बहराइच: आधार कार्ड को देश की दूसरी महत्वपूर्ण योजनाओं से जोड़ने की प्रक्रिया को झटका लगा है। बड़ी उम्र के लोगों की हाथ की अंगुलियों के निशान घिसने से उनका आधार कार्ड नहीं बन पा रहा है। हाल ही में निर्वाचन आयोग ने आधार कार्ड को वोटर आईडी से जोड़ने की मुहिम शुरू की है।
इससे बड़ी संख्या में उम्रदराज लोग फिंगर प्रिंट स्पष्ट नहीं आने से परेशान हैं। निकट भविष्य में आधार कार्ड की अनिवार्यता के चलते वोटर लिस्ट के साथ ही अन्य लाभकारी सरकारी योजनाओं से वंचित होने का डर उन्हें सताने लगा है। वोटर आईडी से पहले गैस कनेक्शन की कैश सब्सिडी को लेकर बैंकों के खातों को आधार कार्ड से जोड़ने की प्रक्रिया अपनाई गई थी। इसके अलावा खाद्य सुरक्षा गारंटी योजना में भी आधार कार्ड की अनिवार्यता सुनिश्चित की गई।
इन दो महत्वपूर्ण लाभकारी योजनाओं के बाद अब भारत निर्वाचन आयोग ने वोटर आईडी को भी आधार कार्ड से जोड़ना शुरू कर दिया है। यही कारण है कि उम्रदराज लोग फिंगर प्रिन्ट के न आने से आधार कार्ड की सुविधा से वंचित हैं और सभी को डर सताने लगा है कि कहीं वोट देने समेत अन्य अधिकारों और सुविधाओं से वंचित न हो जाएं।
मीराखेलपुरा निवासी सेना से रिटायर्ड बनवारी लाल (65) ने बताया कि फॉर्म भरकर आधार कार्ड बनवाने का उपक्रम किया तो फिंगर प्रिंट न आने की बात कहकर कैंप से लौटा दिया गया। यही हाल उनकी मां फूलमती (85) के साथ भी हुआ। इतना ही नहीं, नगर समेत समूचे जिले में बड़ी संख्या में उम्रदराज लोग फिंगर प्रिंट के न आने से आधार कार्ड जैसी महत्वपूर्ण सुविधा से वंचित हैं। ये परेशानी उत्तर प्रदेश में ही नहीं, दूसरे राज्यों में भी सामने आ रही है। आधार कार्ड बनाने के लिए फिंगर प्रिंट और आंखों की पुतलियों की भी स्कैनिंग की जाती है। उम्रदराज लोगों के हाथ घिस जाने की वजह से फ्रिंगर प्रिंट नहीं आ पा रहे हैं।