योग और प्राकृतिक चिकित्सा के पारंपरिक ज्ञान और प्रौद्योगिकी के आधुनिक उपकरणों के बीच वैज्ञानिक रूप से वैध और उपयोगी तालमेल लाने के उद्देश्य से, संस्थान को लगभग 100 करोड़ रुपये के निवेश पर लगभग 15 एकड़ (45 बीघे) भूमि पर विकसित किया जाएगा। यह योग और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में शिक्षा, निवारक स्वास्थ्य सेवा और अनुसंधान में बेंचमार्क मानक स्थापित करेगा। यह अत्याधुनिक संस्थान योग और प्राकृतिक चिकित्सा में वैश्विक प्रचार और अनुसंधान के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सहयोग केंद्र के रूप में कार्य करने के अलावा, साक्ष्य-आधारित अनुसंधान के माध्यम से मौलिक पहलुओं, चिकित्सा की पारंपरिक प्रणालियों और प्रथाओं की वैज्ञानिक मान्यता पर ध्यान केंद्रित करेगा। यह संस्थान योग और स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र के स्टार्टअप्स में इन्क्यूबेशन सेंटर के रूप में भी काम करेगा।
केंद्रीय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस अवसर पर एक जनसभा को संबोधित किया। श्री सोनोवाल ने कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में, आयुष अभियान को जबरदस्त प्रोत्साहन प्राप्त हुआ है क्योंकि यह वैश्विक कल्याण आंदोलन की अग्रणी शक्ति बन गया है। आज हम डिब्रूगढ़ में 100 बिस्तरों वाले अस्पताल के साथ अपनी तरह के पहले केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान संस्थान की आधारशिला रख रहे हैं। यह असम और पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र को अपने समृद्ध वनस्पतियों और जीवों का उपयोग करने और आतिथ्य, रोगी देखभाल के साथ-साथ चिकित्सा पर्यटन क्षेत्रों में परिधीय विकास के साथ आयुष क्षेत्र में विस्तार करने के लिए सशक्त बनाने के लिए श्री मोदी जी का एक और प्रमाण है। प्रकृति ने हमें अपनी असीम सुंदरता का आशीर्वाद दिया है और यह योग, प्राकृतिक चिकित्सा, आयुर्वेद के माध्यम से पुनर्जीवित, वैज्ञानिक रूप से मान्य उपचार व्यवस्था के साथ, न केवल तत्काल क्षेत्र बल्कि दक्षिण एशिया क्षेत्र के लोगों के लिए एक उपचार और चिकित्सा के अन्य पारंपरिक रूपों को प्रदान करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा।”
संस्थान हृदय पुनर्सुधार, मधुमेह पुनर्वास, ऑटोइम्यून बीमारियों और गैर संचारी रोगों (एनसीडी) जोखिम में कमी के क्षेत्रों में क्षमता निर्माण कार्यक्रमों के लिए योग और प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञों को प्रशिक्षित करने के लिए नैदानिक प्रशिक्षण सुविधाएं भी प्रदान करेगा। योग और प्राकृतिक चिकित्सा के प्रोटोकॉल में अनुसंधान और विकास के साथ, सीआरआईवाईएन एनसीडी के प्रबंधन के लिए साक्ष्य-आधारित प्रोटोकॉल विकसित करेगा जिसे पारंपरिक देखभाल के साथ एकीकृत किया जा सकता है। यह रोगी देखभाल के एकीकृत चिकित्सा दृष्टिकोण को मजबूत करेगा। अस्पताल जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और समृद्ध करने के लिए योग और प्राकृतिक चिकित्सा प्रोटोकॉल के साथ आंतरिक रोगी सेवाएं प्रदान करेगा।
असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने इस अवसर पर बोलते हुए कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में केंद्र सरकार एक के बाद एक केंद्रीय संस्थानों को जोड़कर जबरदस्त सहायता कर रही है, जिससे आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को मजबूती मिल रही है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जैसे संस्थानों की शुरुआत, असम के हर जिले में चिकित्सा महाविद्यालय, पूरे असम में नए आयुष अस्पतालों के साथ चिकित्सा की आयुष प्रणाली को मजबूत करना और कई अन्य प्रगतिशील कदमों ने राज्य में चिकित्सा बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है। प्राकृतिक चिकित्सा और योग आयुष के दो सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं जो न केवल आपकी बीमारियों का उपचार करते हैं बल्कि आपके मन और शरीर को हर चुनौती का सामना करने और स्वस्थ जीवन जीने के लिए पुनर्जीवित करते हैं। योग और प्राकृतिक चिकित्सा पर इस अस्पताल और अनुसंधान केंद्र की शुरुआत से, असम के साथ-साथ आसपास के क्षेत्र के लोगों को इसके कई लाभों से बहुत अधिक लाभ होगा।”
इस कार्यक्रम में केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, श्रम और रोजगार राज्य मंत्री, रामेश्वर तेली; असम के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, केशब महंत; उद्योग और वाणिज्य और संस्कृति मंत्री, बिमल बोरा; डिब्रूगढ़ के विधायक और असम औद्योगिक विकास परिषद (एआईडीसी) के अध्यक्ष प्रशांत फुकन; मोरन के विधायक, चक्रधर गोगोई, दुलियाजान के विधायक, तेराश गोवाला; लाहोवाल के विधायक, बिनोद हजारिका; चबुआ के विधायक, पोनाकन बरुआ; नाहरकटिया के विधायक तरंगा गोगोई सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति, जिनमें आयुष मंत्रालय के साथ-साथ असम सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
अस्पताल आंतरिक रोगी, बाह्या रोगी और दिवस देखभाल सेवाएं प्रदान करेगा। संस्थान द्वारा दी जाने वाली सेवाएँ ये हैं, प्राकृतिक चिकित्सा आहार और पोषण, योग चिकित्सा, मालिश और जोड़-तोड़ चिकित्सा, एक्यूप्रेशर, एक्यूपंक्चर, क्रोमोथेरेपी, मैग्नेटो थेरेपी, फिजियोथेरेपी और हाइड्रोथेरेपी उपचार सेवाएं। यह रोगियों को मोटापा, मेटाबोलिक सिंड्रोम, मधुमेह, सीवीडी, स्ट्रोक, अस्थमा, सीओपीडी, माइग्रेन, आईबीएस, आईबीडी, गठिया, ऑटोइम्यून रोग, कैंसर, न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में सहायता करेगा।