लखनऊ: भारत के राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविन्द जी ने इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ समिट का उद्घाटन करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में देश का सबसे बड़ा ‘वर्कफोर्स’ मौजूद है। यहां पर अनेक उत्कृष्ट शिक्षण संस्थान भी उपलब्ध हैं। कृषि उत्पादन मंे इस प्रदेश का प्रभावशाली रिकॉर्ड है। यहां हस्त कौशल की प्रसिद्ध परंपरा है। इस प्रदेश में ताज महल और सारनाथ जैसे पर्यटन के विश्व प्रसिद्ध केंद्र मौजूद हैं। साथ ही, उत्तर प्रदेश में गंगा, यमुना, घाघरा, गंडक, गोमती, राप्ती और सोन नदियों की मौजूदगी किसी आशीर्वाद की तरह है। देश का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क भी उत्तर प्रदेश में ही है। उन्होंने कहा कि ऐसी अन्य कई विशेषताएँ हैं, जिनके बल पर यह राज्य एक ‘ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी’ यानि दस खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को निकट भविष्य में प्राप्त कर सकता है।
राष्ट्रपति जी ने कहा कि विश्व की जनसंख्या में भारत का जो अनुपात है, लगभग वही भारत की जनसंख्या में उत्तर प्रदेश का है। भारत समेत विश्व में केवल पांच देशों की आबादी, उत्तर प्रदेश से अधिक है। राज्य की 60 प्रतिशत जनसंख्या ‘वर्किंग ऐज ग्रुप’ में है। भारत के विकास में, उत्तर प्रदेश के विकास की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका है।
राष्ट्रपति जी ने कहा कि भारत में एम0एस0एम0ई0 उद्यमों को अर्थ-व्यवस्था का मेरुदंड माना जाता है। ये उद्यम समावेशी विकास के इंजन हैं। कृषि क्षेत्र के बाद सबसे अधिक लोग इन्ही उद्यमों में रोजगार पाते हैं। इन उद्यमों में अपेक्षाकृत कम पूंजी की लागत पर रोजगार के अधिक अवसर पैदा होते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इन उद्यमों के माध्यम से, ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में रोजगार पैदा होते हैं। देश के सर्वाधिक एम0एस0एम0ई0 उद्यम उत्तर प्रदेश में हैं। सबसे अधिक जनसंख्या वाले राज्य, उत्तर प्रदेश में, हमारे डेमोग्राफिक डिविडेंड का सबसे अधिक उपयोग इन्ही उद्यमों में हो सकेगा।
राष्ट्रपति जी ने कहा कि देश के कुल हस्तशिल्प निर्यात में उत्तर प्रदेश का योगदान लगभग 44 प्रतिशत है। हस्तशिल्प, फूड प्रोसेसिंग, इंजिनियरिंग गुड्स, कालीन, रेडीमेड कपड़े, लेदर गुड्स में लगे उद्योगों से विदेशी मुद्रा और रोजगार दोनों ही दृष्टियों से लाभ होता है। इस प्रकार उत्तर प्रदेश के विकास में एम0एस0एम0ई0 उद्यमों की महत्वपूर्ण भूमिका है। पूरे देश में एम0एस0एम0ई0 क्षेत्र के लिए प्रभावी ईको-सिस्टम विकसित करने की दिशा में कई महत्वपूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश की ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ (ओ.डी.ओ.पी.) योजना भी छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों तक एम0एस0एम0ई0 उद्यमों के लिए सहायक परिस्थितियाँ उत्पन्न करेगी।
राष्ट्रपति जी ने कहा कि राज्य के शिल्पकारों का हुनर बहुत ही प्रभावशाली है। ओ.डी.ओ.पी. योजना से स्थानीय कौशल और कलाओं का संवर्धन होगा, तथा उत्पादों की पहुँच बढ़ेगी। इससे उत्तर प्रदेश के हर जनपद में शिल्पकारों की आर्थिक प्रगति होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ‘एक जनपद एक उत्पाद’ योजना द्वारा पाँच वर्षों में 25 हजार करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता के जरिए 25 लाख लोगों को रोजगार दिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस योजना से युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे। साथ-ही-साथ, राज्य के समग्र और संतुलित विकास को बल मिलेगा।
राष्ट्रपति जी ने कहा कि इस समिट में ‘ई-मार्केटिंग’, ‘जीरो डिफेक्ट-जीरो इफेक्ट’ और पूंजी निवेश में सहायता के लिए यहाँ उपस्थित संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ, जो समझौता ज्ञापन किए गए हैं, उनसे जिला स्तर पर उत्पादकों के लिए नए अवसर प्राप्त होंगे।
