प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के समारोह में भाग लेने के लिए जम्मू-कश्मीर का दौरा किया और देश भर की सभी ग्राम सभाओं को संबोधित किया। उन्होंने सांबा जिले के पल्ली पंचायत का दौरा किया। प्रधानमंत्री ने लगभग 20,000 करोड़ रुपये की कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। उन्होंने अमृत सरोवर पहल का भी शुभारंभ किया। इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा, केंद्रीय मंत्री श्री गिरिराज सिंह, डॉ जितेंद्र सिंह और श्री कपिल मोरेश्वर पाटिल उपस्थित थे।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जम्मू-कश्मीर की विकास यात्रा में एक ऐतिहासिक दिन है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के लोगों को उनके उत्साह के लिए धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, इस राज्य के साथ अपने लंबे जुड़ाव के कारण, वे यहां की समस्याओं को समझते हैं और आज परियोजनाओं के लोकार्पण एवं शिलान्यास में कनेक्टिविटी की ओर ध्यान केंद्रित करने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “यहां कनेक्टिविटी और बिजली से जुड़े 20 हज़ार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है। जम्मू-कश्मीर के विकास को नई रफ्तार देने के लिए राज्य में तेजी से काम चल रहा है। इन प्रयासों से बहुत बड़ी संख्या में जम्मू-कश्मीर के नौजवानों को रोजगार मिलेगा।” उन्होंने कहा कि आज अनेक परिवारों को गांवों में उनके घर के प्रॉपर्टी कार्ड भी मिले हैं। ये स्वामित्व कार्ड गांवों में नई संभावनाओं को प्रेरित करेंगे। 100 जनऔषधि केंद्र जम्मू कश्मीर के गरीब और मिडिल क्लास को सस्ती दवाएं, सस्ता सर्जिकल सामान देने का माध्यम बनेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की सभी योजनाएं जम्मू-कश्मीर में लागू की जा रही हैं और लोगों को उनका लाभ मिल रहा है। एलपीजी, शौचालय, बिजली, भूमि अधिकार और पानी के कनेक्शन की योजनाओं से गांव के लोग सबसे अधिक लाभ प्राप्त कर रहे हैं। मंच पर पहुंचने से पहले प्रधानमंत्री ने संयुक्त अरब अमीरात के प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने कहा कि विकास की नई कहानी लिखी जा रही है और कई निजी निवेशक जम्मू-कश्मीर में रुचि रखते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के 7 दशकों में जम्मू-कश्मीर में सिर्फ 17 हजार करोड़ रुपये का निजी निवेश हो सका। लेकिन अब यह धनराशि 38,000 करोड़ रुपये के करीब पहुंच गई है। पर्यटन भी एक बार फिर फल-फूल रहा है।
प्रधानमंत्री ने तीन हफ्ते में लगने वाले 500 किलोवाट के सोलर प्लांट का उदाहरण देते हुए जम्मू-कश्मीर में कार्यप्रणाली में हुए बदलाव के बारे में कहा कि पहले दिल्ली से फाइल आने में भी 2-3 हफ्ते लगते थे। उन्होंने कहा कि पल्ली पंचायत के सभी घरों में सौर ऊर्जा प्राप्त करना ग्राम ऊर्जा स्वराज का एक आदर्श उदाहरण है और काम करने का बदला हुआ तरीका जम्मू-कश्मीर को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। प्रधानमंत्री ने जम्मू के युवाओं को आश्वासन देते हुए कहा, “दोस्तो, मेरी बातों पर विश्वास करो, घाटी के युवा मेरे शब्दों को ध्यान से सुनो, आपके माता-पिता और दादा-दादी ने जिन समस्याओं का सामना किया, आपको उन समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। मैं इसे पूरा करूंगा और मैं आपको इसका आश्वासन देने आया हूं।”
श्री मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंचों पर भारत के नेतृत्व के बारे में चर्चा की और पल्ली पंचायत द्वारा पहली कार्बन न्यूट्रल पंचायत बनने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “पल्ली पंचायत देश की पहली कार्बन न्यूट्रल पंचायत बनने की ओर अग्रसर है। आज मुझे पल्ली गांव में देश के गांवों के जनप्रतिनिधियों से भी बातचीत करने का मौका मिला है। इस बड़ी उपलब्धि और विकास कार्यों के लिए जम्मू-कश्मीर को बहुत-बहुत बधाई।