देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने डिजिटल इंडिया के नेशनल कम्पेन के साथ डिजिटेल उत्तराखण्ड की शुरूआत करते हुए कहा कि हमें कनैक्टिविटी की वाइड स्ट्रेन्थ के लिए बी.एस.एन.एल. के साथ ही निजि सेवा प्रदाताओं को भी आगे लाना होगा ताकि हम इस सेवा को वहां तक पहुंचाने में सफल हो सके, जिन तक हमारी सीधी पहंुच नही बन पायी है तथा जिन्हें इसकी ज्यादा जरूरत है।
सचिवालय में आयोजित डिजिटल इण्डिया कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि डिजिटल उत्तराखण्ड की सार्थकता तभी है जब सभी उच्चाधिकारी इस तकनीकि का उपयोग स्वयं करें। इसके लिए उन्होंने इसे डिजिटेल योगा की तरह अपनाने को कहा। आई.टी. विभाग इसके लिए प्रशिक्षण की भी व्यवस्था करें, इसके लिए केफ्टेरिया भी खोले जाय, वहां पर कोई भी नागरिक इस तकनीकि को सीख सकें।
उन्होंने कहा कि यह तकनीकि सुदूर को नजदीक लाने में मददगार बने। सरकार की योजनाओं का लाभ उन्हें तत्परता से मिले तभी इस तकनीकि की सफलता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए रोडमेप बनाया जाय। अधिक से अधिक सेवा केन्द्रों को विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा आज भी संवेदनशील क्षेत्र है। इसमें बडे परिवर्तन हो रहे है। इस क्षेत्र में तकनीकि का अधिक से अधिक समावेश किया जाना चाहिए। प्रतिष्ठित संस्थानों को इसमें जोडा जाय ताकि तकनीकि दक्षता हासिल हो सकें।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री रावत ने हरिद्वार की दो ग्राम पंचायतों फेरूपुर एवं बाजूहेडी के ग्रामीणों से वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बात की। उन्होंने ग्रामीणों की मांग पर क्षेत्र में ए.एन.एम. सेंटर खोलने के साथ ही अगले वर्ष कन्या इण्टर काॅलेज स्वीकृत करने का आश्वासन दिया। फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा व गांव में एक कि.मी. सड़क व बारात घर निर्माण की उन्होंने स्वीकृति प्रदान की। मुख्यमंत्री सेे सीधे बात करने पर ग्रामीण काफी खुश नजर आये।
अपर मुख्य सचिव राकेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश में सूचना तकनीकि का व्यापक स्तर पर प्रयोग किया जा रहा है। सचिव आई.टी. दीपक कुमार ने डिजिटल इंडिया के तहत सप्ताह भर के कार्यक्रमों के साथ ही इस दिशा में प्रदेश स्तर पर किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी ।
बैठक में सभी प्रमुख सचिव, सचिव, अपर सचिव व अन्य अधिकारी उपस्थित थे।