लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने पठारी, गहरे एवं कठिन स्ट्रेटा वाले क्षेत्रों में हैवी रिग मशीनों से बोरिंग करके नलकूप निर्माण के लिए जिला योजना में संचालित गहरी बोरिंग योजना के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष में 555.63 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। इसके साथ ही किसानों की स्थानीय आवश्यकता एवं उपयोगितानुसार प्रत्येक बोरिंग के साथ कम से कम 25 पेड़ लगाये जाने के निर्देश दिये गये हैं।
लघु सिंचाई एवं भूगर्भ जल विभाग द्वारा इस सम्बन्ध में शासनादेश जारी कर दिया गया है। आदेश में कहा गया है कि स्वीकृत धनराशि पठारी क्षेत्रों में गहरी बोरिंग की योजना में एस0सी0एस0पी0 के कृषकों को अनुदान उपलब्ध कराये जाने के लिएव्यय की जायेगी। यह अनुसूचित जातियों के लिए विशेष घटक योजना है। सरकार ने स्वीकृत धनराशि को संबंधित प्रखण्डों के अधिशाषी अभियन्ताओं के निवर्तन रखी है।
उल्लेखनीय है कि पठारी, गहरे एवं कठिन स्ट्रेटा वाले क्षेत्रों में हैवी रिग मशीनों से बोरिंग करके नलकूप निर्माण का कार्य कराया जा रहा है। योजना के तहत लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम 1,00,000 रुपये का अनुदान कृषकों को देने की व्यवस्था है। इस योजना के अन्तर्गत निर्मित नलकूपों के ऊर्जीकरण के लिए अनुदान के अतिरिक्त विद्युत नियामक आयोग द्वारा निर्धारित 68,000 रुपये की धनराशि अथवा वास्तविक लागत जो भी कम हो, प्रति नलकूप की दर से अनुमन्य कराया जा रहा है।
ऊर्जीकरण धनराशि नलकूप कीबोरिंग होने के पश्चात् लाभार्थी के नाम सहित उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन को उपलब्ध करायी जा रही है। साथ ही इस योजना में प्रत्येक नलकूप पर जल वितरण के लिए एच0डी0पी0ई0 पाइप सिंचाई प्रणाली की स्थापना हेतु लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम 10,000रुपये का अनुदान पृथक से भी दिया जा रहा है।