देहरादून: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कैनाल रोड देहरादून स्थित एक स्थानीय फार्म हाउस में सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित सम्मान समारोह ‘‘पराक्रम पर्व’’ में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने उपस्थित एनसीसी कैडेटस को सम्मानित किया तथा युवा कैडेटस का उत्साहवर्द्धन किया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि दो वर्ष पूर्व 29 सितम्बर को भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक किया तथा 38 आंतकी घुसपैठियों को समाप्त किया। यह एक बड़ा साहसिक निर्णय व कार्य था। प्रधानमंत्री व देश को अपने सैनिकों की अदम्य क्षमता, साहस, पराक्रम, आत्मबल व वीरता पर अटूट विश्वास था। हम कूटनीतिज्ञ क्षेत्र में भी सफल रहे। प्रधानमंत्री ने पड़ोसी देश को स्पष्ट संदेश दिया कि बातचीत व बंदूक साथ-साथ नही चल सकती। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हाल ही में जम्मू एवं कश्मीर के पुलिस विभाग से जारी आकड़ों से पता चलता है कि जम्मूं एव कश्मीर में आतंकी घटनाओं में कमी आई है। 2017 में संचालित आॅपरेशन आॅल आउट में भी आंतकीयों को समाप्त किया गया। 2018 में 150 आतंकी मारे गये। हम विस्तार में विश्वास नही करते, परन्तु हम देश की रक्षा चाहते है। हम अपने वीर जवानों को बधाई व शुभकामनाएं देते है व उनके साहस व वीरता को सलाम करते है। हम कश्मीर समस्या के समाधान की ओर बढ़ रहे है। जहां एक ओर सेना देश रक्षा का कर्तव्य निभा रही है, आम जन को सेना का मनोबल बढ़ाना चाहिए।
इस अवसर पर विधायक श्री गणेश जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व में राज्य सरकार सैनिकों व उनके परिवारों के कल्याण के लिए निरन्तर प्रयासरत है। राज्य सरकार द्वारा शहीद सैनिक के एक परिजन के लिए नौकरी का प्रावधान कर दिया गया है। सैनिकों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रत्येक जिले में एडीएम स्तर के एक अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिया गया है। देहरादून व हल्द्वानी में सैनिक परिवार के छात्र-छात्राओं के लिए एक-एक आवासीय भवन की व्यवस्था की गई है। केन्द्र सरकार द्वारा वन रैंक वन पेंशन को लागू किया गया। हम अपने सैनिकों व उनके परिवारो के कल्याण व विकास के लिए निरन्तर कार्य कर रहे है।