लखनऊ: हेमवती नन्दन बहुगुणा जी का लखनऊ से करीबी रिश्ता रहा है। जनता के प्रति समर्पण और जिम्मेदारी उनका व्यक्तित्व था। बहुगुणा जी अपने विरोधियों को भी काफी अहमियत देते थे। यह विचार प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डा0 दिनेश शर्मा ने आज यहां साइन्टिफिक कान्वेनशन सेन्टर में सांस्कृतिकी, लखनऊ विश्वविद्यालय एवं हेमवती नन्दन बहुगुणा स्मृति समिति उ0प्र0 द्वारा आयोजित हेमवती नन्दन बहुगुणा जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर अन्तर विश्वविद्यालय वाद-विवाद प्रतियोगिता के समापन समारोह में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि वर्तमान युग तकनीक का युग है। कोई भी व्यक्ति तकनीकि से मुँह नहीं मोड़ सकता। तकनीकि के सकारात्मक एवं नकारात्मक दोनों पहलू होते है जरूरी है कि हम इसके सकारात्मक पक्ष का सहारा लेते हुए देश एवं प्रदेश के विकास में अपना योगदान दें। वर्तमान में सोशल मीडिया का महत्व बहुत अधिक बढ़ गया है। सोशल मीडिया सकारात्मक विचारों के माध्यम से समाज को नई दिशा देने में मद्द करेगा, जिसमें युवाओं का अहम योगदान होगा। देश का युवा ही देश की सबसे बड़ी ताकत है, यही युवा भारत को 21वीं सदी का सबसे शक्तिशाली देश बनायेगा।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री डा0 दिनेश शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार स्व0 हेमवती नन्दन बहुगुणा जी के नाम पर महाविद्यालय का निर्माण करेगी। जिसमें रोजगार परक आधुनिक शिक्षा प्रदान की जायेगी और इसे उत्तर प्रदेश का सर्वोत्तम महाविद्यालय बनाये जाने हेतु सरकार हर सम्भव कदम उठायेगी। उन्होंने कहा कि हेमवती नन्दन बहुगुणा जी एक विराट व्यक्तित्व के राजनेता थे। जिन्हें सभी जातियों एवं धर्मों का सम्मान एवं स्नेह प्राप्त था। बहुगुणा जी एक अच्छे प्रशासक के रूप में भी रहे। उनके मुख्य मंत्रितत्व काल में अनेक विकासात्मक कार्य हुए। उनकी कार्यशैली एवं जनता के प्रति विकासात्मक कार्यों के प्रति जुड़ाव ही उनकी विशिष्ट पहचान है।
स्व0 बहुगुणा की जन्म शताब्दी वर्ष (25 अपै्रल, 2018-25 अपै्रल, 2019) का शुभारम्भ 25 अप्रैल 2018 के “रन फार हेल्थ” से हुआ, जिसमें प्रदेश के हजारो लोगों ने अलग-अलग स्थान पर प्रतिभाग किया। फिर अगस्त में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किये गये।
इसी क्रम में माह सितम्बर, 2018 में अन्र्तविश्वविद्यालय वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें हजारो छात्र/छात्राओं के मध्य प्रदेश के 28 विश्वविद्यालय के लगभग 25 हजार श्रोता छात्र-छात्राओं में से 1700 छात्र/छात्राओं ने बढ़-चढ़ कर उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया, जिसमें प्रतिभागियों के द्वारा “सोशल मीडिया-वरदान या अभिशाप“ पर पक्ष/विपक्ष में जोरदार तर्क करते हुए अपना-अपना पक्ष रखा, जोकि इस कार्यक्रम की बड़ी उपलब्धि रही तथा उक्त कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए भारी संख्या में युवा उपस्थित रहे। तीन सप्ताह तक चली इस वाद-विवाद प्रतियोगिता में विभिन्न स्तरों से जीत कर 28 विश्वविद्यालयों से 60 छात्र छात्राएं कल लखनऊ विश्वविद्यालय में अन्तिम दौर की प्रतियोगिता हेतु कठिन प्रतिस्पर्धा की उनमें से 6 प्रतिभागी अन्तिम दौर की प्रतियोगिता हेतु चयनित हुए, इन 6 प्रतिभागियांे ने अटल बिहारी बाजपेयी सांइटिफिक कन्वेंशन सेन्टर (के0जी0एम0यू0) लखनऊ में उक्त विषय पर अपने अपने विचार सोशल मीडिया वरदान या अभिशाप के पक्ष एवं विपक्ष में प्रस्तुत किये।
प्रतियोगिता में प्रथम स्थान डा0बी0आर0अम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा के अखिल कुमार चैधरी, द्वितीय स्थान डा0 राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय, फैजाबाद की छात्रा वैशाली सिंह, तृतीय पुरस्कार दून विश्वविद्यालय की छात्रा यशी सिंह ने तथा संात्वना पुरस्कार अनन्या भट्ट, उत्तराचंल ने प्राप्त किया।
अखिल भारतीय हेमवती नन्दन बहुगुणा स्मृति समिति द्वारा पुरस्कार के रूप में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले को रू0 51,000/-, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले को रू0 31,000/- तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले को रू0 21,000/- तथा सांत्वना पुरस्कार के विजेता को रू0 11,000/- का चेक प्रदान किया गया।