नई दिल्ली: सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री विजय साम्पला ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि मंत्रालय द्वारा तैयार की गई नशीली दवा की मांग में कमी की नीति के मसौदे में, देश के प्रत्येक जिले में नशा-मुक्ति केंद्र को सहायता देने अथवा व्यसन की आवश्यकता के अनुरूप इलाज की सुविधा तथा अन्य बातों के साथ-साथ किशोर सुधार गृहों एवं कारागारों में इलाज की सुविधाओं की उपलब्धता को आसान बनाने की परिकल्पना की गई है। उन्होंने बताया कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ‘’मद्यपान और नशीले पदार्थ (दवा) दुरूपयोग की रोकथाम के लिए सहायता की केंद्र क्षेत्र योजना‘’ कार्यान्वित करता है जिसमें व्यसनियों के पुनर्वास हेतु संयुक्त/समेकित सेवाएं प्रदान करने के लिए पात्र गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ), पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई), शहरी स्थानीय निकायों इत्यादि को एकीकृत व्यसनी पुनर्वास केंद्रों (आईआरसीए) के संचालन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने की व्यवस्था है।