लखनऊः उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निवेश प्रोत्साहन मंत्री श्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा है कि प्रदेश में पूंजी निवेश को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने निवेश प्रोत्साहन विभाग का गठन किया है। इसका मुख्य उद्देश्य राज्य मंे औद्योगिक गतिविधियों के साथ ही त्वरित आर्थिक विकास को गति देना है। इस विभाग के गठन में प्रदेश में उद्योगों की जहां अधिकाधिक स्थापना होगी, वहीं बड़ी संख्या में नौकरियां भी सृजित होंगी और बेरोजगारी की समस्या का समाधान भी हो सकेगा।
श्री सिंह आज अपने कार्यालय कक्ष में प्रमुख सचिव, एन0आर0आई0 श्री आर.के.सिंह, मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार श्री के0वी0 राजू तथा विशेष सचिव श्री अमित सिंह के साथ निवेश प्रोत्साहन के संबंध में बैठक कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्य नाथ जी के कुशल मार्ग दर्शन में इन्वेस्टर्स समिट का अभूतपूर्व आयोजन किया गया। जिसके फलस्वरूप 4.68 लाख करोड़ रुपये के 1074 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इन प्रस्तावों के क्रियान्वयन के लिए एक साल के अन्तराल पर दो ग्राउण्ड बे्रकिंग सेरेमनी आयोजित की गई। पहली ग्राउण्ड बे्रकिंग में 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक की 81 परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया, जिसमें लगभग 30 परियोजनाओं का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। अन्य परियोजाओं का कार्य प्रगति पर है। इसी प्रकार दूसरी ग्राउण्ड बे्रकिंग सेरेमनी में 65 हजार करोड़ रुपये की 250 से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ और जिनमें से अधिकांश परियोजनाओं के निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है। इसी कड़ी में यह विभाग और आगे कार्य करेगा।
श्री सिंह ने अधिकारियों से चर्चा करते हुए कहा कि राज्य मंे औद्योगिक गतिविधियों को और अधिक प्रोत्साहित करने के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन की रणनीति तैयार की जा रही हैं। इसके आयोजन से निश्चित ही प्रदेश के औद्योगिक विकास को नये पंख लगेंगे तथा निवेशक सभी स्तर की इकाइयों में निवेश करने में रूचि प्रदर्शित करेंगे। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि सीमान्त, छोटे एवं मझोले उद्योगों में पंूजी निवेश के लिए निवेशकांे को आकर्षित करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है, ताकि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में उद्यमी पूंजी निवेश कर सकें।
निवेश प्रोत्साहन मंत्री ने एन0आर0आई0 विभाग के प्रमुख सचिव श्री आर0के0सिंह को निर्देशित किया कि वर्तमान में स्थापित हो रही विभिन्न इकाइयों को शीघ्र पूरा कराने के लिए उद्यमियों को प्रोत्साति करें तथा उनका नियमित अनुश्रवण भी सुनिश्चित करें। इसके साथ विदेशी निवेशकों को भी उत्तर प्रदेश में पूंजी निवेश के लिए आकृष्ट करने हेतु विभाग द्वारा निर्धारित सुविधाओं और मानकों से उन्हें अवगत कराने के लिए गहन प्रयास करें।