लखनऊः उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा है कि स्थानीय स्कूटर इण्डिया एन्सेलरी इस्टेट नादरगंज आमौसी में जिन लघु इकाइयों को चार दशक पूर्व भूखण्डों एवं शेडों का आवंटन किया गया था, किन्तु उन्हें इनका हस्तांतरण नहीं हो पाया, जल्द से जल्द उद्यमियों के पक्ष में हस्तांतरित करने की कार्यवाही की जाये। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस प्रकरण के संबंध में न्याय विभाग की राय लेकर हस्तांतरण की प्रक्रिया त्वरित गति से निस्तारित की जाय। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि लघु जिन अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा भूखण्डों के हस्तांतरण में लापरवाही बरती गई है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाय।
श्री सिंह आज अपने कार्यालय कक्ष में स्कूटर इण्डिया इस्टेट अमौसी में भूखण्डों के आवंटन के संबंध में बैठक कर रहे थे। उन्होंने इस मामले को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए आश्चर्य व्यक्त किया कि 40 साल पहले लघु इकाइयों की एन्सेलरी यूनिटों को जो भूखण्ड एवं शेड आवंटित किये गये थे, उनका अब तक हस्तांतरण नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि इस संबंध में अमौसी इन्डस्ट्रियल स्टेट लघु उद्यमियों ने लिखित शिकायतें की हैं। हाल ही में इन्टरप्रेन्योर एशोसिएशन लखनऊ के प्रेसिडेंट श्री राम निवास जैन ने भी यह प्रकरण उनके समक्ष रखा था और यह अपेक्षा की थी कि इस प्रकरण का निस्तारण जल्द से जल्द कराया जाय।
लघु उद्योग मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने उद्यमियों के हितों को विशेष महत्व दिया है। सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में अधिक से अधिक औद्योगिक इकाइयां स्थापित हो तथा लोगों को रोजगार के व्यापक अवसर प्राप्त हों। उन्होंने कहा कि जो भी उद्यमी प्रदेश के किसी भी क्षेत्र में उद्यम स्थापित करता है, सरकार उन्हें सभी आवश्यक आवस्थापना सुविधाओं के साथ सहूलियतें सुलभ कराने के लिए संकल्पबद्ध है।
प्रमुख सचिव, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम डा0 नवनीत सहगल ने बैठक में अवगत कराया कि स्कूटर इण्डिया औद्योगिक परिक्षेत्र में विभिन्न लघु उद्यमियों को भूखण्ड एवं शेड आवंटित किये गये थे, किन्तु अपरिहार्य कारणों से भूखण्डों का हस्तांतरण नहीं हो पाया था। उन्होंने कहा यह मामला चार दशक पुराना है। लघु उद्यमियों के हित का ध्यान रखते हुए इस मामले पर शीघ्र ही आवश्यक कार्यवाही की जायेगी। साथ ही भूखण्डों के हस्तांरण हेतु जो भी प्रस्ताव तैयार कराये जायेंगे, उसमें उद्यमी संगठन के सुझावों को विशेष प्राथमिकता दी जायेगी।