देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ए.डी.बी द्वारा पेयजल से सम्बंधित योजनाओं की धीमी प्रगति पर असन्तोष जाहिर करते हुए मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह को निर्देश दिये है कि इस सम्बंध में परियोजना प्रबंधक व कार्यदायी संस्था के मध्य कोई विवाद हो तो सम्बंधित अधिकारियों के साथ बैठकर तीन दिन के अन्दर इसका निस्तारण करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाय ताकि शहर की पेयजल सम्बंधी योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आ सके। उन्होने इस सम्बंध में सभी तथ्यों के साथ आख्या भी प्रस्तुत करने को कहा। उन्होने नाबार्ड द्वारा इस वित्तीय वर्ष के लिये विभिन्न परियोजनाओं के लिये उपलब्ध करायी गई, धनराशि 900 करोड़ को बढ़ाकर 1200 करोड़ किये जाने के भी प्रस्ताव तैयार करने को कहा है।
बीजापुर अतिथि गृह में ए.डी.बी एवं नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि ए.डी.बी द्वारा पेयजल योजना के लिये पाइप लाइन बिछाने के लिये की जा रही खुदाई से सड़के खराब हो रही है। कार्यदायी संस्था को स्पष्ट निर्देश दिये जाय कि सड़क की खुदाई व पाइप लाइन बिछाने के बाद सड़क की अविलम्ब मरम्मत भी अनिवार्य रूप से कि जाय ताकि जनता को परेशानी न हो। कार्यदायी संस्था योजनाओं के निर्माण में समयबद्धता व गुणवत्ता का ध्यान रखे। यह भी सुनिश्चित किया जाय।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि नाबार्ड द्वारा सड़क, सिंचाई, पेयजल, कृषि, उद्यान, ग्रामीण अभियन्त्रण से सम्बंधित योजनाओं के लिये उपलब्ध कराये जा रहे 900 करोड़ की धनराशि को 1200 करोड़ किया जाय ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आ सके। उन्होने कहा कि नगरीय क्षेत्रो में सीवरेज सिस्टम को मजबूत करना जरूरी है। इस पर विशेष ध्यान दिया जाय। उन्होने मुख्य सचिव से नाबार्ड से वित्त पोषित योजनाओं के क्रियान्वयन की भी अपने स्तर से परीक्षण कर इस एक सप्ताह में इसे अन्तिम रूप देने को कहा।
बैठक में कैबिनेट मंत्री हरीश चन्द्र दुर्गापाल, मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, सचिव आनन्द वर्धन, डी0एस0गब्र्याल, अरविन्द सिंह हयांकी, अपर सचिव श्रीधर बाबू अद्दाकी, विनय शंकर पाण्डेय, वी षणमुगम, जे0बी0ओली आदि उपस्थित थे।
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