नई दिल्लीः पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) के लिए औषधीय व सुगंधित पौधों (एमएपी) पर एक अंतर-मंत्रालयी समिति (आईएमसी) का गठन किया गया है। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास तथा आयुष मंत्रालयों के सचिवों की बैठक में यह निर्णय लिया गया है। समिति केन्द्र सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों का समन्वय करेगी ताकि औषधीय व सुगंधित पौधों के क्षेत्र का विकास हो सके।
अंतर-मंत्रालयी समिति (आईएमसी) की पहली बैठक 12 मार्च को आयोजित की जाएगी। पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास तथा आयुष मंत्रालय के सचिव इस बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे। समिति पूर्वोत्तर क्षेत्र में औषधीय व सुगंधित पौधों के विकास, सतत प्रबंधन और संरक्षण पर आधारित विभिन्न कार्यक्रमों के संबंध में मंत्रालयों और विभागों के बीच समन्वय स्थापित करेगी।
पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय औषधीय व सुगंधित पौधों पर बनी अंतर-मंत्रालयी समिति (आईएमसी) का समन्वय करेगा। समिति औषधीय व सुगंधित पौधों की वर्तमान व्यवस्था व संस्थागत प्रबंधन और विकास की समीक्षा करेगी। समिति योजनाओं की कमियों को रेखांकित करते हुए नीतिगत सुझाव देगी ताकि औषधीय व सुगंधित पौधा क्षेत्र का विकास हो सके। समिति संबंधित मंत्रालयों व विभागों की योजनाओं व कार्यक्रमों के लिए एक कार्ययोजना का सुझाव देगी। अंतर-मंत्रालयी समिति (आईएमसी) पूर्वोत्तर क्षेत्र में औषधीय व सुगंधित पौधों की कृषि पर आधारित आर्थिक परिवर्तन व सतत प्रबंधन तथा आजीविका को बेहतर बनाने से संबंधित उपायों का भी सुझाव देगी।
अंतर मंत्रालयी समिति में विभिन्न मंत्रालयों, विभागों और संबंधित क्षेत्र के संगठनों के सदस्यों को शामिल किया जाएगा।