लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सिंचाई एवं सिंचाई (यांत्रिक) मंत्री श्री धर्मपाल सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि मुख्यमंत्री जी द्वारा सिंचाई विभाग की समीक्षा के दौरान दिये गये निर्देशों का अनुपालन प्रत्येक दशा में सुनिश्चित किया जायें। उन्होने कहा कि मुख्य मंत्री जी द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुपालन में शीथिलता अथवा लापरवाही किसी भी दशा में बरदास्त नही की जायेगी। श्री धर्मपाल सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि मुख्य मंत्री जी के निर्देशानुसार बाढ़ सुरक्षात्मक अवशेष कार्यो को 30 जून तथा नहरों/माइनरो की सफाई का कार्य वर्षा प्रारम्भ होने से पहले हर-हाल में पूर्ण किया जाये।
सिंचाई मंत्री ने आज सिंचाई विभाग के मुख्यालय पर मुख्य मंत्री जी द्वारा सिंचाई विभाग की समीक्षा के दौरान दिये गये निर्देशों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रहे थे। सिंचाई मंत्री जी ने कहा कि पिछली सरकारों की तुलना में वर्तमान सरकार के 2 वर्षो के कार्यकाल में 3 लाख हे0 अतिरिक्त सिंचाई क्षमता में वृद्धि की गयी है। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार अब नहरों में टेल तक नहीं बल्कि किसानों के हर खेत तक पानी पहुचाने के लिए प्रतिबद्ध है। श्री सिंह ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सरकार एवं शासन की मंशा के अनुरूप नहरांे की सिल्ट सफाई करके किसानों के खेत तक पानी उपलब्ध कराया जायें।
श्री धर्मपाल सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि संवेदनशील बाधों को चिन्हित कर बाढ़ सुराक्षात्मक कार्यो का लगातार अनुरक्षण करते रहे तथा बाधों के मरम्मत आदि कार्यो को 30 जून तक पूर्ण करना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि सिल्ट सफाई के कार्यो की विडियों ग्राफी एवं फोटोग्राफी अनिवार्य रूप से होनी चाहिए तथा जनप्रतिनिधि एवं जिलाधिकारी से भी सत्यापित का प्रमाण पत्र लाये। श्री सिंह ने कहा कि नहरों की पटरियों के गड्डामुक्ति एवं नवीनीकरण के अवशेष कार्यो को अभियान चलाकर पूर्ण किया जाये।
सिंचाई मंत्री ने मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर प्रदेश में इजराइल तकनीकी द्वारा होने वाली ड्रिप सिंचाई तकनीक के अध्ययन के लिए तत्काल एक टीम गठित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पेयजल और सिंचाई के संकट के समाधान के लिए इजराइल की पद्धति को लागू किया जाना आवश्यक है। श्री सिंह ने कहा कि इजराइल की सिंचाई पद्धति के अध्ययन के लिए जाने वाली टीम में मैं स्वयं भी शामिल रहूंगा। उन्होंने कहा कि सिंचाई विभाग में स्वर्णिम युग लाने के लिए परिवर्तन एवं परावर्तन आवश्यक है। श्री सिंह ने कहा कि जमीन, पानी, नदी, सफाई एवं फाइलों का समयबद्ध निस्तारण करके विभाग में स्वर्णिम युग लाया जा सकता है।
प्रमुख अभियन्ता एवं विभागाध्यक्ष ने सिंचाई मंत्री को मुख्यमंत्री के सामने विभाग द्वारा प्रस्तुत किये कार्यों की जानकारी से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी के सामने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत बाणसागर, अर्जुन सहायक, मध्य गंगा नहर परियोजना-2, सरयू नहर सिंचाई परियोजनाओं तथा बुन्देलखण्ड की पहाड़ी आधुनिकीकरण परियोजना, पहुंच बांध स्पिल-वे तथा जमरार बांध परियोजना का प्रस्तुतीकरण किया गया। प्रमुख अभियन्ता ने सिंचाई मंत्री को अवगत कराया कि मुख्यमंत्री जी ने विभाग की प्रस्तुतीकरण पर संतोष व्यक्त किया तथा अन्य विभागों को भी सिंचाई विभाग की ही तरह प्रस्तुतीकरण के निर्देश दिये। उन्होंने मंत्री जी को आश्वस्त कराया कि मुख्यमंत्री जी के जो भी निर्देश है, उनका पूर्णतया पालन निर्धारित समय सीमा में सुनिश्चित किया जायेगा।