राष्ट्रपति जी ने कहा कि ‘थिंक-ग्लोबल, एक्ट-लोकल’ की सोच के अनुसार, स्थानीय कौशल को प्रोत्साहन देकर, जनपदों के कई ऐसे उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार के लायक बनाया जा सकता है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों के उत्पादों की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मांग है। लेकिन ऐसे बहुत से जिले और उत्पाद हैं, जिन्हंे इस योजना द्वारा समुचित प्रोत्साहन देकर उनकी क्षमता का व्यावसायिक उपयोग किया जा सकता है। कई नए ब्रांड विकसित किए जा सकते हैं। जब अंबेडकर नगर के वस्त्र-उत्पाद के कारीगर और श्रावस्ती में ट्राइबल क्राफ्ट में लगे शिल्पी राज्य सरकार से प्रभावी सहायता प्राप्त करेंगे तो निश्चय ही उनका उत्साह बढ़ेगा और उनके उत्पादों की गुणवत्ता भी बढ़ेगी। उनके उत्पाद अधिक ‘मार्केटेबल’ हो सकेंगे।
राष्ट्रपति जी ने कहा कि ब्रांडिंग पर विशेष ध्यान देकर उत्पादों की विभिन्न बाजारों में पहुँच बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता स्वयं उत्पादों तक नहीं आता। उत्पादों के प्रति उपभोक्ता की रुचि जगाने के लिए उसके पास जाना पड़ता है। उन्होंने सुझाव दिया कि ब्रांडिंग के लिए देश के प्रमुख सात-आठ नगरों में उत्तर प्रदेश के जनपदों के उत्पादों की लगभग 10 से 15 दिनों की प्रदर्शनी का आयोजन किया जा सकता है।
फरवरी, 2018 में आयोजित ‘यू0पी0 इन्वेस्टर्स समिट’ का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति जी ने कहा कि ऐसे उत्पादों के विषय में उन्होंने अपने विचार समिट में भी साझा किए थे। उन्होंने कहा कि हमें विकसित देशों से यह सीखना होगा कि कैसे हाथ से बनी हुई चीजों को आधुनिक ब्रांडिंग और मार्केटिंग के जरिये विदेशी मुद्रा कमाने, रोजगार बढ़ाने और देश की छवि को निखारने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है।
राष्ट्रपति जी ने कहा कि कोई भी हुनर या कौशल समाज के किसी वर्ग-विशेष से जुड़ा नहीं होता है। सचमुच में परिश्रम, परिश्रम होता है, उसका कोई उच्च या निम्न स्तर नहीं होता है। कम परिश्रम के व्यवसाय या नौकरी की ओर आकर्षित होने की अपनी मानसिकता को हमें बदलना होगा। ‘डिग्निटी ऑफ लेबर एंड रिस्पेक्ट फॉर स्किल’ में विश्वास करने वाला समाज विकास की दौड़ में सदैव आगे रहता है। उन्होंने कहा कि इस योजना में सभी उत्पादों से जुड़ी पूरी ‘प्रोसेस-चेन’ और ‘वैल्यू-चेन’ पर ध्यान दिया गया है, जिसका फायदा भविष्य में मिलेगा। इन प्रयासों के द्वारा उत्पादकों और ग्राहकों के बीच सीधा संपर्क और भी सुगम हो सकेगा।
राष्ट्रपति जी ने कहा कि इस योजना में वह क्षमता है, जिसके द्वारा अंतिम पंक्ति के लोगों को कौशल-विकास एवं रोजगार के अवसर प्रदान करके, जमीनी स्तर पर व्यापक बदलाव लाया जा सकता है। विकास और कल्याण के मानदंडों पर पीछे रह गए देश के 117 आकांक्षी जिलों में उत्तर प्रदेश के 8 जिले शामिल हैं। इनमे से उत्तर प्रदेश के दो जिलों बलरामपुर में फूड प्रोसेसिंग और फतेहपुर में बेडशीट बनाने का काम होता है। इनमें यह योजना ‘चेंज-एजेंट’ का काम कर सकती है। इस योजना द्वारा होने वाला बदलाव इन आकांक्षी जिलों में स्वास्थ्य एवं पोषण, शिक्षा, कौशल विकास तथा वित्तीय समावेश के मापदण्डों पर सुधार लाने में भी सहायक होगा।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक जी ने कहा कि राष्ट्रपति जी के मार्गदर्शन से उत्तर प्रदेश में लागू की जा रही ओ0डी0ओ0पी0 योजना को प्रभावी बनाने की प्रेरणा मिलेगी। यद्यपि उत्तर प्रदेश कृषि प्रधान राज्य है, तथापि यहां के प्रत्येक जनपद में असीमित सम्भावनाएं मौजूद हैं। इनका दोहन करने के लिए प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ओ0डी0ओ0पी0 योजना लागू कर एक नया प्रयास किया जा रहा है।
