लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रदेश की ओ0डी0ओ0पी0 योजना हमारे एम0एस0एम0ई0 सेक्टर की बैकबोन के साथ पूरे देश के आत्मनिर्भर भारत अभियान की बैकबोन बनी है। वर्तमान में हर राज्य ओ0डी0ओ0पी0 की ओर आगे बढ़ रहा है। इस योजना ने उत्तर प्रदेश के हस्तशिल्पियों एवं कारीगरों को वैश्विक स्तर पर सम्मान दिलाया है और प्रदेश को एक्सपोर्ट के हब के रूप में स्थापित किया है। वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश से 86 हजार करोड़ रुपये का निर्यात होता था। इस वर्ष पौने दो लाख करोड़ रुपये का निर्यात होने जा रहा है। यह प्रदेशवासियों का सामर्थ्य है कि आज प्रदेश के लगभग सभी जनपदों से वस्तुओं का निर्यात हो रहा है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में एम0एस0एम0ई0, निर्यात एवं संत कबीर राज्य हथकरघा पुरस्कार वितरित करने के बाद इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के लाभार्थियों को टूल किट भी वितरित किए। अपने सम्बोधन में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में राज्य सरकार आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति प्रदान करने का कार्य कर रही है। प्रदेश सरकार ने ‘उत्तर प्रदेश दिवस’ के अवसर पर 24 जनवरी, 2018 को ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ (ओ0डी0ओ0पी0) योजना प्रारम्भ की थी। इसके अगले वर्ष 24 जनवरी, 2019 को ‘विश्वकर्मा श्रम सम्मान’ योजना प्रारम्भ की गई। ओ0डी0ओ0पी0 योजना के अन्तर्गत प्रत्येक जनपद के विशिष्ट उत्पादों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। राज्य सरकार इन विशिष्ट उत्पादों को बेहतर डिजाइनिंग, पैकेजिंग, तकनीक व बाजार उपलब्ध कराने तथा वैश्विक मंच पर स्थान बनाने जैसी अनेक सुविधाएं एवं प्रोत्साहन प्रदान कर रही है।
औद्योगिक विकास के लिए सुरक्षा और कानून का राज, शासन की नेक नियति, बेहतर ईज ऑफ डूइंग बिजनेस प्रमुख हैं। इन सबके साथ एम0एस0एम0ई0 के क्लस्टर की मौजूदगी भी आवश्यक है। उत्तर प्रदेश में एम0एस0एम0ई0 का बेहतरीन क्लस्टर उपलब्ध है। वर्तमान में राज्य में 96 लाख एम0एस0एम0ई0 यूनिट्स स्थापित हैं। यह एम0एस0एम0ई0 यूनिट्स प्रदेश की अर्थव्यवस्था की नींव हैं। हमारी इस ताकत का एहसास देश और दुनिया को कोरोना काल खण्ड में हुआ, जब 40 लाख प्रवासी कामगार व श्रमिक लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश में वापस आये थे। इन सभी प्रवासी कामगार व श्रमिकों को इन एम0एस0एम0ई0 यूनिट्स से रोजगार प्राप्त हुआ था। यह एम0एस0एम0ई0 यूनिट्स हमारी ताकत है। इसी कारण आज उत्तर प्रदेश निवेश के सबसे बड़े गंतव्य के रूप में उभरा है। प्रदेश सरकार को यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के माध्यम से लगभग 35 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इस ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट ने यह तय कर दिया है कि उत्तर प्रदेश चतुर्थ औद्योगिक क्रान्ति का जनक बनेगा, इसको लीड करेगा।
एम0एस0एम0ई0 उद्यमियों, हमारे निर्यातकों ने उत्कृष्ट कार्य किये हैं। इसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से 20 उत्कृष्ट एम0एस0एम0ई0 उद्यमियों, 35 उत्कृष्ट निर्यातकों को सम्मानित किया गया। साथ ही, 51 बुनकरों को संत कबीर राज्य हथकरघा पुरस्कार प्रदान किए गए हैं। संत कबीर के नाम पर पुरस्कार प्राप्त होना गर्व की बात है। प्रदेश में लगभग ढाई से तीन लाख परिवार बुनकरी के कार्य से जुड़े हुए हैं। यह सभी हमारी ताकत हैं। आज पूरे प्रदेश में विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से जुड़े 75 हजार हस्तशिल्पियों व कारीगरों को टूल किट उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिसमें 1400 लोगों को जनपद लखनऊ में और 600 लोगों को इस कार्यक्रम में टूल किट उपलब्ध कराए गए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश को रेडीमेड गारमेण्ट का हब बनाने की दिशा में कार्य किए जाएं। बुनकरों और पावरलूम लगाने वालों के लिए प्रदेश सरकार ने विद्युत के फ्लैट रेट के लिए एक अपनी स्कीम को आगे बढ़ाने का कार्य किया। बहुत शीघ्र प्रदेश सरकार इसकी घोषणा करने जा रही है ताकि इस परम्परागत कार्य को सुविधाजनक ढंग से आगे बढ़ाया जा सके। वर्तमान प्रतिस्पर्धा के दौर में हमारे बुनकरों की कला को उचित सम्मान प्राप्त हो, इसके लिए राज्य सरकार इन्हें तकनीक व डिजाइन प्रदान करते हुए प्रोत्साहित कर रही है।
औद्योगिक विकास की दृष्टि से जिस प्रकार एम0एस0एम0ई0 की भूमिका है, उसी प्रकार एम0एस0एम0ई0 के साथ-साथ समाज के लिए विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से जुड़े हस्तशिल्पियों व कारीगरों की प्रमुख भूमिका है। इन कारीगरों-राजमिस्त्री, धोबी, नाई, मोची, हलवाई, दर्जी, कारपेण्टर इत्यादि के बगैर समाज की व्यवस्था नहीं चल सकती। यह समाज की धुरी हैं। प्रदेश सरकार ने इनकी लगभग 16 कैटेगरी तय की हैं। राज्य सरकार इनको प्रशिक्षित कर रही है। साथ ही, प्रशिक्षण के उपरान्त इन्हें सर्टिफिकेट व टूलकिट भी प्रदान कर रही है।
हमें विश्वकर्मा श्रम सम्मान से जुड़े हस्तशिल्पियों व कारीगरों को बैंकों के साथ भी जोड़ना होगा। सभी जनपदों में निर्यात प्रोत्साहन के केन्द्र विकसित किए जाएं। एम0एस0एम0ई0 व विश्वकर्मा श्रम सम्मान से जुड़े लोगों की दृष्टि से प्रदेश में नये डिजाइनिंग व पैकेजिंग संस्थान खोले जाएं। हस्तशिल्पियों व कारीगरों को इन संस्थानों व बैंकों से जोड़ा जाए। प्रदेश का सी0डी0 रेशियो 54 से 55 प्रतिशत है, जिसे बढ़कर 65 प्रतिशत तक किए जाने की आवश्यकता है, ताकि उत्तर प्रदेश का पैसा उत्तर प्रदेश में लगे। निर्यात प्रोत्साहन की दिशा में तेजी से कार्यों को आगे बढ़ाया जाए।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री जी ने प्रदेश के उत्कृष्ट एम0एस0एम0ई0 उद्यमियों, उत्कृष्ट निर्यातकों व बुनकरों को सम्मानित किया।
औद्योगिक विकास मंत्री श्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन एवं मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। वर्ष 2017 से वर्ष 2022 के दौरान उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश बना है और अब सर्वोत्तम प्रदेश बनने की ओर अग्रसर है। राज्य में तेज गति से इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेण्ट के कार्य हुए हैं। आज उत्तर प्रदेश आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
एम0एस0एम0ई0, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री श्री राकेश सचान ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के कुशल एवं गतिशील नेतृत्व में उत्तर प्रदेश नई ऊंचाइयों को छू रहा है। राज्य में देश की लगभग 14 प्रतिशत एम0एस0एम0ई0 इकाइयां कार्यरत हैं। प्रदेश सरकार एम0एस0एम0ई0 तथा हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं को संचालित कर रही है। जनपद लखनऊ एवं हरदोई की 01 हजार एकड़ भूमि में मेगा टेक्सटाइल पार्क की स्थापना की जाएगी, जिससे लाखों लोगों को रोजगार की प्राप्ति होगी। प्रदेश सरकार एम0एस0एम0ई0 पार्कों की स्थापना के लिए प्लेज योजना के अन्तर्गत कार्यों को आगे बढ़ा रही है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव एम0एस0एम0ई0 श्री अमित मोहन प्रसाद, सचिव एम0एस0एम0ई0 श्री प्रांजल यादव, सूचना निदेशक श्री शिशिर तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।