नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि सभी शिक्षण संस्थाओं में कुछ समय के लिए राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) में सेवा को अनिवार्य बनाया जाना चाहिए। श्री नायडू आज नई दिल्ली में एनसीसी गणतंत्र दिवस शिविर के उद्घाटन के अवसर पर कैडेटों को संबोधित कर रहे थे।
श्री नायडू ने कैडेटों के उत्साह और ऊर्जा और शानदार ड्रिल तथा आत्मविश्वास के लिए कैडेटों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि एकता और देशभक्ति भाव भरने वाला यह शिविर यादगार और प्रेरक अनुभव प्रदान करेगा। उपराष्ट्रपति ने कैडेटों से शिविर में चलाई जाने वाली सभी गतिविधियों में लगन और संकल्प के साथ भाग लेकर शिविर का बेहतर उपयोग करने का आग्रह किया।
श्री नायडू ने कहा कि एनसीसी के प्रशिक्षण ने अनुशासन, नेतृत्व, भाईचारा, टीम भावना, साहस और राष्ट्रीय एकीकरण के गुणों को अपनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। इससे देश के युवाओं का समग्र विकास होगा और उनका भविष्य बेहतर होगा।
उन्होंने कहा कि यह शिविर न केवल देश को बेहतर तरीके से समझने का अनूठा अवसर प्रदान करेगा बल्कि कैडेटों को व्यापकता प्रदान करेगा और दूसरे देशों के समकक्ष कैडेटों के साथ अटूट मित्रता निभाने में भी सहायक होगा।
उन्होंने कहा कि एनसीसी का उद्देश्य सर्वव्यापी भाईचारा, राष्ट्रीय एकता और धर्मनिर्पेक्षता है। श्री नायडू ने संकट, भूंकप, बाढ जैसी प्राकृतिक आपदाओँ के समय में एनसीसी कैडेटों की निःस्वार्थ सेवा भावना की प्रशंसा की।
श्री नायडू ने स्वच्छ भारत अभियान, व्यस्क शिक्षा, दहेज विरोधी, कुष्ट रोग विरोधी तथा भ्रष्टाचार विरोधी जैसे सरकार प्रेरित सामाजिक कार्यक्रम के बारे में लोगों को शिक्षित करने में एनसीसी कैडेटों की भूमिका की सराहना की। एनसीसी कैडेटों के परिश्रम में विश्वास व्यक्त करते हुए श्री नायडू ने कहा कि कैडेटों के प्रयास से हमारा सामाजिक ताना-बाना मजबूत होगा।
जीवन के सभी क्षेत्रों के उत्कृष्टता के लिए कैडेटों को बधाई देते हुए उपराष्ट्रपति ने खेल विशेषकर निशानेबाजी में असाधारण प्रदर्शन दिखाने के लिए कैडेटों की सराहना की। उऩ्होंने आशा व्यक्त की कि एनसीसी खिलाड़ी प्रतिभा का पोषण करेगा जो आने वाले समय मे हमारे देश को गौरवान्वित करेगा।
उपराष्ट्रपति ने गणतंत्र दिवस शिविर में कैडेटों से बातचीत की। उद्घाटन समारोह में एनसीसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल पीपी मल्होत्रा, अधिकारी तथा 500 से अधिक कैडेटों ने भाग लिया।