लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रदेश के सभी 75 जनपदों में अभ्युदय कोचिंग संचालित की जा रही हैं। इनकी क्वॉलिटी को और अधिक इम्प्रूव करना है। कोचिंग एक मार्गदर्शक है। सफलता छात्र की मेहनत व सामर्थ्य पर निर्भर करती है। छात्र सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहा है, तो परिणाम अवश्य सामने आएंगे। अभ्युदय कोचिंग के छात्रों का मार्गदर्शन उस क्षेत्र में सफल लोग ही कर रहे हैं। साथ ही, विषय विशेषज्ञ लोग भी जुड़कर इसे सफलता की ऊँचांइयों तक पहुंचा रहे हैं। इस बार का यू0पी0एस0सी0 का परिणाम यह बताता है कि अभ्युदय कोचिंग संस्थान ने अच्छी भूमिका का निर्वहन किया है। इस मूवमेण्ट को बनाए रखना होगा।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना में विगत दो वर्षां में निःशुल्क कोचिंग से संघ लोक सेवा आयोग में 23 एवं उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में 95 चयनित अभ्यर्थियों के सम्मान समारोह में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग एवं उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में नवचयनित 21 अभ्यर्थियों को सम्मानित किया। उन्होंने समाज कल्याण विभाग को इस अभिनव योजना को प्रारम्भ करने के लिए एवं सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने के लिए बधाई दी।
मुख्यमंत्री जी ने मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत संचालित कोचिंग संस्थानों से मार्गदर्शन प्राप्त कर नवचयनित अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए कहा कि सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना के दौरान प्रदेश के युवाओं के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु हर जनपद में जिस कोचिंग संस्थान को प्रारम्भ करने का संकल्प लिया गया था। कोरोना समाप्त होने के पूर्व ही उनसे परिणाम आने प्रारम्भ हो गए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान 25 मार्च, 2020 को देश की 140 करोड़ आबादी को बचाने के लिए लॉकडाउन प्रारम्भ हुआ था। लॉकडाउन के दौरान हमारे सामने दोहरी चुनौती थी। एक तरफ प्रदेश की 25 करोड़ आबादी को संक्रमण से बचाना था, तो दूसरी तरफ दूसरे प्रदेश से बाहर अन्य राज्यों में काम करने वाले कामगार एवं श्रमिकों को राज्य में सुरक्षित वापस लाना तथा प्रदेश से बाहर कोटा, दिल्ली एवं प्रदेश के प्रयागराज में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र-छात्राओं को सुरक्षित उनके गांव तक पहुंचाना था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने राजस्थान के कोटा से लगभग 15 हजार एवं प्रयागराज से लगभग 14 हजार छात्र-छात्राओं को बस द्वारा सुरक्षित उनके गन्तव्य तक पहुंचाने का कार्य किया। मुख्यमंत्री जी ने उस दौरान स्वयं इन छात्र-छात्राओं से वर्चुअल माध्यम से जुड़े और कहा कि इस तरह के संकट से बचने के लिए ऐसे कोचिंग संस्थान बनने का प्रयास किया जाएगा, जो कोचिंग ही नहीं हो, बल्कि जीवन का पथ प्रदर्शन करे। इसके लिए राज्य सरकार ने वर्ष 2021 में बसन्त पंचमी के दिन मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना को प्रारम्भ किया। मात्र ढाई वर्ष में इसका सकारात्मक परिणाम दिखायी दे रहा है। अभ्युदय का मतलब है, जहां से सांसारिक उत्कर्ष का मार्ग प्रशस्त हो। आज इसके परिणाम प्रदर्शित करते हैं कि यह सांसारिक उत्कर्ष का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 1998 से वर्ष 2020 तक समाज कल्याण विभाग द्वारा जो भी कोचिंग संचालित की जाती थी, उनमें मात्र 03 से 04 अभ्यर्थी रेलवे एवं अन्य विभागों में चयनित होते थे। पहली बार प्रदेश में अभ्युदय कोचिंग से मार्गदर्शन प्राप्त करने वाले 23 अभ्यर्थियों का संघ लोक सेवा आयोग के माध्यम से चयन हुआ है। यह एक सकारात्मक पहल है। इसके लिए अभ्यर्थियों की मेहनत एवं समाज कल्याण विभाग की पहल सराहनीय है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारतीय मनीषा ने ‘अयोग्य पुरुषो नास्ति, योजकस्तत्र दुलर्भः’ की बात की है, यानि कोई भी मनुष्य अयोग्य नहीं है, उसे केवल एक योजक चाहिए। अभ्युदय कोचिंग संस्थान योजक के रूप में कार्य कर रहा है। आज नवचयनित आई0ए0एस0 जो विभिन्न पदों पर कार्य कर रहे हैं, वह अपने जनपदों में अभ्युदय कोचिंग में मार्गदर्शक के रूप में कार्य कर रहे हैं। मण्डलायुक्त के नेतृत्व में बनी हुई कमेटी के माध्यम से यह अधिकारी अभ्युदय कोचिंग से जुड़ते हैं। पी0सी0एस0 या पी0पी0एस0 में चयनित अभ्यर्थी भी अभ्युदय कोचिंग में अपना मार्गदर्शन प्रदान कर रहे हैं। आई0आई0टी0, नीट को क्वॉलिफाइ करने के बाद सर्विस कर रहे विभिन्न जनपदों में तैनात लोग भी इस कोचिंग के माध्यम से छात्र-छात्राओं को अपना मार्गदर्शन प्रदान कर रहे हैं। विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों से भी अच्छे विषय विशेषज्ञों का सहयोग लिया जा रहा है। फिजिकली व वर्चुअली दोनों प्रकार की कक्षाएं संचालित हो रही हैं।
मुख्यमंत्री जी ने प्रसन्नता व्यक्त की कि जनजातीय क्षेत्रों में एकलव्य विद्यालयों से जुड़े विद्यार्थियों का चयन नीट, आई0आई0टी0, जे0ई0ई0 व अन्य परीक्षाओं में हो रहा है। इनमें कुछ विद्यार्थियों को आज सम्मानित किया गया, यह समानता के अवसर को साकार कर रहा है, जिससे बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर का सपना साकार हो रहा है। समाज कल्याण विभाग द्वारा विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही हैं। लोगों में इन योजनाओं के बारे में जागरूकता पैदा कर कार्यक्रमों को आगे बढ़ाना है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विगत 06 वर्षां में समाज कल्याण विभाग ने विभिन्न कार्यक्रमों को आगे बढ़ाया है। वर्ष 2016 में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति अज्ञात कारणों से रोक दी गयी थी, वर्तमान सरकार ने वर्ष 2015-16 व 2016-17 के सभी विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति एक साथ रिलीज की। वर्तमान में वर्ष में दो बार 02 अक्टूबर एवं 26 जनवरी को समाज कल्याण विभाग द्वारा विद्यार्थियों के खाते में छात्रवृत्ति अन्तरित की जा रही है। समाज कल्याण विभाग द्वारा मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के माध्यम से किसी भी मत-मजहब की गरीब कन्याओं के दहेज मुक्त विवाह कार्यक्रम वृहद स्तर पर संचालित किए जा रहे हैं। इसके माध्यम से अब तक 02 लाख से अधिक कन्याओं का विवाह सम्पन्न किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में बिना किसी प्रोपागैण्डा के वेलफेयर स्टेट के रूप में कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। प्रदेश सरकार 01 करोड़ परिवारों को वृद्धावस्था, निराश्रित महिला तथा दिव्यांगजन पेंशन का लाभ प्रदान कर रही है। इन्हें 12 हजार रुपये वार्षिक पेंशन प्रदान की जा रही है। 03 हजार रुपये तिमाही इनके खाते में अन्तरित किए जा रहे हैं। पूर्ववर्ती सरकार में खाद्यान्न घोटाला होता था, गरीबों का राशन कार्ड नहीं बन पाता था। आज प्रत्येक गरीब के पास अपना राशन कार्ड है। विगत 03 वर्षां से लगातार 15 करोड़ गरीबों को निःशुल्क राशन की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में अब गरीब स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में दम नहीं तोड़ रहा है। गरीब परिवारों को 05 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान किया जा रहा है। विगत 06 वर्षां में 54 लाख गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला है। ग्रामीण क्षेत्र में गरीब को मकान निर्माण हेतु 01 लाख 20 हजार रुपये, शौचालय हेतु 12 हजार रुपये एवं 90 दिन के मनरेगा की मजदूरी के बराबर धनराशि उपलब्ध करायी जा रही है। इस प्रकार प्रधानमंत्री आवास योजना में ग्रामीण क्षेत्र के गरीब परिवार को 01 लाख 50 हजार रुपये एवं शहरी क्षेत्र के गरीब परिवार को 02 लाख 50 हजार रुपये सीधे उसके खाते में अन्तरित किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं से मुसहर, वनटांगिया, थारू, चेरो, कोल, सहरिया आदि जनजातियां वंचित थीं। इन्हें शासन की सभी वेलफेयर स्कीम से आच्छादित किया जा रहा है। इस वर्ष बुक्शा जनजाति को भी जोड़ा गया है। इन जातियों को हर हाल में मकान, जमीन का पट्टा प्रदान किया जा रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा परिवार आई0डी0 कार्ड जारी किया जा रहा है। परिवार आई0डी0 कार्ड के माध्यम से जो जिस योजना से वंचित होगा, उसे उससे आच्छादित किया जाएगा। मिशन मोड पर योजना के लाभ से वंचित लोगों को लाभान्वित कर सरकार द्वारा सम्मानपूर्वक जीवन देने का कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अभ्युदय योजना की सार्थकता तभी है, जब इसके माध्यम से चयनित अधिकारी अन्य लोगों के सांसारिक उत्थान के लिए कार्य कर सकेंगे। चयनित अधिकारियों को अपने लिए स्थान बनाने के साथ ही, दूसरों के सांसारिक उत्थान में भी योगदान देना चाहिए। चयनित अभ्यर्थी अपने तैनाती के समय में भी अभ्युदय योजना से सम्बन्ध बनाए रखें, इससे एक चेन विकसित हो सकेगी। जिसे मजबूत कर विश्वास का प्रतीक बनाया जा सके और आने वाले समय में तहसील स्तर तक ले जाया जा सके। अभी इसे जनपद स्तर पर और सुदृढ़ करने की आवश्यकता है, जिससे यह विश्वास का प्रतीक बने।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह विश्वास होना चाहिए कि अभ्युदय कोचिंग में जो आएगा, उसके साथ किसी प्रकार की चीटिंग नहीं की जाएगी। प्रतियोगी परीक्षाओं की शुचिता, पारदर्शिता एवं सरकार की ईमानदारी पर किसी प्रकार का प्रश्नचिन्ह् नहीं होगा। ऐसे में जो लोग कोचिंग संस्थानों को अनैतिक गतिविधियों का अड्डा बनाने का प्रयास कर रहे हैं, सब अपने आप उखड़ते हुए समाप्त हो जायेंगे, तब सिर्फ अभ्युदय कोचिंग से मार्गदर्शन के लिए लोग आएंगे।
इस अवसर पर समाज कल्याण एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री असीम अरुण ने कहा कि मुख्यमंत्री जी की प्रेरणा एवं संकल्पना से यह विजन शुरू हुआ है। आज चयनित सभी अभ्यर्थी राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देते हुए अन्य अभ्यर्थियों को भी मार्गदर्शन प्रदान करे। यह योजना प्रदेश के समस्त जनपदों में संचालित है। शीघ्र ही, इस योजना को तहसील स्तर पर लागू किया जाएगा, जिससे ग्रामीण अंचल के अभ्यर्थियों को लाभान्वित किया जा सके। मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना एक चेन की तरह कार्य करे, जो भी अभ्यर्थी चयनित हों वह नियुक्ति के जनपदों में अभ्युदय कोचिंग को आगे बढ़ाएं, जिससे निजी कोचिंग पर निर्भरता कम हो।
समारोह को समाज कल्याण एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण राज्य मंत्री श्री संजीव गोंड ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र, समाज कल्याण आयुक्त श्री हेमन्त राव, प्रमुख सचिव समाज कल्याण डॉ0 हरिओम, प्रमुख सचिव परिवहन एवं महानिदेशक उपाम श्री एल0 वेंकटेश्वरलू सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।