नई दिल्ली: राज्य पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन अधिकारियों द्वारा पर्यावरण मंजूरी के लिए आन लाइन आवेदन प्रस्तुत करने के लिए आज एक वेब पोर्टल लांच किया गया । यह पोर्टल पूरे देश में लांच किया गया और शीघ्र ही इसमें 19 राज्य शामिल हो गए। पर्यावरण , वन एवं जलवायु परिवर्तन (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने यह वेब पोर्टल लांच किया । श्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि यह पोर्टल युगांतकारी है और आन लाइन प्रक्रियाओं से पारदर्शिता एवं दायित्व का स्तर बढ़ा है।
श्री जावड़ेकर ने कहा कि आवेदनों की आन लाइन प्रस्तुति से कारगर तरीके से निगरानी सुनिश्चित होगी और लंबित मामलों की स्थित स्पष्ट रूप से उपलब्ध होगी । आनलाइन आवेदन प्रक्रिया से कठोर पर्यावरण मंजूरी मानकों का पालन करते हुए मंजूरी प्रक्रिया में तेजी आएगी।
इस अवसर पर पर्यावरण , वन एवं जलवायु परिवर्तन सचिव श्री अशोक लवासा ने पर्यावरण मंजूरी प्रक्रिया में 19 राज्यों के शामिल होने को अग्रणी कदम बताया । श्री लवासा ने कहा कि इस कदम से बी श्रेणी की परियोजनाओं की पर्यावरण मंजूरी को आन लाइन कर दिया गया है। अब मंत्रालय का लक्ष्य सभी आवश्यक मंजूरियों तथा हानिकारक पदार्थ प्रबंधन नियमों को आन लाइन करना है ।
मंत्रालय ने पिछले वर्ष ए श्रेणी की परियोजनाओं के लिए आन लाइन प्रक्रिया की शुरुआत की थी और ए श्रेणी की परियोजनाओं से जुड़े आवेदन मंत्रालय में मंजूरी के लिए आए और बी श्रेणी की परियोजनाओं के लिए आवेदन मंत्रालय में मंजूरी के लिए नहीं आए और उनका निष्पादन राज्य स्तर पर ही हुआ । मंत्रालय को बढ़ी हुई पारदर्शिता तथा तेज निष्पादन के अनुभवों के आधार पर कठोर पर्यावरण मानकों से समझौता किए बिना मंजूरी की आनलाइन प्रक्रिया राज्य स्तर पर शुरु करने का अवसर मिला है।
वीडियो क्रांफ्रेंसिंग के माध्य से राज्य पर्यावरण मूल्यांकन समितियों के प्रतिनिधियों तथा नौ राज्यों के राज्य पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन अधिकारियों से विचार-विमर्श किया गया । नौ राज्य हैं – महाराष्ट्र , गुजरात , बिहार , उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश , कर्नाटक, मणिपुर तथा पंजाब ।
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