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि “इस बार का पंचायती राज दिवस, जम्मू कश्मीर में मनाया जाना, एक बड़े बदलाव का प्रतीक है।” श्री मोदी ने गहरा संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि ये बहुत ही गर्व की बात है कि लोकतंत्र जम्मू-कश्मीर में ग्रास रूट तक पहुंचा है। लोकतंत्र ने जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर पहुंच बनाई है। प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा, “बात लोकतंत्र की हो या संकल्प विकास का, आज जम्मू-कश्मीर नया उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। बीते 2-3 सालों में जम्मू-कश्मीर में विकास के नए आयाम बने हैं।” जम्मू-कश्मीर में पहली बार त्रिस्तरीय पंचायती राज प्रणाली- ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और डीडीसी के चुनाव हो चुके हैं।
देश की विकास यात्रा में जम्मू-कश्मीर को शामिल करने की प्रक्रिया का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में 175 से ज्यादा केंद्रीय कानून लागू हो गए हैं। इसका सबसे बड़ा लाभ क्षेत्र की महिलाएं, गरीब और वंचित वर्ग को हुआ है। उन्होंने आरक्षण संबंधी कानूनों में विसंगतियों को दूर करने की भी बात की। उन्होंने कहा, “दशकों-दशक से जो बेड़ियां वाल्मीकि समाज के पांव में डाल दी गई थीं, उनसे वो मुक्त हुआ है। आज हर समाज के बेटे-बेटियां अपने सपनों को पूरा कर पा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में बरसों तक जिन साथियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिला, अब उन्हें भी आरक्षण का लाभ मिल रहा है।”
अपने दृष्टिकोण ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के बारे में चर्चा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, “जब मैं एक भारत, श्रेष्ठ भारत की बात करता हूं, तब हमारा फोकस कनेक्टिविटी पर होता है, दूरियां मिटाने पर भी होता है। दूरियां चाहे दिलों की हो, भाषा-व्यवहार की हो या फिर संसाधनों की, इनको दूर करना आज हमारी बहुत बड़ी प्राथमिकता है।”
प्रधानमंत्री ने देश के विकास में पंचायतों की भूमिका के बारे में चर्चा करते हुए कहा “आजादी का ये ‘अमृतकाल’ भारत का स्वर्णिम काल होने वाला है। ये संकल्प सबका प्रयास से सिद्ध होने वाला है। इसमें लोकतंत्र की सबसे ज़मीनी ईकाई, ग्राम पंचायत की, आप सभी साथियों की भूमिका बहुत अहम है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार की कोशिश यही है कि गांव के विकास से जुड़े हर प्रोजेक्ट को प्लान करने, उसके अमल में पंचायत की भूमिका ज्यादा हो। उन्होंने कहा, “इससे राष्ट्रीय संकल्पों की सिद्धि में पंचायत अहम कड़ी बनकर उभरेगी।” प्रधानमंत्री ने कहा कि 15 अगस्त, 2023 तक हर जिले में 75 सरोवर बनकर तैयार हो जाएंगे। उन्होंने आग्रह किया कि इन सरोवरों को शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर पेड़ों से सजाया जाए। श्री मोदी ने ग्राम पंचायतों में पारदर्शिता और सशक्तिकरण पर जोर देने के बारे में भी विस्तार से बताया। ई-ग्राम स्वराज जैसे उपायों द्वारा योजना से लेकर भुगतान तक की प्रक्रियाओं को जोड़ दिया जा रहा है। पंचायतों का ऑनलाइन ऑडिट किया जाएगा और सभी ग्राम सभाओं के लिए नागरिक चार्टर की एक प्रणाली सभाओं को कई भूमिकाएं निभाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने इन संस्थानों और ग्राम शासन विशेषकर जल प्रशासन में महिलाओं की भूमिका पर भी प्रकाश डाला।
प्राकृतिक खेती पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि धरती मां को कैमिकल से मुक्त करना ही होगा, क्योंकि यह भूमि और भूजल को नुकसान पहुंचा रहा है। उन्होंने कहा कि इसलिए प्राकृतिक खेती की तरफ हमारा गांव, हमारा किसान बढ़ेगा तो पूरी मानवता को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत के स्तर पर कैसे प्राकृतिक खेती को हम प्रोत्साहित कर सकते हैं, इसके लिए भी सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। इसी तरह, ग्राम पंचायतों को ‘सबका प्रयास’ के बल पर एक और काम भी करना होगा। उन्होंने कहा, “कुपोषण से, अनीमिया से, देश को बचाने का जो बीड़ा केंद्र सरकार ने उठाया है उसके प्रति जमीनी स्तर पर लोगों को जागरूक भी करना है। अब सरकार की तरफ से जिन योजनाओं में भी चावल दिया जाता है, उसको फोर्टिफाइड किया जा रहा है।”
अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर के संबंध में संवैधानिक सुधारों की शुरुआत के बाद से, सरकार ने अभूतपूर्व गति से शासन में सुधार और क्षेत्र के लोगों के लिए जीवन की सुगमता बढ़ाने के लिए व्यापक सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित किया है। जिन परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया और जिनका शिलान्यास किया गया, वे बुनियादी सुविधाओं के प्रावधान को सुगम बनाने, गतिशीलता में आसानी और क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास को सुनिश्चित करने में एक लंबा सफर तय करेंगे।
प्रधानमंत्री ने 3100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनी बनिहाल काजीगुंड सड़क सुरंग का लोकार्पण किया। 8.45 किमी लंबी सुरंग बनिहाल और काजीगुंड के बीच सड़क की दूरी को 16 किमी कम कर देगी और यात्रा के समय को लगभग डेढ़ घंटे कम कर देगी। यह एक दोहरी ट्यूब सुरंग है – प्रत्येक दिशा की यात्रा के लिए एक-एक, रख-रखाव और आपातकालीन निकासी के लिए दोहरी ट्यूबों को हर 500 मीटर पर एक क्रॉस मार्ग से जोड़ दिया गया है। यह सुरंग जम्मू-कश्मीर के बीच हर मौसम में संपर्क स्थापित करने के साथ-साथ दोनों क्षेत्रों को करीब लाने में मदद करेगी।
प्रधानमंत्री ने दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे के तीन रोड पैकेजों का शिलान्यास किया, जो कि 7500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बन रहे हैं। वे राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर बाल्सुआ से गुरहाबैलदारन, हीरानगर; गुरहाबैलदारन, हीरानगर से जाख, विजयपुर; और जाख, विजयपुर से कुंजवानी, जम्मू, जम्मू हवाई अड्डे से स्पर कनेक्टिविटी के साथ 4/6 लेन एक्सेस नियंत्रित दिल्ली-कटरा-अमृतसर एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए हैं।
प्रधानमंत्री ने रतले और क्वार जलविद्युत परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी। किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर लगभग 5,300 करोड़ रुपये की लागत से 850 मेगावाट की रतले जलविद्युत परियोजना का निर्माण किया जाएगा। 540 मेगावाट की क्वार जलविद्युत परियोजना भी किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर 4500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाई जाएगी। दोनों परियोजनाओं से क्षेत्र में बिजली की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी।
जम्मू-कश्मीर में जन औषधि केंद्रों के नेटवर्क का और विस्तार करने और सस्ती कीमतों पर अच्छी गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराने के लिए, प्रधानमंत्री द्वारा 100 केंद्रों को कार्यात्मक और राष्ट्र को समर्पित किया गया है। ये केंद्र केंद्र-शासित प्रदेश के सुदूर कोनों में स्थित हैं। वह पल्ली में 500 किलोवाट के सौर ऊर्जा संयंत्र का भी उद्घाटन करेंगे, जो इसे कार्बन न्यूट्रल बनने वाली देश की पहली पंचायत बना देगा।
प्रधानमंत्री ने लाभार्थियों को स्वामित्व कार्ड सौंपे। उन्होंने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर पंचायतों को पुरस्कार राशि भी अंतरित की, जो उनकी उपलब्धियों के लिए विभिन्न श्रेणियों में दिए गए पुरस्कारों के विजेता हैं। प्रधानमंत्री ने इंटेक फोटो गैलरी और भारत में आदर्श स्मार्ट गांव बनाने के लिए डिजाइन किया गया एक ग्रामीण उद्यमिता-आधारित मॉडल नोकिया स्मार्टपुर को भी देखा, जिसमें क्षेत्र की ग्रामीण विरासत को दर्शाया गया है।
जलाशयों का कायाकल्प सुनिश्चित करने की दृष्टि से, प्रधानमंत्री ने अमृत सरोवर नामक एक नई पहल का भी शुभारंभ किया। इसका उद्देश्य आजादी का अमृत महोत्सव के उत्सव के रूप में देश के प्रत्येक जिले में 75 जलाशयों का विकास और कायाकल्प करना है।