देहरादून: विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस पर न्यू कैंट रोड़ स्थित सीएम आवास में आयेजित कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि अल्पसंख्यकों के अधिकारों का सम्मान, सरकार व समाज का प्रमुख दायित्व होता है। इसीलिए हमारे संविधान में भी इसे सम्मिलित किया गया है। कार्यक्रम का आयोजन राज्य अल्पसंख्यक आयोग द्वारा किया गया था।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि आज का दिन अल्पसंख्यकों के अधिकारों का सम्मान करने का संकल्प लेने का दिन है। पूरा विश्व समुदाय इसका संकल्प ले रहा है। हम भी इसके लिए संकल्पबद्ध हैं। हमारी संस्कृति, भाषाएं, विश्वास अलग-अलग हैं, परंतु एक दूसरे के प्रति सम्मान व विश्वास की भावना हमें जोड़े रखती हैं। इंसानियत से बड़ा कोई कानून नहीं है।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य में अल्पसंख्यकों के लिए काफी काम किया गया है। ‘मेरे बुजुर्ग मेरे तीर्थ’ योजना में अजमेर शरीफ व हेमकुण्ट साहिब को भी शामिल किया जाएगा। गुरू गोविंद सिंह जी का प्रकाश पर्व राज्य भर में आयेजित किया जाएगा। राज्य में एक पार्क में महाराजा रणजीत सिंह जी की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। महाराजा रणजीत सिंह बहादरी के राष्ट्रीय प्रतीक थे। मदरसा को आधुनिक व तकनीकी शिक्षा से जोड़ा जा रहा है। दीनी तालिम के साथ बुनियादी तालिम भी जरूरी है। क्रिश्चियन समुदाय के पुराने कालेज व स्कूलों को मदद देने की योजना बनाई जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि एमएसडीपी के तहत 90 करोड़ रूपए की योजना बनाकर भारत सरकार को भेजी जा रही है। मुस्लिम बालिकाओं व अल्पसंख्यकों के चिन्हित वर्गों की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष छात्रवृŸायां प्रारम्भ की गई हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए अल्पसंख्यक समाज के बच्चों को मदद की जा रही है। पंजाबी व उर्दू के शिक्षकों के पद निकाले गए हैं। पंजाबी व उर्दू अकादमी का गठन भी जल्द ही कर दिया जाएगा। अल्पसंख्यक युवाओं के स्किल डेवलपमेंट के लिए बुनकर परिषद बनाई जा चुकी है। अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए जा चुके हैं कि कब्रिस्तानें की भूमि पर अतिक्रमण न हों। मुख्यमंत्री श्री रावत वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से हरिद्वार, डोईवाला, रूद्रपुर व अन्य स्थानों पर अल्पसंख्यक वर्गों के लोगों से रूबरू भी हुए।
राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा कि इस वर्ष अल्पसंख्यक अयोग को 77 शिकायतें प्राप्त हुई थीं जिनमें से 56 का निस्तारण किया जा चुका है। हुनर परिषद द्वारा निस्बड के माध्यम से युवाओं को ट्रेनिंग दी जा रही है। अल्पसंख्यक छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए 5 लाख रूपए तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है। हर विभाग द्वारा अपने बजट का 15 प्रतिशत अल्पसंख्यकों से संबंधित योजनाओं पर व्यय करने का शासनादेश जारी हो चुका है। इस अवसर पर केबिनेट मंत्री प्रीतम सिंह, देहरादून के मेयर विनोद चमोली, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती सरोजनी कैन्त्यूरा, राज्य अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष सतीश जॉन, पुलिस महानिदेशक एमए गणपति, सचिव डा. भूपिंदर कौर औलख सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी व अल्पसंख्यक समुदाय के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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