नई दिल्ली: पुडुचेरी की लेफ्टिनेंट गवर्नर, डॉ किरण बेदी ने युवा पुलिस अधिकारियों से पुलिस बल की सेवा को हमेशा सच्ची भावना से करने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह सेवा प्रत्येक नागरिक के जीवन, स्वतंत्रता और कल्याण की सुरक्षा से जुड़ी है। डॉ. किरण बेदी ने पुलिस अधिकारियों को सलाह देते हुए कहा कि अपने वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों की प्रतीक्षा किए बिना वे हमेशा कानून की भावना और नियम के अनुसार कार्य करें।
उन्होंने कहा कि पुलिस अधीक्षक के कंधों पर बड़ी ज़िम्मेदारी होती है क्योंकि वे जमीनी स्तर के प्रमुख अधिकारी होते हैं जबकि वरिष्ठ अधिकारी पर्यवेक्षक की भूमिका निभाते हैं। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को अपने दिन का शुभारंभ शीघ्रता से करने और प्रतिदिन अपने कार्य क्षेत्र में जाकर लोगों के साथ मिलने के लिए सख्त दैनिक नियमों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया।
भारतीय पुलिस सेवा की विशिष्ट अधिकारी रहीं, डॉ किरण बेदी, फेडरेशन ऑफ इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स (फिक्की) के सहयोग से पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (बीपीआर एंड डी) द्वारा आयोजित द्वितीय युवा अधीक्षक पुलिस सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं।
डॉ बेदी ने युवा पुलिस अधिकारियों और सुरक्षा उपकरणों से जुड़ी तकनीकी रूप से उन्नत कंपनियों एवं इस क्षेत्र के विशेषज्ञों को एक साथ लाने के लिए बीपीआर एंड डी की प्रशंसा की। उन्होंने बीपीआर एंड डी के प्रमुख के तौर पर कार्य करने के अपने पिछले दिनों का स्मरण करते हुए आगामी वर्षों में इसके विकास पर संतोष भी जताया। युवा पुलिस अधीक्षकों के दो दिवसीय सम्मेलन पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में पुलिस अधीक्षकों की संख्या को केवल 100 तक सीमित करने के बजाय इसे प्रत्येक पुलिस अधीक्षक के लिए अनिवार्य किया जाना चाहिए। उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि उचित प्रौद्योगिकी के उपयोग से संबंधित विषयों पर संपूर्ण पुलिस बल के लाभ के लिए बीपीआर एंड डी को एक बार सभी के लिए प्रशिक्षण का शुभारंभ करना चाहिए।
बीपीआर और डी के महानिदेशक, डॉ एपी महेश्वरी ने डॉ बेदी का महिला सशक्तिकरण प्रतीक, मैगसेसे पुरस्कार विजेता एवं एक असाधारण पुलिस अधिकारी के रूप अभिवादन किया। दो दिवसीय सम्मेलन के अंत में, डॉ महेश्वरी ने प्रौद्योगिकी के उपयोग के बारे में सावधानी बरतने की अपील करते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी का उपयोग करने वाले व्यक्ति को हमेशा इसका न्यायसंगत तरीके से उपयोग करना पड़ता है ताकि अच्छे उद्देश्य के साथ जनता को सुविधा प्रदान कर सकें। उन्होंने कृषि क्षेत्र का उदाहरण देते हुए कहा कि इस क्षेत्र में रासायनिक उर्वरकों के अंधाधुंध उपयोग के बाद, किसानों को जैविक खेती की तरफ लौटने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
डॉ महेश्वरी ने कहा कि राज्य पुलिस बल की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने और स्थानीय जरूरतों एवं पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित करने के लिए राज्य स्तर पर भी बीपीआर और डी जैसी संस्थाएं स्थापित की जानी चाहिए।
बीपीआर और डी के अपर महानिदेशक, श्री वीएच देशमुख ने फिक्की के सहयोग से आयोजित इस दो दिवसीय सम्मेलन और तकनीकी प्रदर्शनी एवं पुलिस एक्सपो-2018 का भी एक सिंहावलोकन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा से संबंधित अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी से जुड़ी लगभग 65 कंपनियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। श्री देशमुख ने कहा कि 2015 में भुज में आयोजित पुलिस महा-निदेशक और पुलिस महानिरीक्षक वार्षिक सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों के बाद इस सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया था कि युवा पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए और उन्हें नवीनतम तकनीक से परिचित कराना चाहिए।
प्रथम युवा पुलिस अधीक्षक सम्मेलन का आयोजन 2017 में किया गया था और यह इसका द्वितीय आयोजन है। इस सम्मेलन का उद्घाटन केंद्रीय गृह मंत्री ने किया था। सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पुलिस की भूमिका भूमि से समुद्र तट तक फैली है और यह असंख्य चुनौतियों का सामना करती है और जिस तरह के अपराधों से पुलिसकर्मी निपटते हैं वह काफी जटिल हो चुके हैं। उन्होंने कहा था कि प्रौद्योगिकी के इष्टतम उपयोग के साथ विभिन्न इकाइयों के बीच अच्छे समन्वय से बेहतर सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सकता है। यही कारण है कि उभरती प्रौद्योगिकियों के साथ इस क्षेत्र के विशेषज्ञों का संपर्क युवा पुलिस अधिकारियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। फिक्की के महासचिव श्री दिलीप चेनोय ने इस सम्मेलन और पुलिस एक्सपो की समाप्ति पर धन्यवाद प्रस्ताव दिया।