केंद्रीय गृह तथा सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने जम्मू एवं कश्मीर के औद्योगिक विकास के लिए केंद्रीय क्षेत्र की नई योजनाओं के लिए ऑनलाइन पोर्टल का शुभारंभ करते हुए कहा कि ‘जम्मू एवं कश्मीर में निवेश और व्यवसाय विकास की यह एक नई शुरुआत‘ है। श्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर में अब 50,000 करो़ड़ रुपये से अधिक का निवेश होने की संभावना है।
इस अवसर पर केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि ऑनलाइन पोर्टल का शुभारंभ तथा केंद्रीय क्षेत्र योजनाओं की शुरुआत ऐतिहासिक है। श्री गोयल ने कहा कि इस तंत्र से व्यवसाय करने की सुगमता में और सुधार आएगा तथा हर तरफ पारदर्शिता आएगी।
जम्मू एवं कश्मीर के लेफ्टिनेंट गवर्नर श्री मनोज सिन्हा, केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह, गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्री सोम प्रकाश तथा श्रीमती अनुप्रिया पटेल और भारत सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
ऑनलाइन पोर्टल की रूपरेखा का निर्माण तथा विकास व्यवसाय करने की सुगमता के उद्देश्य के साथ पारदर्शी तरीके से योजना का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए किया गया है। योजना के तहत समस्त प्रक्रिया अर्थात पंजीकरण के लिए आवेदन करना, क्लेम प्रस्तुत करना तथा विभाग के भीतर उनकी प्रोसेसिंग पोर्टल के जरिये की जाएगी। यह जानबूझकर किया गया है जिससे कि किसी भी मानवीय संपर्क से बचा जा सके।
शुरूआत के बाद, अब तक की यह सबसे बड़ी औद्योगिक स्कीम, जिससे देश के अन्य अग्रणी औद्योगिक रूप से विकसित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए जम्मू एवं कश्मीर के वर्तमान औद्योगिक परितंत्र में क्रांतिकारी बदलाव आने की संभावना है, योजना के तहत आने वाली पात्र इकाइयों के पंजीकरण के लिए खुल गई है। इस योजना का उद्वेश्य नए निवेश को आकर्षित करने तथा वर्तमान निवेशों को पोषित करने के द्वारा रोजगार सृजन, कौशल विकास तथा सतत विकास पर बल के साथ जम्मू एवं कश्मीर के उद्योग तथा सेवा केंद्रित विकास पर फिर से जोर देना है।
योजना के कार्यशील पूंजी ब्याज छूट घटक के जरिये पहले से ही कार्य कर रही वर्तमान इकाइयों में लगभग 35,000 व्यक्तियों को इस स्कीम से अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार सृजन में सहायता मिलती है। उम्मीद है कि जम्मू एवं कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश में लगभग 1200 औद्योगिक इकाइयों की स्थापना में लगभग 12,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त निवेश होगा।
ऐसा अनुमान है कि इस योजना से शिल्प, हस्तशिल्प तथा हथकरघा में घरेलू महिलाओं की लाभदायक भागीदारी सहित बैकवार्ड लिंकेज के जरिये कृषि, बागवानी, रेशम उत्पादन, पशुपालन और डेयरी, अंतःस्थलीय मत्स्य पालन आदि जैसे प्राथमिक क्षेत्र में रोजगार के साथ साथ लगभग 78,000 व्यक्तियों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार सृजित हो सकता है।
एक ऐतिहासिक घटनाक्रम में जम्मू एवं कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के तहत जम्मू एवं कश्मीर का पुनर्गठन 31 अक्टूबर, 2019 से केंद्र शासित प्रदेश के रूप में प्रभावी हो गया। इस अधिनियम ने रोजगार सृजन पर मुख्य जोर के साथ औद्योगिक विकास सहित समग्र विकास के लिए अनुकूल वातावरण का रास्ता प्रशस्त कर दिया। केंद्र शासित प्रदेश में विकास के प्रयासों में सहायता करने के लिए, भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने 19 फरवरी, 2021 को ‘जम्मू एवं कश्मीर के औद्योगिक विकास के लिए केंद्रीय क्षेत्र स्कीम‘ अधिसूचित की।
योजना का कुल वित्तीय परिव्यय 28,400 करोड़ रुपये है तथा इसमें चार प्रकार के प्रोत्साहनों की परिकल्पना की गई है जिनके नाम हैं:
i पूंजी निवेश प्रोत्साहन
ii पूंजी ब्याज छूट
iii जीएसटी संबंधित प्रोत्साहन
iv कार्यशील पूंजी ब्याज छूट
यह योजना एमएसएमई ( पूंजी प्रोत्साहन घटक द्वारा) तथा बड़ी इकाइयों ( एक उदार पूंजी ब्याज छूट घटक द्वारा ) दोनों के लिए ही आकर्षक है। इसके अतिरिक्त, जीएसटी संबंधित घटक के माध्यम से एक प्रमुख प्रोत्साहन लाने के द्वारा व्यवसाय करने की सुगमता की तर्ज पर इसे सरल बनाया गया है जो बिना पारदर्शिता से समझौता किए अनुपालन का कम बोझ सुनिश्चित करेगी। यह पहले की औद्योगिक विकास योजनाओं की तुलना में सहायता की अधिक मात्रा उपलब्ध कराती है, जैसे केवल ‘ जीएसटी से जुड़ा प्रोत्साहन घटक ‘ ही स्कीम के अन्य घटकों के अतिरिक्त पी एंड एम में किए गए निवेश का अधिकतम तीन गुना उपलब्ध कराता है।