लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि अमृत सरोवर हमारी आनेवाली पीढ़ी के लिए वरदान साबित होंगे। श्री मौर्य ने कहा कि जल संरक्षण व संचयन के उद्देश्य से मा० प्रधानमंत्री जी के आह्वान पर बनाये जा रहे अमृत सरोवरो की देखभाल व अनुरक्षण किया जाना बहुत जरूरी है और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वयं सहायता समूहों से चयनित कर अमृत सरोवरो की देखभाल के लिए ’अमृत सरोवर सखी’ के रूप में लगाया जा सकता है। इसके लिए सभी औपचारिकताएं पूरी करते हुए प्रपोजल ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार को भेजने की कार्यवाही की जाए। प्रति अमृत सरोवर पर 2 अमृत सरोवर सखी रखें जाने का प्रपोजल बनाया जाय। प्रदेश में लगभग 13 हजार अमृत सरोवर पूर्ण हो गये हैं। अमृत सरोवरो का निर्माण कार्य अनवरत रुप से चल रहा है। प्रदेश में प्रत्येक ग्राम पंचायत में दो अमृत सरोवर बनाने की राज्य सरकार की योजना है। कुछ जगहों पर निर्धारित क्षेत्रफल के तालाब न होने की बात प्रकाश में आयी है, कहा कि ऐसे तालाबों को भी मनरेगा से सही कराकर जल संचयन के लिए उपयोगी बनाया जाय, और इन्हें अमृत सरोवर के रूप में पहचान दिलाने के लिए नियमों में शिथिलता प्रदान करने हेतु भारत सरकार से पत्राचार किया जाए। उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य गत दिवस विधान भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने यह भी निर्देश दिए कि राजस्व व मत्स्य विभाग द्वारा तालाबों के पट्टा आवंटन की पात्रता की प्राथमिकता श्रेणी मे स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को भी सम्मिलित कराने की कार्यवाही की जाए, इससे महिला सशक्तीकरण व स्वावलंबन का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने बीसी सखी, विद्युत सखी आदि सभी सखियों को कम से कम एक साल तक मानदेय देने हेतु कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए।