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स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय और पेयजल एवं स्‍वच्‍छता मंत्रालय की संयुक्‍त पहल ‘स्‍वच्‍छ स्‍वस्‍थ सर्वत्र’ का शुभारंभ

A joint initiative of the Ministry of Health and Ministry of Drinking Water and Sanitation "Clean healthy universally launched
देश-विदेशसेहत

नई दिल्ली: केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्री श्री जे पी नड्डा और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर ने सुशासन दिवस के उपलक्ष्‍य में आज यहां आयोजित एक समारो‍ह में ‘स्‍वच्‍छ स्‍वस्‍थ सर्वत्र’ का शुभारंभ किया।

बेहतर स्‍वच्‍छता एवं ज्‍यादा जागरूकता और स्‍वस्‍थ जीवन शैली के जरिये बेहतर स्‍वास्‍थ्‍य का लक्ष्‍य हासिल करने के‍ उद्देश्‍य से ‘स्‍वच्‍छ स्‍वस्‍थ सर्वत्र’ दरअसल स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय और पेयजल एवं स्‍वच्‍छता मंत्रालय की एक संयुक्‍त पहल है।

समारोह में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए श्री जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने स्‍वच्‍छ भारत की जरूरत को सफलतापूर्वक रेखांकित किया है और आज यह इस दिशा में ऐसा सर्वाधिक लोकप्रिय कार्यक्रम है जो समूचे भारत के नागरिकों से गहरा वास्‍ता रखता है। स्‍वच्‍छ भारत से एक कदम आगे बढ़कर स्‍वस्‍थ भारत की तरफ अग्रसर होना एक स्‍वाभाविक कदम है। खुले में शौच मुक्‍त (ओडीएफ) को केवल बुनियादी ढांचे के सृजन तक सीमित नहीं रखा जाना चाहिए, बल्कि इसके जरिए लोगों की आदतों एवं नजरिये में सकारात्‍मक बदलाव भी लाना चाहिए। श्री जावड़ेकर ने कहा कि वर्ष 2019 तक खुले में शौच मुक्‍त भारत के लक्ष्‍य को हासिल करने की दिशा में ‘स्‍वच्‍छ स्‍वस्‍थ सर्वत्र’ एक अत्‍यंत जरूरी कार्यक्रम है। इसे जन आंदोलन का स्‍वरूप दिया जाना चाहिए और यही हमारी कोशिश है। उन्‍होंने बच्‍चों को परिवर्तन के प्रतिनिधि की संज्ञा देते हुए कहा, ‘मेरा मानना है कि लाखों विद्यार्थी अपने-अपने घरों, गांवों एवं जिलों में ओडीएफ संदेश को ले जाने के कार्य को पूरा करने में परिवर्तन के प्रतिनिधि बन सकते हैं।’

श्री जावड़ेकर ने दूरदराज के इलाकों में रहने वाले उन व्‍यक्तियों की भूरि-भूरि प्रशंसा की जो अपनी व्‍यक्तिगत पहलों से अपने क्षेत्र को खुले में शौच मुक्‍त करने के साथ-साथ स्‍वस्‍थ एवं स्‍वच्‍छ जीवन यापन के जरिए स्‍थानीय स्‍तर पर आवश्‍यक बदलाव लाने में कामयाब रहे हैं।

इस अवसर पर श्री जे पी नड्डा ने प्रधानमंत्री के इस विजन का स्‍मरण किया कि सरकारों और विभागों को अलग-थलग रहने के बजाय आपस में समुचित तालमेल बैठाते हुए कार्य करना चाहिए। श्री नड्डा ने कहा, ‘हम आज जो पहल कर रहे हैं उसका नागरिकों के स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी लक्ष्‍य पर दूरगामी एवं गहरा असर होगा। आज हमने एक ऐसे कार्यक्रम का शुभारंभ किया है जिसके तहत हम आपस में सहयोग कर सकते हैं। यह एक ऐसा कार्यक्रम है जो सुशासन दिवस के बिल्‍कुल उपयुक्‍त है।’

सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में स्वच्छता और सफाई के उच्च मानकों को सुनिश्चित करने से जुड़ी स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय की एक पहल कायाकल्‍प पुरस्‍कारों का उल्‍लेख करते हुए श्री नड्डा ने कहा कि स्‍वच्‍छता एवं सफाई की ओर मंत्रालय की गंभीरता एवं फोकस का पता इस तथ्‍य से लगाया जा सकता है कि कायाकल्‍प में केंद्र सरकार के अस्‍पतालों की श्रेणी में प्रथम पुरस्‍कार 5 करोड़ रुपये, द्वितीय पुरस्‍कार 3 करोड़ रुपये और तृतीय पुरस्‍कार 1 करोड़ रुपये का है तथा इस वर्ष अनेक प्रतिष्ठित प्रतिष्‍ठान जैसे कि चंडीगढ़ स्थित चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान स्नातकोत्तर संस्थान (पीजीआईएमईआर) और दिल्‍ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्‍थान (एम्‍स) और शिलांग स्थित पूर्वोत्तर इंदिरा गांधी क्षेत्रीय स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विज्ञान संस्थान रहे हैं। श्री नड्डा ने कहा,’अब पुरस्कारों की विभिन्न श्रेणियों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा है और इसके परिणामस्‍वरूप हर स्‍तर पर आदतों एवं नजरिये में बदलाव देखा जा रहा है।’

श्री नड्डा ने यह जानकारी दी कि स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ‘कम उम्र में ही आदत डालो’ थीम पर काम कर रहा है। मंत्रालय कम उम्र में ही बच्‍चों की आदतों में सकारात्‍मक बदलाव लाने की दिशा में काम कर रहा है, ताकि उन्‍हें ऐसी आदतों से बचाया जा सके जिनके कारण गैर संचारी रोग (एनसीडी) फैलते हैं। उन्‍होंने कहा कि केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य शिक्षा ब्‍यूरो द्वारा तैयार की गई चित्रमय पुस्‍तकों-‘स्‍वस्‍थ बच्‍चे स्‍वस्‍थ भारत’ के जरिए ऐसे स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी संदेश दिये जायेंगे जिनसे बच्‍चों एवं युवाओं को जीवन यापन की स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक आदतों एवं गतिविधियों के बारे में शिक्षित किया जा सकेगा। मंत्री महोदय ने बताया कि मंत्रालय ने स्‍वास्‍थ्‍यवर्धक जीवन यापन पर आधारित इन पुस्‍तकों का वितरण देश भर के स्‍कूलों में किया है।

अब तक किये गये प्रयासों और उपलब्धियों के पूरक के तौर पर पेयजल एवं स्‍वच्‍छता मंत्रालय और स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय ने आज ‘स्‍वच्‍छ स्‍वस्‍थ सर्वत्र’ के रूप में एक संयुक्‍त पहल का शुभारंभ किया है। ‘स्‍वच्‍छ स्‍वस्‍थ सर्वत्र’ के तीन प्रमुख घटक निम्‍नलिखित हैं:

  • ओडीएफ ब्‍लॉकों में अवस्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) को कायाकल्‍प प्रमाणन हासिल करने के लिए सहायता दी गई।
  • कायाकल्‍प प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (पीएचसी) की ग्राम पंचायत को ओडीएफ बनने के लिए प्राथमिकता दी गई।
  • सीएचसी/पीएचसी के नामित व्‍यक्तियों को वॉश (जल, स्‍वच्‍छता एवं सफाई) से जुड़ा प्रशिक्षण दिया गया।

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