देहरादून: पैरास्पोर्ट्स को बढ़ावा देने व जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से, आदित्य मेहता फाउंडेशन (एएमएफ) ने शुक्रवार को पैरास्पोर्ट्स का समर्थन एवं फंड जुटाने के लिए शहर में अपने हस्ताक्षर साइकिल अभियान को हरी झंडी दिखाई। आईटीबीपी (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) द्वारा समर्थित, इन्फिनिटी राइड-2019 16 से 23 अगस्त तक आयोजित की गयी है, जहां 15 पैरा साइकिल चालक व 25 शारीरिक रूप से सक्षम साइकिल चालक दुनिया की सबसे ऊंची मोटर मार्ग पर देहरादून से माना पास (18478 फीट) की दूरी तय करेंगे। इस पहल को श्री ए.के. रतूड़ी, डीजीपी, उत्तराखंड की उपस्थिति में श्री नीलाभ किशोर, आईजी, देहरादून ने हरी झंडी दिखाई। ध्वज को जोशीमठ में, श्री किशन रेड्डी, केन्द्रीय राज्य मंत्री और श्री एस.एस. देशवाल, महानिदेशक, आईटीबीपी द्वारा दिखाया जाएगा।
इस आयोजन में दुनिया भर के राईड्रेसिंग राइड्रफोम से भागीदारी देखने को मिलेगी और भारतीय पैरा साइकलिस्ट, जिन्होंने पैरा-एशियन चैंपियनशिप में पदक जीते हैं और एशियन गेम्स में ड्यूटी के दौरान अपने खोए हुए अंगों के बावजूद पदक जीते हैं। इस पहल से 100 मिशन को बढ़ावा मिलेगा जो कि आदित्य मेहता फाउंडेशन का लक्ष्य टोक्यो 2020 पैरालिंपिक में 100 पदक हासिल करना है। पहल के प्रमुख तत्वों में से एक प्रतिभाशाली पैरा एथलीटों का स्काउटिंग और कोचिंग है, जो एक वैश्विक क्षेत्र में भारत का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं।
आदित्य मेहता फाउंडेशन के आदित्य मेहता ने बताया कि अब तक हमने 180 पैरा-एथलीटों का समर्थन किया है, जिन्होंने 85 अंतर्राष्ट्रीय पदक जीते हैं। हम विकलांग लोगों को खेल के लिए सलाह देते हैं और प्रशिक्षित करते हैं, विशेषकर उन लोगों के लिए जो ड्यूटी के दौरान अपना अंग गंवा चुके हैं। आदित्य मेहता फाउंडेशन के संस्थापक आदित्य मेहता ने इस अवसर पर कहा, एक एनजीओ के रूप में, हम अपने कार्यों को मुख्य रूप से दान किये गये पैसो से किया जाता है और यह इन्फिनिटी राइड प्रति वर्ष हस्ताक्षर के द्वारा धन इक्टठा किया जाता है। उन्होंने कहा कि राइडर्स की एक टीम तैयार की गयी है जो देहरादून से माना दर्रा के लिए साइकिल की सवारी करते हुए फाउंडेशन के लिए फंड राईजर के रूप में कार्य करेगी।
आदित्य मेहता ने कहा कि 2015 से, बैंगलोर, हैदराबाद, मनाली से खारदुंगला, हैदराबाद से तिरुपति और शिमला से मनाली तक इन्फिनिटी राइड का सफल संचालन किया गया है। हमारे फाउंडेशन और इसके काम की निरंतरता को सुनिश्चित करने के लिए निधियों में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई। फाउंडेशन का लक्ष्य पैरालंपिक में हर दूसरे झंडे के ऊपर भारतीय ध्वज लगाना है, और हमारे एथलीट उसी के लिए अथक प्रशिक्षण देते हैं। हम किसी भी समर्थन की सराहना करते हैं जो हमारे संचालन के दायरे को बढ़ाने एवं सकरात्मक रूप से जीवन को अधिक प्रभावित करते हैं।