केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (डीओएनईआर) तथा प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा एवं अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि, कोविड महामारी ने भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल को दोनों के लिए ही लाभ की स्थिति के साथ मजबूत किया है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित दूसरे जन स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन 2021 को संबोधित करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि, उद्योग और जन स्वास्थ्य विशेषज्ञों के बीच यह साझेदारी स्वास्थ्य देखभाल एवं निदान प्रणाली, टीका विकास, अनुसंधान व विकास, ग्रामीण क्षेत्रों के लिए टेलीमेडिसिन सुविधाएं तथा दवाओं की डिजिटल डिलीवरी जैसे विभिन्न मॉडलों पर काम करने के इस्तेमाल की जा सकती है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, यह साझेदारी परिवर्तनकारी साबित हो सकती है और यह भारत में स्वास्थ्य क्षेत्र को सही मायने में बदलकर रख देगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किए गए दुनिया के सबसे बड़े नि:शुल्क टीकाकरण अभियान का उल्लेख करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि, 32 करोड़ से अधिक टीके लगाने के साथ ही भारत, दुनिया में सबसे तेज गति से टीकाकरण करने वाला देश है। उन्होंने कहा, यह न केवल इसे दुनिया का सबसे तेज गति वाला टीकाकरण अभियान बनाता है, बल्कि देश की विषम परिस्थियों तथा 135 करोड़ की विशाल आबादी होने के बावजूद बड़ी सहजता आगे बढ़ने के कारण इसे विशिष्ट भी बनाता है।
टेलीमेडिसिन स्वास्थ्य सुविधाओं की आवश्यकता पर जोर देते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने खेद प्रकट किया कि, देश में इन सेवाओं पर वांछित ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि, अब समय आ गया है जब लोगों को घर बैठे मुफ्त परामर्श प्रदान करने के लिए विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में इसे बड़े पैमाने पर शुरू किया जाए। डॉ. सिंह ने कहा कि, शिफ्ट के आधार पर मरीजों को टेली-परामर्श देने के लिए पूरे भारत में मान्यता प्राप्त डॉक्टरों के पैनल के वास्ते दिशानिर्देश पहले से मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि उनके लोकसभा क्षेत्र ऊधमपुर-कठुआ-डोडा के जिला अस्पताल कठुआ में सभी पंचायतों से जुड़ी हुई टेली-परामर्श सुविधा स्थापित की गई है और नियमित रूप से इसकी निगरानी की जा रही है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2018 में शुरू की गई एक विशिष्ट तथा सफल स्वास्थ्य बीमा योजना के रूप में आयुष्मान भारत योजना की सराहना करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह योजना एक महत्वपूर्ण पड़ाव पर पहुंच चुकी है और इस योजना के अंतर्गत कोविड के उपचार को भी शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि सस्ती एवं सुलभ गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं के साथ, आयुष्मान योजना “केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित दुनिया का सबसे बड़ा स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम” है, जो 50 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को लक्षित करता है।
पिछले वर्ष लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन की घोषणा का जिक्र करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इससे देश के भीतर स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन पूरी तरह से प्रौद्योगिकी आधारित पहल होगी और प्रत्येक भारतीय को एक स्वास्थ्य पहचान पत्र मिलेगा, जिसमें उस व्यक्ति की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य संबंधी स्थिति के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध होगी। डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि, रोगों की प्रभावी निगरानी व निरीक्षण तथा इसके सफल प्रबंधन के लिए जन स्वास्थ्य को प्रौद्योगिकी एवं डेटा द्वारा संचालित किया जाना चाहिए।
अपने संबोधन के समापन पर डॉ. जितेंद्र सिंह ने उद्योग निकायों से स्वास्थ्य पेशेवरों के साथ मिलकर काम करने का आह्वान किया ताकि कोविड महामारी की तीसरी लहर के बारे में लोगों की घबराहट दूर हो जाये। उन्होंने कहा कि, सभी को कोविड की दूसरी लहर को प्रभावी तरीके से समाप्त करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। डॉ. सिंह ने दोहराया कि, कोविड महामारी से घबराना नहीं चाहिए और इससे लड़ने के लिए हमारा मुख्य जोर ‘एहतियात’ पर होना चाहिए।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया अपने संबोधन के दौरान भारत में स्वास्थ्य बजट के रूप में सकल घरेलू उत्पाद के लगभग 2.5 प्रतिशत हिस्से के साथ एक मजबूत स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली का आह्वान किया। डॉ. गुलेरिया ने स्वास्थ्य के राज्य का विषय होने के बावजूद स्वास्थ्य के मुद्दों पर केंद्र तथा राज्यों के बीच घनिष्ठ सहयोग की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि, ग्रामीण एवं दूरदराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए देश में विशेष कार्यबल को बढ़ाने तथा स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के उन्नतीकरण की आवश्यकता है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. आर. एस. शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि, टीकाकरण के लिए बनाया गया कोविन पोर्टल पोर्टेबिलिटी, स्केलेबिलिटी तथा समावेशिता के मामले में दुनिया भर में अद्वितीय है और साथ ही यह एक नागरिक केंद्रित प्लेटफार्म है। उन्होंने कहा कि, इस पोर्टल पर लोगों को पंजीकृत करने की एक बहुत ही सरल प्रक्रिया के साथ 300 मिलियन से अधिक पंजीकरण तथा टीकाकरण की जानकारी प्रत्येक व्यक्ति के संक्षिप्त विवरण के साथ उपलब्ध है। डॉ. शर्मा ने बताया कि लैटिन अमेरिका, अफ्रीका तथा एशिया के 50 से अधिक देशों ने हमारी टीकाकरण प्रणाली में रुचि दिखाई है और हम उनके साथ इस तकनीक नि:शुल्क को साझा करेंगे।