नई दिल्ली: केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष मंत्रालय में राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने आज नई दिल्ली में जम्मू-कश्मीर के सरपंचों से बातचीत की। जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के दूरस्थ गंदोह तहसील से आए 16 सरपंच इसमें शामिल थे।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण के बाद, पंचायतों को स्वायत्तता दी गई है और इस प्रकार वे सशक्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि इससे राज्य के जमीनी स्तर के नेताओं का मनोबल बढ़ा है। डॉ. सिंह ने कहा कि अब केन्द्रीय सरकार द्वारा जारी किए गए अनुदान सीधे तौर पर पंचायतों तक पहुंचेंगे, जिससे उनका विकास होगा। उन्होंने कहा कि ये लोग जम्मू-कश्मीर के दूरस्थ क्षेत्रों से निर्वाचित नेता हैं और इन क्षेत्रों के विकास के निर्णयों के बारे में उनके विचारों का अत्यधिक महत्व है। डॉ. सिंह ने कहा कि केन्द्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह ने भी हाल में वहां की स्थिति के बारे में उनसे विचार-विमर्श किया है। उन्होंने कहा कि कुछ निहित हितों से जुड़े लोगों ने सरकार के निर्णय के बारे में गलत जानकारी फैलाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि वास्तविक स्थिति को समझने में ये नेता सरकार के लिए मददगार हैं।
डॉ. जितेन्द्र सिंह से बातचीत करते हुए, सरपंचों ने कहा कि वे सरकार के निर्णय के साथ खड़े हैं। उन्होंने बताया कि स्वायत्तता और वित्तीय शक्तियों के बल पर अब अधिक सशक्त महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष वित्तीय शक्तियों से वे जम्मू-कश्मीर के लोगों के फायदे के लिए निर्णय लेने में समर्थ होंगे। उन्होंने कहा कि इससे अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्रों में मदद मिलेगी।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार नियमित रूप से जम्मू-कश्मीर से संबंधित विभिन्न समूहों के साथ बातचीत कर रही है। उन्होंने कहा कि छात्रों एवं अन्य नेताओं सहित विभिन्न समूहों के साथ बैठकें आयोजित की जा रही हैं। उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार जम्मू-कश्मीर के लोगों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है और उसे सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करेगी।