नई दिल्ली: सरकार द्वारा कॉल ड्राप के मुद्दे के सम्बन्ध में सक्रिय उपाय लिए जा रहे हैं। दूरसंचार सचिव ने दिनांक 27 अप्रैल 2015 को सभी ऑपरेटरों की एक बैठक बुलाई थी, जिसमें उन्हें स्थिति में पर्याप्त सुधार लाने के निर्देश दिए थे। केन्द्रीय दूर संचार एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री रविशंकर प्रसाद ने इन प्रयासों की स्वयं निगरानी की। इस संदर्भ में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं, जिनके द्वारा भारत सरकार के भवनों पर मोबाइल टावर लगाने की अनुमति दी जाएगी। माननीय मंत्री ने राज्य सरकारों को भी सरकारी भवनों पर मोबाइल टावर लगाने की अनुमति प्रदान करने के सम्बन्ध में लिखा है। केरल सरकार द्वारा इस संबंध में पहले ही अनुमति दी जा चुकी है। डाक विभाग को भी इस सम्बन्ध में पारदर्शी तरीका अपनाने के निर्देश दिए गए हैं। ये सभी पहल पिछले तीन-चार माह के दौरान शुरू की गई हैं।
विभाग सभी ऑपरेटरों के साथ साप्ताहिक या दस दिनों के आधार पर इन सभी प्रयासों की निगरानी कर रहा है। पूरे देश में उनके प्रदर्शन के मूल्यांकन हेतु एक विशेष लेखा परीक्षा भी गई थी। ख़राब परिचालन वाली 34,600 सेलों में से लगभग 16,962 सेल की गुणवत्ता में सुधार हुआ है तथा शेष के कार्य में प्रगति हो रही है। कॉल ड्राप्स के लिए आपरेटरों को प्रोत्साहन या हतोत्साहित करने की सिफारिश करने के बारे में विचार करने हेतु ट्राई से अनुरोध किया गया है।
खासतौर से बिहार में, बीएसएनएल के 7वें चरण के विस्तार में 1150 2जी बीटीएस की योजना बनाई गयी है जिसमें से 620 बीटीएस को स्थापित किया गया है जो कार्यरत है। बिहार में 228 3जी बीटीएस में से में 120 स्थापित किये गए हैं, जो कार्यरत हैं। बीएसएनएल का एक विशेषज्ञ दल स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए क्षेत्र का लगातार दौरा कर रहा है। विभाग की निगरानी के अंतर्गत अन्य निजी ऑपरेटर जैसे एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया आदि भी बिहार में नए मोबाइल टॉवेरों को स्थापित करके तथा क्षमता-वर्धन द्वारा अपने नेटवर्क में सुधार लाने हेतु प्रयासरत हैं। बिहार एवं देश के अन्य भागों में स्थिति में सुधार आना शुरू हो गया है। एक सतत प्रक्रिया के रूप में आगे सुधार लाने के लिए इसकी लगातार निगरानी की जाएगी। हमारी सरकार इस दिशा में प्रतिबद्ध है।