लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने पं0 दीनदयाल उपाध्याय जी की 102वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धंाजलि देते हुए कहा कि पं0 दीनदयाल उपाध्याय जी अन्त्योदय की संकल्पना को साकार करने के लिए समर्पित थे। वे पहले विचारक थे जिन्होंने समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को राजनीतिक एजेण्डे के केन्द्र में स्थापित किया। केन्द्र और राज्य सरकार अन्त्योदय के उनके स्वप्न को साकार करने के लिए सतत प्रयत्नशील है। पिछले वर्ष पं0 दीनदयाल उपाध्याय जी का जन्म शताब्दी वर्ष मनाया गया है। इस दौरान पूरे देश और प्रदेश में अनेक रचनात्मक कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं।
मुख्यमंत्री जी आज यहाँ लोकभवन में मंत्रिपरिषद की बैठक में गन्ना किसानों के बकाया मूल्य के भुगतान के सम्बंध में लिए गये निर्णयों की जानकारी दे रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान केन्द्र और राज्य सरकार के निर्णयों और कार्यों के पीछे पं0 दीन दयाल उपाध्याय जी के चिंतन की प्रेरणा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा जनधन योजना प्रारम्भ की गई है। इसके माध्यम से गरीबांे का बैंकों में खाता खोलना संभव हुआ है। बैंक में खाता होने से डी0बी0टी0 के माध्यम से गरीब को राजकीय योजनाओं का पूरा लाभ मिल रहा है। यह पं0 दीनदयाल उपाध्याय जी की चिन्तन के प्रेरणा से ही संभव हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से बड़ी संख्या में गरीबों के लिए आवास निर्माण, उनके स्वास्थ्य और सम्मान की रक्षा के लिए करोड़ों की संख्या में शौचालयों का निर्माण, सौभाग्य योजना के माध्यम से गरीब परिवारों को निःशुल्क विद्युत कनेक्शन की उपलब्धता, उज्ज्वला योजना के माध्यम से गरीब परिवार की महिलाओं को निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध कराना आदि के पीछे पं0 दीनदयाल उपाध्याय जी के चिन्तन की प्रेरणा ही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गरीबों को आधुनिकतम चिकित्सा सुविधा सुलभ कराने के लिए आयुष्मान भारत योजना प्रारम्भ की गई है। ‘‘मोदी केयर’’ कही जाने वाली यह एक अभिनव योजना है। दुनिया की सबसे बड़ी इस स्वास्थ्य बीमा योजना के अन्तर्गत देश की पचास करोड़ जनता को प्रतिवर्ष पाँच लाख रुपये की चिकित्सा बीमा सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने बताया कि इस स्वास्थ्य बीमा योजना का पहला लाभार्थी गोरखपुर से है, जिसे उपलब्ध कराये गये गोल्ड कार्ड के माध्यम से एक लाख दस हजार रुपये की चिकित्सा सहायता प्राप्त हुई है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने आज मंत्रिपरिषद की बैठक में किसानों के बकाया गन्ना मूल्य भुगतान सम्बन्धी निर्णयों की जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि चीनी मिलों द्वारा पेराई सत्र 2017-18 में की गई 1110.90 लाख टन गन्ना खरीद के लिए 4.50 रुपए प्रति कुन्तल की दर से 500 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता देने का निर्णय लिया गया है। इस वित्तीय सहायता धनराशि का भुगतान सीधे गन्ना किसानों के खाते में कराया जाएगा। इसी के साथ पेराई सत्र 2016-17 एवं 2017-18 के बकाया गन्ना मूल्य के भुगतान के लिए निजी क्षेत्र की चीनी मिलों को 04 हजार करोड़ रुपए के साॅफ्ट लोन दिलाए जाने का फैसला भी मंत्रिपरिषद ने लिया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय चीनी मिलों और गन्ना किसानों की समस्याओं को देखते हुए लिया गया है। राज्य सरकार के इन निर्णयों से प्रदेश के लगभग 40 लाख किसानों को लाभ होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के कल्याण के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए गए हैं। किसानों की ऋण माफी योजना को प्रदेश में सफलतापूर्वक लागू किया गया है। राज्य सरकार द्वारा किसानों की उपज की खरीद में न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक धनराशि का भुगतान किया गया है। साथ ही, रिकाॅर्ड मात्रा में उपज का क्रय भी किया गया है। उन्होंने कहा कि मार्च, 2017 में वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के समय न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अंतर्गत 05 से 07 लाख मीट्रिक टन की खरीद होती थी। वर्तमान सरकार ने पिछले वर्ष 37 लाख मीट्रिक टन गेहूं के क्रय के साथ ही 72 घण्टे के अंदर आर0टी0जी0एस0 के माध्यम से किसानों को इसका भुगतान भी कराया है। इसी प्रकार 43 लाख मीट्रिक टन धान और इस वर्ष 53 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद कराए जाने के साथ ही आर0टी0जी0एस0 के माध्यम से 72 घण्टे के अंदर किसानों का भुगतान भी सुनिश्चित किया गया है। इसके अलावा, लदाई-छनाई के लिए अतिरिक्त धनराशि का भुगतान भी कराया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गन्ना किसानों के हित में उठाए गए कदमों से गन्ने के क्षेत्रफल में वृद्धि हुई है। वर्तमान सरकार ने अधिक से अधिक चीनी मिलों को संचालित करने का कार्य किया है। वर्तमान में प्रदेश की 119 चीनी मिलें संचालन की स्थिति में हैं। इनमें से 24 चीनी मिलें सहकारी क्षेत्र की तथा शेष निजी क्षेत्र की हैं। इनमें पेराई सत्र 2017-18 में 120 लाख मीट्रिक टन चीनी का उत्पादन हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि गन्ना किसानों के हित में राज्य सरकार द्वारा खाण्डसारी उद्योग के लाइसेंस दिए जा रहे हैं। इस वर्ष लगभग 180 खाण्डसारी उद्योग संचालित होंगे। इसके अलावा, राज्य सरकार द्वारा गन्ने के रस से एथेनाॅल बनाने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया था, जिसे स्वीकृति प्राप्त हो गई है। यह एक क्रांतिकारी कदम है। इससे गन्ना किसानों को बड़ा लाभ होगा।