शामिल कर रखा है। यूएन की इस लिस्ट में कुल 27 संगठन हैं। बता दें कि अब तक पाकिस्तान इन संगठनों पर अपनी मर्जी के हिसाब कार्रवाई करता आया है, जो सिर्फ दिखावे के लिए होते थे।
वहीं, पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पंजाब पुलिस ने आतंकी हाफिज सईद के प्रतिबंधित ‘जमात उद दावा’ के खिलाफ कार्रवाई की है।पुलिस ने ‘जमात उद दावा’ के हेैक्वार्टर के बाहर एक दशक से ज्यादा समय पहले सुरक्षा के नाम पर लगाए गए अवरोधक हटा दिए हैं। बता दें कि पाक सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस साकिब निसार ने पंजाब पुलिस को लाहौर में सुरक्षा के नाम पर ब्लॉक किए गए सभी सड़कों को खोलने का आदेश दिया था।
राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक प्राधिकरण (एनएसीटीए) ने इस नए कदम की पुष्टि की है।एनएसीटीए के मुताबिक, अब गृह मंत्री, वित्त मंत्री और विदेश मंत्री के साथ-साथ एनएसीटीए की आतंकवाद वित्तपोषण विरोधी (सीएफटी) यूनिट इस मामले पर एक साथ मिलकर काम करेगी । हालांकि, इस संबंध में राष्ट्रपति भवन ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।
इन संगठनों पर पड़ेगा असर
UNSC की प्रतिबंधित सूची में अल-कायदा, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, लश्कर-ए-झांगवी, जमात-उद-दावा, फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ), लश्कर-ए-तैयबा और अन्य शामिल हैं. पाक सरकार के नए कानून के बाद इन संगठनों की फंडिंग पर असर पड़ेगा।(पंजाब केसरी)