राज्यपाल जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के हस्तशिल्प उच्च कोटि के हैं। इसके अलावा राज्य में बड़े पैमाने पर पढ़े-लिखे नौजवान मौजूद हैं, जो राज्य की कुशल मानव शक्ति हैं। इनको काम मिलने से, इनका पलायन रुकेगा और यह अपने घर में ही काम कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हस्तशिल्पों, उत्पादों की ब्राण्डिंग बहुत जरूरी है। उत्तर प्रदेश द्वारा लागू की गई ओ0डी0ओ0पी0 योजना वास्तव में ग्राम विकास का नया क्रान्तिकारी माॅडल है, जिसे पूरे देश के राज्यों को अपनाना चाहिए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश आबादी की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य है। राज्य में 18 मण्डल और 75 जनपद हैं। सत्ता में आने के बाद से राज्य सरकार प्रदेश से युवाओं के पलायन को रोकने की दिशा में कार्य कर रही है। ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ समिट प्रदेश के औद्योगिक विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा निरन्तर किए जा रहे प्रयासों की अभिनव कड़ी है। प्रदेश के प्रत्येक जनपद का कोई न कोई विशिष्ट उत्पाद है। यह पारम्परिक उत्पाद उस जिले की पहचान भी हैं और स्थानीय जनता के लिए रोजगार का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। इन उत्पादांे को बढ़ावा देकर प्रत्येक जनपद के अर्थिक विकास को गति दी जा सकती है और नौजवानों को स्थानीय स्तर पर रोजगार के बड़े अवसर भी। इसे ध्यान में रखकर ही प्रदेश सरकार ने ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना के क्रियान्वयन का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य प्रदेश के जनपदों के पारम्परिक शिल्प, उत्पादों एवं लघु उद्यमों का संरक्षण तथा विकास करना तथा इसके माध्यम से प्रदेश में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित कर प्रदेशवासियों की आय में वृद्धि करना है। इसके अन्तर्गत विभिन्न जनपदों के विशिष्ट और प्रतिष्ठित उत्पादों की राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ब्राण्डिंग तथा उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार की व्यवस्था भी की गई है। तकनीकी उन्नयन के माध्यम से कारीगरों और हस्तशिल्पियों का विकास तथा लघु एवं स्थानीय उद्यमों के लिए काॅमन फैसिलिटी सेण्टर, टेस्टिंग लैब, डिजाइन स्टूडियो, एक्जीबिशन कम व्यापार केन्द्र जैसी महत्वपूर्ण अवस्थापना सुविधाओं का विकास भी इस योजना के उद्देश्यों में शामिल है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (एम0एस0एम0ई0) का बहुत बड़ा योगदान है। कृषि के बाद एम0एस0एम0ई0 सेक्टर में ही रोजगार के सबसे ज्यादा अवसर पैदा होते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का भी मानना है कि राज्य सरकार द्वारा प्रारम्भ की गई ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना (ओ0डी0ओ0पी0) को केन्द्र सरकार की स्किल इण्डिया, स्टैण्ड-अप इण्डिया, स्टार्ट-अप इण्डिया, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना आदि से जोड़कर प्रदेश के एम0एस0एम0ई0 सेक्टर का कायाकल्प किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपने 16 माह के कार्यकाल में राज्य की अर्थव्यवस्था को तेजी से विकसित करने के लिए अनेक कदम उठाए हैं। औद्योगिक निवेश के लिए कानून व्यवस्था की अच्छी स्थिति आवश्यक है। राज्य सरकार द्वारा कानून व्यवस्था में सुधार को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई। इसके परिणामस्वरूप राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति चुस्त-दुरुस्त हुई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत फरवरी में आयोजित ‘यू0पी0 इन्वेस्टर्स समिट-2018’ में विभिन्न संस्थाओं के साथ प्रदेश में 4.28 लाख करोड़ रुपए के निवेश से सम्बन्धित 1045 समझौतों पर हस्ताक्षर सम्पन्न हुए थे। 