देहरादून: बच्चों द्वारा की जा रही भिक्षावृत्ति अथवा बच्चों से करायी जा रही भिक्षावृत्ति की रोकथाम तथा इस पर प्रभावी अंकुश लगाये जाने हेतु श्री अशोक कुमार, महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड के निर्देशानुसार जनपद देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल व ऊधमसिंहनगर में दिनांक 25.02.2019 से दिनांक 16.03.2019 तक 20 दिवस का ’’सुरक्षित बचपन…खुशहाल बचपन’’ नाम से एक अभियान प्रारम्भ चलाया गया।
यह अभियान जनपद देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल व ऊधमसिंहनगर में चैराहों, बाजारों, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, धार्मिक स्थलों आदि सार्वजनिक स्थानों, जहां पर बच्चों द्वारा भिक्षावृत्ति की जाती है, सम्बन्धित जनपद की एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट द्वारा चलाया गया। जनपद ऊधमसिंहनगर में शारदा बैराज, बनबसा, चम्पावत की एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट द्वारा अभियान चलाया गया।
अभियान में चारों जनपदों में अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया जायेगा। पुलिस मुख्यालय पर उक्त अभियान की नोडल अधिकारी श्रीमती ममता वोहरा, अपर पुलिस अधीक्षक, कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड/नोडल अधिकारी, एएचटी हैं।
अभियान में अन्य सम्बन्धित विभागों/संस्थाओं यथा सी0डब्लू0सी0, समाज कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, अभियोजन, श्रम विभाग, संप्रेक्षण गृह, एन0जी0ओ0 एवं चाइल्ड हेल्प लाईन से समन्वय स्थापित कर इनका सहयोग भी लिया जायेगा।
प्रत्येक टीम में एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट्स के 01 निरीक्षक/उपनिरीक्षक व 04 मुख्य आरक्षी/आरक्षी जिनमें 01 महिला कर्मी थी, को अभियान में नियुक्त किया गया।
अभियान का मुख्य उद्देश्य बच्चों से भीख मंगवाने वाले गैंग के सम्बन्ध में जानकारी एकत्र कर उनके विरूद्ध कार्यवाही करना था।
अभियान में किसी भी प्रकार के गैंग के प्रकाश में आने अथवा किसी अपराध का होना पाये जाने पर तत्काल अभियोग पंजीकृत कर वैधानिक कार्यवाही अमल में लाये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
- अभियान में जनपद देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल व ऊधमसिंहनगर में भिक्षावृत्ति में लिप्त 342 बच्चों को भिक्षावृत्ति से हटाकर उनके परिजनों के सुपुर्द/बालगृह दाखिल किया गया।
- कुल 342 बच्चों में से 174 बालक व 168 बालिकायें हैं।
- उक्त 342 बच्चों में से 54 बच्चों को सी0डबलू0सी0 के आदेशानुसार बाल संरक्षण गृह भेजा गया, जिनमें से 49 बच्चों को उनके परिजनों के सुपुर्द किया गया। शेष 05 बच्चों के परिजनों के सम्बन्ध में जानकरी कर उनके परिजनों के सुपुर्द किये जाने का प्रयास किया जा रहा है।
- कुल 337 बच्चों को उनके परिजनों के सुपुर्द किया गया।
- बच्चों से भीख मंगवाने वाला कोई गैंग प्रकाश में नहीं आया।
- भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों में 340 बच्चे 14 वर्ष व उससे निम्न आयु के हैं।
- जनपद नैनीताल द्वारा बाल कल्याण समिति के आदेशानुसार 35 बच्चों को डे केयर होम धरोहर के सुपुर्द किया गया। अन्य बच्चों को समाज की मुख्य धारा में सम्मिलित करने हेतु प्रयास किये जा रहे हैं।
- अभियान में चाईल्ड हेल्प लाईन, सी0डब्लू0सी0 व आशरा ट्रस्ट देहरादून, धरोहर स्वयं सेवी संस्था, कुमायूं सेवा समिति द्वारा भी सहयोग प्रदान किया गया।