देहरादून: आने वाले समय में साइबर सक्यूरिटी गंभीर चिंता का विषय है। भारत में लगातार बढ़ रही साइबर सक्यूरिटी की घटनाओं के प्रति युवाओं में जागरूकता फैलाना समय की मांग है। उक्त विचार उत्तराखंड सरकार में आईटीडीए के निदेशक आईपीएस अमित कुमार सिन्हा ने बुधवार को डब्ल्यूआईसी में यू.एस.एंबेसी तथा लर्निंग लिंक्स फांउडेशन द्वारा उत्तराखंड साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च सेंटर के सहयोग से आयोजित किए जा रहे तीन दिवसीय नार्थ इंडिया साइबर सक्यूरिटी हैकथॉन के उदघाटन अवसर पर उत्तराखंड के विभिन्न कालेजों के विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि आई.टी. के क्षेत्र में उत्तराखंड समेत समूचे भारत ने अभूतपूर्व तरक्की की है लेकिन इसके साथ ही कई तरह के खतरे भी बढ़े हैं। साइबर सोल्यूशन के प्रति प्रत्येक व्यक्ति का जागरूक होना जरूरी है। उन्होंने आगामी 23 फरवरी तक यहां विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित साफ्टवेयर तथा मोबाइल एप आदि का निर्माण करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि हैकथॉन जैसे आयोजन नियमित रूप से होने चाहिए। यह विद्यार्थियों को साइबर सक्यूरिटी के क्षेत्र में निपुण बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
सिन्हा ने कहा कि इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2017 के दौरान में साइबर सुरक्षा में सेंध के 53,000 मामले सामने आए हैं। इस रिपोर्ट को अगर आधार माना जाए तो यह हमारे देश के लिए किसी बड़े खतरे की घंटी से कम नहीं है।
इस अवसर पर बोलते हुए उत्तराखंड साइंस एजुकेशन एवं रिसर्च सेंटर (यूएसईआरसी) के निदेशक प्रो.दुर्गेश पंत ने कहा कि उत्तराखंड जैसे छोटे से राज्य में युवा वर्ग साइबर सक्यूरिटी के क्षेत्र में लगातार दिलचस्पी ले रहा है। यू.एस. एंबेसी के कार्यक्रम निदेशक स्टूवर्ट ई.डेविस ने बताया कि हैकथॉन के दौरान उत्तराखंड के 4 कालेजों एवं विश्वविद्यालयों की 14 टीमों के करीब 60 विद्यार्थी साइबर सक्यूरिटी के विषय पर मंथन करते हुए अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने बताया कि 23 फरवरी को समापन अवसर पर प्रथम स्थान हासिल करने वाली टीम को उसके प्रोजैक्ट के लिए 50,000 तथा दूसरे स्थान पर आने वाली टीम को उनके प्रोजैक्ट के लिए 30,000 रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। इसी दौरान लर्निंग लिंक्स फांउडेशन की प्रिंसीपल कंसलटेंट गायत्री गुरूमूर्ति ने बताया कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में नए अवसर एवं चुनौतियों के बारे में जागरूकता पैदा करना है। यहां की विजेता टीमों को अप्रैल माह के दौरान दिल्ली में होने वाले राष्ट्रीय स्तर के हैकथॉन में अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मलेगा।