नई दिल्ली: चलती हुई रेलगाड़ियों और स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं में सुधार करने के उद्देश्य से भारतीय रेलवे ने इस महीने से मूलभूत सुविधाओं के बारे में जनता से प्रतिक्रिया एकत्र करने का कार्य शुरू कर दिया है।
रेलमंत्री द्वारा रेल प्रशासन और यात्रियों के दरमियान अच्छा संबंध बनाने पर जोर दिया जा रहा है। प्रतिक्रिया एकत्र करने का यह कार्य उसी दिशा में उठाया गया कदम है।
रेलवे ने यह महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया (फीडबैक) एकत्र करने का कार्य अपने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) को सौंपा है। आईआरसीटीसी द्वारा यह प्रतिक्रिया इंट्रेक्टिव वायस रिस्पोन्स सिस्टम (आईवीआरएस) के माध्यम से +91-139 नम्बर द्वारा एकत्र की जा रही हैं। इस प्रणाली के तहत यात्रा कर रहे यात्रियों से रेलवे द्वारा 6 क्षेत्रों में उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं जैसे – स्टेशन/ प्लेटफार्म/ रेलगाड़ियों की सफाई, खानपान की गुणवत्ता, एसी का कूलिंग करने का स्तर, खाने की गुणवत्ता, रेलगाड़ी की समय की पाबंदी और बैडरोल की गुणवत्ता के बारे में प्रतिक्रिया देने के लिए उनके फोन पर बेतरतीब रूप से सम्पर्क किया जा रहा है।
इन 6 सुविधाओं में से किसी यात्री से केवल 2 सुविधाओं के बारे में अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए उन्हें फोन पर तीन विकल्प दबाने के लिए कहा जाता है। जिसमें किसी विशेष सेवा के संबंध में 2 (दो) अच्छी के लिए, 1 (एक) संतोषजनक के लिए और 0 (शून्य) असंतोषजनक या बुरी सेवा के लिए दबाना है। औसत रूप से प्रतिदिन प्रति रेलगाड़ी 60-70 कॉल की जा रही हैं और मेल/ एक्सप्रेस रेलगाड़ियों से प्रतिदिन एक लाख सफल कॉल करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इस फीडबैक से यात्री सुविधाओं में सुधार करने में और सेवा प्रदाताओं की जवाबदेही तय करने में मदद मिलेगी।