नई दिल्ली: “ भारत में स्वास्थ्य व्यवहार तथा उत्पादों में नवाचार से ही श्रेष्ठ स्वास्थ्य परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं और मैं राज्यों से आग्रह करता हूं कि राज्य श्रेष्ठ व्यवहारों और नवाचार को सर्वोच्च प्रथमिकता दें। ” केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे. पी. नड्डा ने आज यह बात भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में श्रेष्ठ व्यवहारों तथा नवाचार पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर कही। तीन दिन के सम्मेलन का आयोजन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सहयोग से किया है। स्वास्थ्य मंत्री ने राष्ट्रीय सम्मेलन में नेशनल हेल्थ इनोवेशन पोर्टल का शुभारंभ किया। यह पोर्टल राज्यों द्वारा नवाचार में किए गए योगदान का भंडार होगा। स्वास्थ्य मंत्री ने 24×7आवाज आधारित वेब पोर्टल भी लांच किया । एनएचपी वायस वेब 24×7 टोल फ्री हेल्प लाइन( 1800-180-1104) है जहां फोन करने पर स्वास्थ्य नुस्खे, बीमारी संबंधी जानकारी, सरकार की स्वास्थ्य नीतियां एवं कार्यक्रम , आपके आस-पास की स्वास्थ्य सुविधा , विद्यार्थियों के लिए करियर विकल्प तथा स्वास्थ्य संबंधी अन्य जानकारी मिलेगी। यह आधुनिक प्रणाली यूजर वायस इनपुट की पहचान कर लेती है । यह पांच भाषाओं- अंग्रेजी , हिन्दी , तमिल , बांग्ला तथा गुजराती में उपलब्ध है और अन्य भारतीय भाषाओं को भी शामिल किया जाएगा। टेलीफोन टेक्नोलाजी का इस्तेमाल सूचना के प्रचार-प्रसार में करने का उद्देश्य दूर-दराज के क्षेत्रों के लोगों तक पहुंचना है जहां इंटरनेट नहीं है।
राज्यों के प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशकों सहित सम्मेलन में भाग ले रहे प्रतिनिधियों से स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह सम्मेलन प्रणालीबद्ध तरीके रुग्णता और मृत्यु जैसी समस्याएं प्रभावी तरीके से सुलझाने के लिए नवाचारों की पहचान करने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि यद्यपि कई राज्यों में कमजोर अवसंरचना , पीएचसी एवं सीएससी के संचालन के लिए कुशल मानव शक्ति की कमी तथा उगाही तथा अन्य विषयों को सुलझाया जाना है फिर भी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने काफी कुछ हासिल किया है । इससे आईएमआर , एमएमआर , टीएफआर में कमी आई है । समाज के वंचित तबकों तथा दूर-दराज के लोगों को स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में सफल हुआ है। उन्होंने कहा कि हालांकि स्वास्थ्य राज्य सूची में आता है लेकिन केंद्र श्रेष्ठ स्वास्थ्य परिणाम हासिल करने के लिए राज्यों को सभी तरह की मदद तथा संसाधन उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है क्योंकि बेहतर नतीजे राज्यों और केंद्र की सार्थक भागीदारी से प्राप्त किए जा सकते हैं। श्री नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश रचनात्मक सहकारी संघवाद के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है जहां राज्य लोगों के कल्याण के लिए कायर्क्रमों तथा योजनाओं को बनाने तथा उन्हें लागू करने में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मिशन इंद्रधनुष के तीन दौर पूरे हो चुके हैं तथा चौथा दौर 7 जुलाई, 2015 से शुरु हो रहा है। मिशन इंद्रधनुष के अंतर्गत 57 लाख बच्चों तथा 8 लाख गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया गया है । लगभग 14. 5 लाख बच्चों को रोग प्रतीरक्षण के लिए आवश्यक सभी सात टीके लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इतना बड़ा काम अगली पंक्ति के स्वास्थ्य कर्मियों के समर्पण के बिना संभव नहीं होता । उन्होंने कहा कि ऐसे स्वास्थ्य कर्मियों के अनुभवों का उपयोग नवाचार डिजायन में किया जाना चाहिए क्योंकि ऐसे कर्मी अनुभव एवं ज्ञान के भंडार हैं। सम्मेलन में 110 नवाचारों तथा श्रेष्ठ व्यवहारों को प्रदर्शित किया गया है। श्री नड्डा ने राज्यों में काम कर रही रोगी कल्याण समिति के लिए तथा राज्यों को निशुल्क दवा देने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा तैयार दिशा-निर्देश भी जारी किया । स्वास्थ्य मंत्री ने श्रेष्ठ स्वास्थ्य व्यवहारों के लिए विभिन्न राज्यों को पुरस्कार भी दिए। मातृ स्वास्थ्य के लिए महाराष्ट्र , आंध्र प्रदेश और हरियाणा को पुरस्कृत किया गया । नवजात शिशु सुरक्षा की श्रेणी में केरल को प्रथम , राज्स्थान को दूसरा तथा मध्य प्रदेश को तीसरा पुरस्कार मिला ।
सम्मेलन में एएसएण्डएमडी श्री सी. के मिश्रा , जेएस(पी) श्री मनोज झलानी , जेएस (आरसीएच,आईईसी) डा. राकेश कुमार सहित स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और राज्यों के प्रतिनिधि तथा तकनीकी और दाता सहयोगियों के प्रतिनिधि शामिल हुए।