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आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत कुल 1350 बीमारियों का इलाज होगा

उत्तर प्रदेश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बलरामपुर अस्पताल में ‘‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य’’ योजना के पायलट रन का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने आयुष्मान भारत योजना के 06 लाभार्थियों को गोल्डन कार्ड भी दिये। उन्होंने कहा कि विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना ‘‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य’’ योजना से प्रदेश के लगभग 1.18 करोड़ परिवारों (लगभग 6 करोड़ व्यक्तियों) को सूचीबद्ध राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों में भर्ती होकर पाँच लाख तक की सेकेण्डरी, टर्शियरी जैसे कि हार्ट अटैक एवं कैंसर जैसी गम्भीर बीमारियों के निःशुल्क उपचार सुविधा का लाभ मिल सकेगा। यह योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के स्थान पर संचालित की जाएगी। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना से समाज के वंचित, पिछड़े, सामाजिक एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों को योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना के अन्तर्गत सामाजिक, आर्थिक एवं जातिगत जनगणना (ैवबपव म्बवदवउपब ब्ंेजम ब्मदेने.2011) में चिन्हित परिवारों के अतिरिक्त स्वतः सम्मिलित श्रेणियों एवं शहरी क्षेत्र के 11 कामगार श्रेणियों जैसे कि कचरा उठाने वाले, फेरी वाले इत्यादि को योजना का लाभ मिलेगा। आयुष्मान भारत योजना 25 सितम्बर, 2018 को शुरू किया जाना प्रस्तावित है।

श्री सिंह आज बलरामपुर अस्पताल में ‘‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’’ के पायलट रन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत कुल 1350 बीमारियों के इलाज को सम्मिलित किया गया है। इलाज के दौरान दवा, जांच (एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, एम.आर.आई., आदि) पूर्णतया निःशुल्क होगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत पात्र परिवार के सभी सदस्य योजना के पात्र होंगे अर्थात सदस्यों की संख्या, आयु सीमा एवं लिंग की बाध्यता नहीं होगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत उच्चस्तरीय चिकित्सा संस्थानों एवं भारत सरकार द्वारा चिन्हित महत्वाकांक्षी जनपदों में स्थित चिकित्सालयों को पूर्व निर्धारित पैकेज दरों के अतिरिक्त प्रोत्साहन स्वरूप परफार्मेंस लिंक्ड इनसेन्टिव दिये जाने का प्राविधान है। एन.ए.बी.एच. एंट्री लेवल एक्रीडेशन की अर्हता रखने वाले संस्थानों को 10 प्रतिशत एवं एन.ए.बी.एच. द्वारा पूर्ण रूप से मान्यता प्राप्त संस्थानों को 15 प्रतिशत का अतिरिक्त भुगतान परफार्मेंस लिंक्ड इंसेंटिव के रूप में किया जायेगा। प्रदेश के 8 महत्वाकांक्षी जनपदों में चिकित्सालयों को उक्त के अतिरिक्त 10 प्रतिशत का अतिरिक्त भुगतान परफोर्मेंस लिंक्ड इनसेन्टिव के रूप में किया जायेगा। पी.जी./डी.एन.बी. कोर्सेज संचालित करने वाले संस्थानों को उक्त के अतिरिक्त 10 प्रतिशत का अतिरिक्त भुगतान परफार्मेंस लिंक्ड इनसेन्टिव के रूप में किया जायेगा।

श्री सिंह ने कहा कि राजकीय चिकित्सालयों में लाभार्थियों को भर्ती कराने एवं अन्य सहायता हेतु राज्य सरकार द्वारा ‘‘आरोग्य मित्र’’ की तैनाती की जा रही है, जो स्टेट हेल्थ एजेन्सी एवं चिकित्सालय के मध्य ‘‘फैसिलिटेटर/इन्टरफेस’’ का कार्य करेंगे। इसके साथ ही जनपद स्तर पर तीन प्रोफेशनल्स की भी नियुक्ति की जाएगी। जनपद स्तर पर नियुक्ति का उत्तरदायित्व जिलाधिकारियों को दिया गया है। पायलट रन के दौरान आयुष्मान भारत योजना से जुड़ी हुई कमियों का आंकलन कर उनका निवारण भी किया जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना से रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे और चिकित्सा क्षेत्र के विकास को भी एक नई गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि योजना के अंतर्गत पात्र परिवारों को निःशुल्क चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराये जाने हेतु प्रदेश के राज कीय चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, मेडिकल कालेज/संस्थान एवं चिन्हित निजी चिकित्सालय सूचीबद्ध किये जाएंगे। वर्तमान समय तक 274 चिकित्सालयों द्वारा योजनान्तर्गत सूचीबद्ध किये जाने हेतु आवेदन पूर्ण रुप से स्वीकृत कर योजना से जोड़े जा चुके हैं। साथ ही कुल 700 से अधिक चिकित्सालयों के आवेदन प्रक्रियाधीन हैं।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि योजना के क्रियान्वयन एवं मॉनिटरिंग को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से प्रदेश को चार क्लस्टर में विभाजित किया गया है। योजना के क्रियान्वयन में सहयोग हेतु इम्प्लीमेंटेशन सपोर्ट एजेन्सी (आई0एस0ए0) का चयन किया जा चुका है। योजना के क्रियान्वयन हेतु भारत सरकार द्वारा हेल्पलाइन नम्बर 1800 111 565 की शुरुआत की गयी है एवं प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में योजना हेतु समर्पित कॉल सेन्टर की स्थापना अलग से की जायेगी। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अधीन स्टेट एजेंसी फॉर कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस (साची) द्वारा संचालित की जाएगी।

इस अवसर पर महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री पद्माकर सिंह, स्टेट एजेंसी फॉर कॉम्प्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस (साची) की सी.ई.ओ. श्रीमती संगीता सिंह, निदेशक, बलरामपुर अस्पताल डॉ. राजीव लोचन सहित स्वास्थ्य विभाग के तमाम अधिकारीगण मौजूद थे।

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