“श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी 1952, देहरादून” द्वारा गढ़वाल की ऐतिहासिक राजधानी – पुरानी टिहरी की 1952 से होने वाली प्राचीन रामलीला को टिहरी के जलमग्न होने के बाद देहरादून में पुर्नजीवित करने का संकल्प लिया है और इस हेतु देहरादून के टिहरी-नगर के ” आजाद मैदान, अजबपुर कलां, दून यूनिवर्सिटी रोड़, देहरादून ” में 11 दिन की ‘ भव्य रामलीला ‘ का आयोजन शारदीय नवरात्रों में 15 से 25 अक्टूबर 2023 तक किया जा रहा है।
” श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी 1952, देहरादून ” के अध्यक्ष अभिनव थापर ने कहा टिहरी गढ़वाल उत्तराखंड आंदोलन का प्रमुख केंद्र रहा, 1994 में आंदोलन में सभी वर्गो व व्यापारियों ने इसमें अपना सहयोग दिया। उत्तराखंड राज्य का निर्माण संघर्षों, बलिदानों और शहादत से हुआ है अतः रामलीला ने आज के दिवस को उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को समर्पित कर शहीदों को नमन कर रामलीला मंचन किया गया ।
रामलीला द्वितीय दिवस में आज ताडिका वध का शानदार मंचन रहा। ताडिका अपने साथियों के साथ जनता के बीच ” आग उगलते हुए ड्रोन के साथ मंच पर प्रवेश ” किया और दर्शकों ने तकनीक और ताडिका के अद्भुत संगम को तालियों की गड़गड़ाहट से सराहा । Laser Show में आरती का आकर्षण में दर्शकों ने आनंद लिया।
कार्यक्रम में अतिथिगणों के रूप में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी जी, प्रदीप कुकरेती जी, रविन्द्र जुगरान जी, अमित ओबरॉय जी, जयदीप सकलानी जी, राम लाल खंडूरी जी आदि का सम्मान किया गया।