लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री, श्री सूर्य प्रताप शाही के निर्देश पर किसानों को गुणवत्तायुक्त उर्वरक उपलब्ध कराने की दृष्टि से प्रदेश के मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारियों द्वारा गत् 10 जनवरी को सभी जनपदों के कुल 3741 उर्वरक व्यवसाय प्रतिष्ठानों पर आकस्मिक छापे मारे गये। श्री शाही ने बताया कि छापेमारी की कार्यवाही में कुल 1528 नमूने संग्रहित किये गये। निर्धारित गुणवत्ता के अनुरूप उर्वरक न पाये जाने के कारण 224 प्रतिष्ठानों के लाईसेंस निलम्बित किये गये, जबकि 08 प्रतिष्ठानों के लाईसंेस निरस्त किये गये हैं।
श्री शाही ने कहा कि किसानों को पूर्ण पारदर्शिता के साथ उर्वरक मुहैया कराने एवं उर्वरक की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के दृष्टिगत गत् 09 जनवरी को प्रदेश के समस्त मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को उर्वरक प्रतिष्ठानों पर आकस्मिक छापेमारी के निर्देश दिये गये थे। कृषि मंत्री ने बताया कि विस्तृत रिपोर्ट के अनुसार 04 उर्वरक प्रतिष्ठानों के विरूद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 की धारा-3/7 के अन्तर्गत प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायी गयी है। इसके अतिरिक्त 05 प्रतिष्ठानों को सील किया गया। साथ ही 07 उर्वरक प्रतिष्ठानों पर उर्वरक की बिक्री प्रतिबन्धित की गयी।
कृृषि मंत्री ने बताया कि छापेमारी की कार्यवाही में 334 उर्वरक प्रतिष्ठानों को चेतावनी निर्गत की गयी है, जबकि 61 को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पूर्ण पारदर्शिता के साथ किसानों को गुणवत्तायुक्त उर्वरक मुहैया कराने के लिये दृढ़ संकल्पित है। कहीं भी यूरिया खाद की कोई कमी नहीं है। श्री शाही ने कहा कि किसी भी जनपद में उर्वरक की कमी के कारण कोई कठिनाई नहीं होने दी जायेगी। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है तथा इसी के मद्देनजर किसानों को खाद की उपलब्धता भी सुनिश्चित करा रही है।