05 महीने के अल्प समय में ही इनमें से 60 हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारने के लिए विगत 29 जुलाई को ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी सम्पन्न हो चुकी है। इस आयोजन में प्रधानमंत्री जी द्वारा 81 परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के सभी 75 जनपदों के ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना से जुड़े उद्यमियों को व्यवसाय प्रारम्भ करने के लिए भारत सरकार एवं राज्य सरकार की विभिन्न रोजगारपरक तथा स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने वाली योजनाओं के समन्वय से, वित्त पोषण के लिए 1006 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण उपलब्ध कराये जा रहे हैं। उन्होंने ऋण प्राप्त करने वाले सभी लाभार्थी उद्यमियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के लिए समिट के अवसर पर 500 करोड़ रुपये के ऋण वितरण का प्रारम्भिक लक्ष्य रखा गया था। परन्तु जनपदांे की सक्रियता और बैंकों की सहभागिता के परिणामस्वरूप यह धनराशि बढ़कर 1006 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि यह अपने आप में एक ऐतिहासिक क्षण है, जब किसी भी प्रदेश में एक ही दिन लघु उद्योगों के लिए 1006 करोड़ रुपये के ऋण का वितरण एक साथ किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ कार्यक्रम को वर्ष 2018-19 में लागू किए जाने के लिए 250 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इसके क्रियान्वयन में बजट की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी तथा आवश्यकतानुसार अतिरिक्त बजट का भी प्राविधान कराया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा शीघ्र ही विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना लागू की जाएगी। ओ0डी0ओ0पी0 योजना के माध्यम से प्रतिवर्ष 05 लाख नौजवानों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। इस प्रकार अगले पांच वर्षों में 25 लाख नौजवान रोजगार पाएंगे, जिससे उनका प्रदेश से पलायन रुकेगा।
कार्यक्रम को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम एवं निर्यात प्रोत्साहन मंत्री श्री सत्यदेव पचैरी ने भी सम्बोधित किया।
कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति जी ने ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ योजना के हेल्पलाइन नम्बर तथा वेबसाइट का शुभारम्भ किया। उन्होंने बटन दबाकर ओ0डी0ओ0पी0 योजना के 4095 लाभार्थियों के मध्य 1006.94 करोड़ रुपए का ऋण भी वितरित किया। इस अवसर पर मुख्य सचिव तथा नेशनल स्टाॅक एक्सचेंज (एन0एस0ई0) तथा बाॅम्बे स्टाॅक एक्सचेंज (बी0एस0ई0) के प्रतिनिधियों के बीच एम0ओ0यू0 का आदान-प्रदान भी हुआ। कार्यक्रम में राज्य सरकार तथा अमेजन, क्यू0सी0आई0 तथा जी0ई0 हेल्थ केयर के बीच एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित कर उनका आदान-प्रदान भी किया गया।
राष्ट्रपति जी ने लाभार्थियों को टूल किट तथा ओ0डी0ओ0पी0 ऋण चेक भी वितरित किए। राज्यपाल श्री राम नाईक जी ने ओ0डी0ओ0पी0 काॅफी टेबल बुक का विमोचन किया और इसकी एक प्रति राष्ट्रपति जी को भेंट की। इससे पूर्व, राष्ट्रपति जी ने कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उन्होंने ओ0डी0ओ0पी0 समिट में विभिन्न जनपदों के विशिष्ट उत्पादों को दर्शाने के लिए आयोजित एक प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री जी ने राष्ट्रपति जी को शाॅल तथा स्मृति चिन्ह भी भेंट किया।
अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए मुख्य सचिव डाॅ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय ने कहा कि ओ0डी0ओ0पी0 योजना का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा, ताकि राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप रोजगार के अवसर बड़े पैमाने पर सृजित हों और युवाओं को काम मिल सके।