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एएआई और बीईएल ने स्वदेशी हवाई यातायात प्रबंधन प्रणाली विकसित करने के लिए हाथ मिलाया

देश-विदेश

सरकार की ‘‘मेक इन इंडिया’’ पहल को बढ़ावा देने के लिए, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने अपनी अनुसंधान और विकास पहल के तहत, देश में हवाई अड्डों पर हवाई यातायात प्रबंधन और विमान की सतह की आवाजाही के लिए संयुक्त, स्वदेशी विकास प्रणालियों के लिए नवरत्न रक्षा पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के साथ एक समझौता किया है, जो अब तक आयात किए जा रहे थे।

एएआई से श्रीबी. के. सरकार, ईडी (एटीएम-एटीएफएम) और बीईएल के श्रीएम. वी. राजाशेखर, निदेशक (आरएंडडी) ने आज हैदराबाद में विंग्स इंडिया 2022 में एएआई के चेयरमैन श्री संजीव कुमार, श्रीएम. सुरेश, सदस्य (एएनएस), एएआई और एएआई तथा बीईएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस समझौते के तहत, बीईएल और एएआई संयुक्त रूप से एडवांस्ड सर फेस मूवमेंट गाइडेंस एंड कंट्रोल सिस्टम (एएसएमजीसीएस) के साथ नागरिक हवाई यातायात प्रबंधन प्रणाली (एटीएमएस) विकसित करेंगे, जो एक जटिल जमीनी निगरानी प्रणाली है। यइ उड़ान भर ने से लेकर लैंडिंग तक की उड़ान की सुरक्षित संचालन के लिए हवाई अड्डों और भारतीय नागरिक हवाई क्षेत्र में हवाई यातायात का प्रबंधन करती है।

एएआई के चेयरमैन श्री संजीव कुमार ने कहा, ‘‘एएआई अपने ग्राहकों के लिए क्षमता और किफायती तथा पर्यावरण के अनुकूल सेवाओं को बढ़ाने के लिए भारतीय हवाई क्षेत्र, हवाई अड्डों पर सुरक्षित और कुशल एयर नेविगेशन सेवाओं के लिए प्रतिबद्ध है।’’ एएआई नियमित रूप से विकसित हो रहे वैश्विक सेवा मानकों के अनुरूप हवाई अड्डों पर एटीएम प्रणाली का उन्नयन करता है। वर्तमान समझौता भारत सरकार के ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ मिशन के अनुसार व्यवस्थित, कुशल और किफायती तरीके से अपने एएनएस अवसंरचना को अपग्रेड करने के लिए एएआई की आर एंड डी नीति के अनुरूप है। इससे एएनएस अवसंरचना की खरीद के लिए एएआई की विदेशी निर्भरता कम हो जाएगी। मेरी कामना है कि यह भारतीय विमानन उद्योग में सहयोग का एक नया अध्याय शुरू करेगा।

समझौते पर हस्ताक्षर करने के बादए श्री एमवी राजशेखर, निदेशक (आर एंड डी), बीईएल ने कहा, बीईएल विभिन्न गैर रक्षा व्यापार क्षेत्रों के लिए अपने समाधानों की श्रृंखला का विस्तार करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। एएआई के साथ यह समझौता भारत सरकार के ‘‘मेक इन इंडिया’’ और ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ मिशन की दिशा में एक बड़ा कदम है। समझौते का उद्देश्य बीईएल और एएआई की पूरक शक्तियों और क्षमताओं का लाभ उठाना तथा दोनों को हवाई अड्डे के आधुनिकीकरण के अवसरों को साधने में सक्षम बनाना है।

हवाई यातायात नियंत्रण का दोहरा उद्देश्य सुरक्षा सुनिश्चित करना, कई विमानों के बीच अंतर को बनाए रखना और हवाई अड्डे तथा भारतीय हवाई क्षेत्र में संचालन के कुशल प्रबंधन को सुनिश्चित करना है। एएसएमजीसीएस हवाई अड्डे पर सभी मौसमों में सुरक्षित सतह आवाजाही को बनाए रखने के लिएए जमीन पर विमानों और वाहनों को रूटिंग, मार्गदर्शन तथा निगरानी सेवाएं प्रदान करता है।

एएसएमजीसीएस के साथ एटीएमएस का उद्देश्य प्राथमिक/माध्यमिक रडार, स्वचालित आश्रित निगरानी प्रसारण (एडीएस-बीः), मल्टी-लेटरेशन सिस्टम (एमएलएटीएस) और नेविगेशनल उपकरण जैसे जीपीएसए इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (आईएलएस) और डॉपलर वेरी हाई फ़्रीक्वेंसी ओमनी रेंज (डीवीओआर) के साथ संपर्क कर हवाई यातायात नियंत्रक को कवरेज क्षेत्र की संपूर्ण हवाई यातायात तस्वीर प्रदान करना है। यह एयरोनॉटिकल फिक्स्ड टेलीकम्युनिकेशंस नेटवर्क (एएफटीएन) एयरपोर्ट ऑपरेशनल डेटाबेस (एओडीब), एयरपोर्ट कोलैबोरेटिव डिसीजन मेकिंग (एसीडीएम) और सेंट्रलाइज्ड एयर ट्रैफिक फ्लो मैनेजमेंट सिस्टम (सीएटीएफएम) सहित कई उप-प्रणालियों के साथ इंटरफेस करता है। इस प्रणाली का उपयोग भीड़भाड़ वाले हवाई अड्डों और हवाई क्षेत्रों में सैन्य उड़ानों सहित बड़ी मात्रा में हवाई यातायात की सेवा के लिए किया जाता है।

प्रणाली में कई इन-हाउस विकसित प्रौद्योगिकियां शामिल हैं, जैसे हवाई यातायात नियंत्रक के लिए स्थिति प्रदर्शित करने वाला डिस्प्ले, सर्विलांस डेटा प्रोसेसिंग (एसडीपी), फ्लाइट डेटा प्रोसेसिंग (एफडीपी) सेफ्टी नेट एंड डिसीजन सपोर्ट (एसएनईटी) कंट्रोल एंड मॉनिटरिंग डिस्प्ले (सीएमडी), उन्नत एएसएमजीसीएस आदि। यह नियंत्रक कार्यभार को कम करके, हवाई यातायात प्रवाह में सुधार और उड़ान देरी को कम करके बेहतर सुरक्षा के साथ क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। इस उन्नत प्रणाली की विश्वसनीयता और उपलब्धता एटीएम संचालन की सुरक्षा, अतिरिक्त और वितरित संरचना के माध्यम से प्रदान की जाती है।

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