नई दिल्ली: बिजली, कोयला, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल ने कहा है कि देश में स्मार्ट शहरों की परिकल्पना भारतीय जरूरतों के हिसाब से होनी चाहिए। आज दूसरे स्मार्ट सिटीज इंडिया 2016 एक्सपो में श्री पीयूष गोयल ने कहा कि हमें स्मार्ट शहरों की परिकल्पना भारतीय जरूरतों के हिसाब से करनी होगी। यह व्यावहारिक हो और लोगों की जरूरत के हिसाब से इसका इस्तेमाल हो सके। इसे सस्ता भी होना होगा। उन्होंने कहा कि इस पर विचार-विमर्श किया जा सकता है। इसके बाद भारतीय जरूरत के हिसाब से स्मार्ट शहरों की परिकल्पनाओं को लागू किया जा सकता है।
श्री गोयल ने कहा देश में स्मार्ट शहरों की परिकल्पना लागू करने में बड़े पैमाने पर निर्माण का अर्थशास्त्र, एक अरब से ज्यादा लोगों की आकांक्षाएं, भारतीय जरूरत के हिसाब से व्यावहारिकता, और कार्यक्रम के सस्ते होने जैसे मुद्दे बेहद अहम होंगे। हमें बड़े पैमाने पर निर्माण के अर्थशास्त्र और इस संबंध में नए विचारों को तेजी से लागू करने पर ध्यान देने की जरूरत है। ऐसे विचार जो वास्तविक में लोगों के लिए कारगर साबित हों। ये परिकल्पनाएं इस तरह लागू हों जिससे यह दिखे कि स्मार्ट शहर कैसे होंगे।
श्री पीयूष गोयल ने ऊर्जा सक्षमता कार्यक्रम का उदाहरण देते हुए कहा कि एलईडी बल्ब के निर्माण में 83 फीसदी लागत कटौती इसलिए हो पाई कि बड़े पैमाने पर इस कार्यक्रम को अपनाया गया। एलईडी बल्बों के इस्तेमाल से भारत के लोग हर साल 65 अरब डॉलर का बिजली बिल बचाएंगे।